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विकालांगों के लिये मंगाया गया ट्राई साइकिल आग के हवाले!

विकालांगों के लिये मंगाया गया ट्राई साइकिल आग के हवाले!सामने आयी विभाग की लापरवाही चार साल में मात्र 1285 अस्थि विकलांग को मिला ट्राई साइकिल योजना का लाभ फोटो: 1, परिचय पुराने जेल के समीप रखा गया खराब ट्राई साइकिल मधुबनी. अस्थि विकलांगों को सहायता के लिये चलाया गया मुख्यमंत्री विकलांग सशक्तिकरण संबल योजना में […]

विकालांगों के लिये मंगाया गया ट्राई साइकिल आग के हवाले!सामने आयी विभाग की लापरवाही चार साल में मात्र 1285 अस्थि विकलांग को मिला ट्राई साइकिल योजना का लाभ फोटो: 1, परिचय पुराने जेल के समीप रखा गया खराब ट्राई साइकिल मधुबनी. अस्थि विकलांगों को सहायता के लिये चलाया गया मुख्यमंत्री विकलांग सशक्तिकरण संबल योजना में व्यापक तौर पर अनियमितता बरते जाने की बात सामने आ रही है. आलम यह है कि सदर अस्पताल के सामने वाले पुराने जेल परिसर में कई ट्राइ साईिकल ना सिर्फ रख रखाव के कारण खराब हो गया बल्कि इनमें प्रशासन ने आग भी लगा दिया है. यदि विभागीय आंकड़ों की बात सही माना जाय तो जिले में विगत तीन चार साल में आये सभी ट्राई साइकिल का वितरण हो चुका है. यदि विभाग का आंकड़ा सही है तो फिर सवाल यह है कि पुराने जेल में रखा ट्राई साइकिल किसका था जिसे प्रशासन ने जला दिया हे. एक ओर सरकार व विभ्श्रााग गरीबों व विकलांगों के हित के लिये योजनाएं संंचालित कर रही है तो दूसरी ओर विभाग ही इन योजनाओं की मिट्टी पलीद करने पर तुली है. क्या है मामला : सामाजिक सुरक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला में कुल 26387 विकलांग हैं. जिसमें से दृष्टीहीन विकलांग 5706, मुक वधिर 2810, अस्थि विकलांग 16840 एवं मानसिक विकलांग 1031 हैैैै. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्थि विकलांग को ट्राई साइकिल देने का प्रावधान है. जिला समाजिक सरक्षा कोषांग द्वारा पिछले तीन साल मे सिर्फ 1285 लाभुक को ही ट्राइ साइकिल दिया गया है. विभाग की अगर माने तो ट्राईसाइकिल के लिए प्रत्येक साल आवंटन आता है. दो साल से जितना भी ट्राईसाइकिल प्राप्त हुई है, उसे प्रखंडवार विकलांग के संख्या के अनुसार भेज दिया जाता है. विकलांग की साइकिल आग के हवाले जिला प्रशासन का द्वारा ट्राइ साइकिल को पहले वाटसन स्कूल में रखा जाता था. लेकिन वर्ष 11-12 में सभी साइकिल को वहां से हटा कर पुरने जेल में रख दिया गया. रख -रखाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण साल दर साल यह खराब होता चला गया. अब स्थिति यह है कि इनमें से एक भी साइकिल चलने लायक नहीं है. विगत कुछ दिन पूर्व पुराने जेल में रखे मतपेटी को निकालने के दौरान इस साइकिलों में कर्मचारियाें ने आग लगा दिया. चार साल में 1285 को ही मिला लाभ एक ओर सरकार गरीब व विकलांगों के सहायता के लिये योजनाएं संचालित कर रही है तो दूसरी ओर विभाग के कर्मचारी ही इन योजनाओं को धरातल पर लाने मेे लापरवाही बरत रहे हैं. जिस कारण गरीबों को समय पर योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हे. आल यह है कि एक ओर गरीब साइकिल के लिये तरस रहे हैं तो दूसरी ओर सैकड़ों साइकिल को जलाया जा रहा है. विभागीय अधिकारी को इस दिशा में कोई ठोस जानकारी तक नहीं है. आंकड़े बता रहे हैं कि विगत चार साल में मुख्यमंत्री विकलांग संबल योजना के तह त मात्र 1285 लोगों को ही लाभ मिल सका है. सामाजिक सुरक्षा कोषांग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 11-12 में 295 ट्राइ साइकिल का वितरण विकलांगों के बीच किया गया तो 12-13 में 420, 13-14 में 370, 14-15 में अभी तक सिर्फ 200 लाभुक को ही इसका लाभ मिल पाया है.क्या कहते हैं अधिकारी इस बाबत सामाजिक सुरक्षा कोषांग के अधिकारी नरेश झा ने बताया है कि उन्होंने हाल ही में इस विभाग का पदभार ग्रहण किया है. इस मामले की व्यापक जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.

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