मधुबनी : राज्य सरकार की नयी शराब नीति व बिहार स्टेट विवरेज कारपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से शराब बिक्री की तैयारी का जिला के शराब व्यवसायी संघ ने कड़ा विरोध किया है. शुक्रवार को शराब व्यवसायी संघ ने समाहरणालय के समक्ष पूर्ण शराब बंदी के समर्थन में धरना दिया.
शराब व्यवसायियों का कहना है कि राज्य सरकार ने 26 नवंबर को पूर्ण शराब बंदी की घोषणा की. इसका संघ पूर्णत: स्वागत करता है, लेकिन सरकार की यह कैसी शराब बंदी, जिसमें शराब के व्यवसायियों के रोजी रोटी पर लात मारकर सरकार स्वयं विभाग के माध्यम से शराब की दुकान चलायेगी. शराब व्यवसायी संघ का इसका जोरदार ढंग विरोध करता है. बिहार की सबसे बड़ी शराब बिक्री की संस्था विवरेज कारपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से लोग शराब खरीद सकते हैं, लेकिन खुदरा लाइसेंस धारी को बंद कर दिया जायेगा.
इससे शराब व्यवसायी से जुड़े लाखों परिवार बेघर हो जायेंगे. शराब व्यवसायी ने मुख्यमंत्री एवं जिला पदाधिकारी को इस संबंध में स्मार पत्र देकर पूर्ण शराब बंदी की मांग की है. पूर्ण शराब बंदी को लेकर दिये गये धरना में महिलाओं ने मांग की कि सरकार की यह दोहरी नीति नहीं चलेगी. सरकारी स्तर पर भी शराब बिक्री पूर्णत: बंद हो. ज्ञात हो कि बिहार के उत्पाद आयुक्त कुंवर जंग बहादुर ने राज्य के सभी सहायक आयुक्त उत्पाद एवं जिला के उत्पाद अधीक्षक के नाम जारी पत्र में शराब व्यवसाइयों को यह अादेश है कि सरकार बिहार स्टेट विवरेज कारपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से शराब बेचवाने की तैयारी में हैं.
संघ के सदस्यों ने कहा कि यह पूर्ण शराब बंदी की सरकार की लोकप्रिय घोषणा का मजाक है. धरना में वृज किशोर यादव, देव शंकर यादव, विरेंद्र यादव, रजनीश कुमार, मुकेश कुमार, विवेकानंद, इंद्र नारायण झा, नमो नारायण झा, रवींद्र नारायण, संतोष कुमार, बबीता देवी सहित कई महिलाएं एवं शराब व्यवसायी शामिल थे.