मधुबनीः दो दिवसीय शौचालय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुक्रवार को नगर भवन में समापन हो गया. इस दौरान जयनगर, फुलपरास एवं झंझारपुर के जनप्रतिनिधि, पीओ, पीटीए एवं अन्य विभागीय कर्मचारियों को मनरेगा योजना के लेकर व्यापक रूप से जानकारी दी गयी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपविकास आयुक्त डीएन मंडल ने कहा कि शौचालय निर्माण योजना विगत कई वर्षो से चलायी जा रही है. इसमें जिला प्रशासन व विभाग ने अपने स्तर से हर संभव कोशिश की कि अधिक से अधिक लोग अपने घरों में शौचालय का निर्माण करायें. लेकिन लोगों में जागरूकता का अभाव, काफी कम राशि सहयोग के रूप में दिये जाने के कारण यह काफी अधिक प्रभावकारी नहीं हो सका. लेकिन इस वर्ष मनरेगा एवं निर्मल भारत अभियान के संयुक्त रूप से योजना चलायी जा रही है जिसमें लाभुकों को ना सिर्फ अधिक सहायता राशि दी जा रही है. बल्कि यह एक मिशन के रूप में विभाग द्वारा लिया गया है. उन्होंने इसमें जन प्रतिनिधि से सहयोग करने की अपील की.
मनरेगा योजना के तहत बनने वाले शौचालय निर्माण योजना में लाभुकों को अब कार्यालय व विभाग का चक्कर लगाने की समस्या से निजात मिल जायेगा. अब लाभुकों को शौचालय बनाने के तीन दिन बाद ही मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि का भुगतान कर दिया जायेगा. साथ ही निर्मल भारत अभियान योजना के तहत अधिक से अधिक 10 दिन में भुगतान कर दिया जायेगा. नियमों की जानकारी देते हुए डीआरडीए निदेशक रंगनाथ चौधरी ने कहा कि सरकार व विभाग अपने स्तर से शौचालय का निर्माण कार्य को प्रभावकारी बनाने के लिये जुटा हुआ है लेकिन इस योजना की सफलता अब पूर्ण रूप से पंचायत के जनप्रतिनिधि के ऊपर है.
यदि जन प्रतिनिधि जागरूक होकर इसे मिशन के रूप में लेते है तो ना सिर्फ उनका पंचायत स्वच्छ और स्वस्थ रहेगा बल्कि इससे वे राज्य स्तर पर भी अपने पंचायत का नाम स्थापित कर सकते हैं. मौके पर निदेशक मिथिलेश कुमार, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता राम अयोध्या ठाकुर, जिला समन्वयक मनीष कुमार सहित तीनों उक्त अनुमंडल के जनप्रतिनिधि व विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे.