मधुबनीः पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट ने दस दिन पूर्व जयनगर में बरामद एक कथित कुकर बम को फिर से चर्चा में ला दिया है.बम ब्लास्ट की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसी की नजर एकबार फिर इस ओर मुड़ती दिखायी दे रही है.ऐसे में कहा जाने लगा है कि यह कुकर बम कहीं पटना ब्लास्ट की तैयारी तो नहीं थी. पर सवाल उठता है कि अगर ऐसा है तो कौन लोग जयनगर में इस तैयारी को अंजाम दे रहे थे.? खुफिया सूत्रों की माने तो हालत ही इस ओर इशारा करता है.
क्योंकि शनिवार की सुबह जयनगर पुलिस ने कथित इस कुकर बम को बरामद किया था. इसके बरामदगी के बाद पूरे शहर और पुलिस महकमा में अफरा तफरी मच गयी थी. जयनगर डीएसपी बताते है कि इसकी जांच के लिये दरभंगा बीएमपी से बम निरोधक दस्ता को बुलाया गया था. पर कुकर के अंदर कुछ नहीं था. सिर्फ उपरी भाग में पटाखा लगे थे जयनगर पुलिस के मुताबिक यह कुकर बम नहीं था. तब सवाल उठता है कि आखिर वह क्या था और उस पर पटाखा बम क्यों लगा हुआ था? पुलिस इस पर चुप है. पर खुफिया सूत्र उस समय की हालात की ओर इशारा करते हैं.
यहां ट्रेनिंग तो नहीं हुई!
दरअसल, 19 अक्तूबर की सुबह जयनगर पुलिस ने उक्त कुकर को बरामद किया था.यह रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के मध्य स्थित एक कवाड़ की दुकान के पीछे पड़ा था.जबकि शुक्रवार की रात 8.30 बजे जयनगर स्टेशन से रांची के लिये रांची एक्सप्रेस ट्रेन खुलती है. ऐसे में खुफिया सूत्रों का अनुमान है कि कहीं ब्लास्ट का अंजाम देने वाले कुछ लोग पहले जयनगर में हो और बाद में ट्रेन से रांची गया हो. यह भी माना जा रहा है कि शायद यहीं लोकल डिवाईस के जरिये कुकर बम बनाने की ट्रेनिंग ली हो. सूत्रों का मानना है कि शायद गांधी मैदान में पहले कुकर बम प्लांट करने की योजना रही होगी.
मेल खा रहा कुकर
पटना ब्लास्ट के बाद रांची स्थित इम्तियाज के घर पर एनआइए ने छापामारी की तो कुछ कुकर बम भी बरामद हुए है. साथ ही इससे बनाने का उपक्रम भी मिला है.खुफिया सूत्रों का दावा है कि दो कुकर और उसकी संरचना मेल खा रही है. यह फिलहाल ब्लास्ट की जांच कर रहे सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर बल जरूर दे रहा है. सुरक्षा एजेंसी इसी महज इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में फिलहाल कहा जा रहा है कि जयनगर कथित कुकर बम कहीं पटना ब्लास्ट की तैयारी तो नहीं है.
बदली गयी है रणनीति
पटना गांधी मैदान में ब्लास्ट के बाद जांच में कहीं भी कुकर बम बरामद नहीं हुआ है ऐसे में खुफिया सूत्रों का मानना है कि पटना ब्लास्ट के लिये कुकर बम की तैयारी हो. पर गांधी मैदान में अपार भीड़ होने का अंदाज पर इसके प्लांट करने में दिक्कत आने और इतने बड़े उपस्कर को एक दूसरे जगह ले जाने में परेशानी को देखते हुए योजना में बदलाव किया गया है. ब्लास्ट की रूपरेखा इस अंदाज को जरूर बल देती है. फिलहाल खुफिया सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसी छोटी बड़ी पहलुओं की जांच करेगी.
सीमा पार से था इनपुट
खुफिया सूत्रों की माने तो बीते 10 और 11 अक्तूबर को सुरक्षा एजेंसी को जानकारी मिली थी की नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र बलहा गांव में कुछ पाकिस्तानी युवक जो संदिग्ध है मौजूद थे. इलाके के जानकार भी इसकी पुष्टि कर बताया कि छह युवक थे, जो संदिग्ध था. इसमें तीन बंगलादेशी, दो पाकिस्तानी और एक नेपाल का ही बताया गया. 12 अक्तूबर की शाम के बाद फिर उनलोगों को गांव में नहीं देखा गया. जानकारों का अनुमान है कि सभी युवक 12 अक्तूबर की रात भारतीय सीमा में घूस गये थे. ऐसे में यह भी अंदेशा है कि कहीं इस ब्लास्ट में इंडियन मुजाहिद्दीन ने इन युवकों का भी इस्तेमाल तो नहीं किया है. फिलहाल सब कुछ जांच के दायरे में हैं.