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सजा. हत्या मामले में चार को आजीवन सश्रम कारावास की सुनायी सजा

फैसला आने में लगा 40 साल षष्ठम एडीजे ने सुनाया फैसला 1976 में हुई थी प्राथमिकी, लौकही थाना क्षेत्र का मामला विचारण के दौरान आठ अभियुक्त को हो चुकी है मौत मधुबनी :लौकही थाना कांंड संख्या 13/76 का फैसला चालीस साल बाद आखिरकार मंगलवार को आ गया. इसमें आरोपित चार लोगों को आजीवन कारावास की […]

फैसला आने में लगा 40 साल

षष्ठम एडीजे ने सुनाया फैसला
1976 में हुई थी प्राथमिकी, लौकही थाना क्षेत्र का मामला
विचारण के दौरान आठ अभियुक्त को हो चुकी है मौत
मधुबनी :लौकही थाना कांंड संख्या 13/76 का फैसला चालीस साल बाद आखिरकार मंगलवार को आ गया. इसमें आरोपित चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई. जबकि कांड के आठ अन्य आरोपितों की इन चालीस साल में मौत हो चुकी है. व्यवहार न्यायालय के अब तक के सबसे पुराने केस के इस फैसले को सुनने के लिये व्यवहार न्यायालय में उपस्थित अधिकांश लोगों की नजरें टिकी हुई थी.
षष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सुनायी सजा
षष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार शर्मा के न्यायालय में चालीस वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में सजा के विंदु पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद न्यायालय दोषी अभियुक्त वासुदेव पोद्धार, छुतहरू मंडल, मुखदेव साह एवं मिश्री लाल मंडल को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा मंगलवार को सुनायी है. साथ ही सभी अभियुक्तों को दस दस हजार रुपये की जुर्माना भी लगाया है.
जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह महीना अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सभी अभियुक्तों की उम्र 65 वर्ष से 80 वर्ष तक है. वे लौकही थाना क्षेत्र के नरेंद्रपुर टोला मैनही का रहने वाला है. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक मिथिलेश झा ने बहस करते हुए न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा कि मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता कमल नारायण यादव ने बहस करते हुए न्यायालय से अभियुक्तों की अधिक उम्र को देखते हुए कम से कम सजा की मांग की थी.
फैसला सुनने को न्यायालय में लगी रही लोगों की भीड़
विवाद में गई पंडित की जान
उक्त मामले में मृतक अनंत झा मैनही गांव में पुरोहित का कार्य करते थे. घटना से दो दिन पहले अनंत झा सहदेव मंडल के यहां दुर्गा पाठ कराने आए थे. गांव में भूदानियों एवं भूधारियों के बीच भूमि विवाद में अनंत झा भूधारियों का पैरवी कर रहे थे. मृतक अनंत झा लौकही थाना रहने वाले थे. लेकिन घटना के चार पांच वर्ष के अधिक दिनों से नेपाल के जिला सप्तरी महुआ गांव में रह रहे थे.
1976 का है मामला
अपर लोक अभियोजन मिथिलेश झा के अनुसार न्यायालय का यह सबसे पुराना मामला है. जिसमें भूमि विवाद में अनंत झा मृतक को उक्त आरोपी द्वारा नाजायज मजमा बनाकर लाठी भाला, फरसा से लैस होकर मारपीट कर जख्मी कर दिया. जिसे महादेव मठ अस्पताल ले जाया गया था .
वहां से रेफर होकर दरभंगा अस्पताल जाने के दौरान रास्ते में ही अनंत झा की मौत हो गयी थी. इस बाबत लौकही थाना क्षेत्र के नरेंद्रपुर टोले मैनही निवासी सूचक मोती लाल इसर के दिनांक 25 सितंबर 1976 के दिए बयान पर लौकही थाना कांड संख्या 13/76 दर्ज किया गया था.
आठ अभियुक्तों का हो चुका है निधन
अपर लोक अभियोजक मिथिलेश झा के अनुसार उक्त मामलें में चौदह अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. लेकिन संज्ञान से पहले एक अभियुक्त की मौत व दूसरा फरार घोषित हो चुका था. वहीं बारह अभियुक्तों में से आठ अभियुक्तों की मौत चालीस वर्ष के विचारण के दौरान हो चुकी है. वहीं बचे चार अभियुक्तों को न्यायालय ने सजा दी. उक्त मामले में अभियोजन के ओर पंद्रह साक्षियों को न्यायालय में पेश किया गया.

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