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प्याज 60, रुला रही कीमतों की झांस

मधुबनी : लोग अब प्याज का जायका भूलते जा रहे हैं. प्याज का स्वाद लोगों को रूलाने लगा है. लोग जेब भर कर बाजार जाते हैं पर झोले में भी प्याज नहीं आ पा रहा है. थोक बाजार में प्याज के कीमतों में हो रहे बढ़ोतरी का असर जिले के प्याज के बाजार पर भी […]

मधुबनी : लोग अब प्याज का जायका भूलते जा रहे हैं. प्याज का स्वाद लोगों को रूलाने लगा है. लोग जेब भर कर बाजार जाते हैं पर झोले में भी प्याज नहीं आ पा रहा है. थोक बाजार में प्याज के कीमतों में हो रहे बढ़ोतरी का असर जिले के प्याज के बाजार पर भी पड़ा है. जिस कारण अब लोग प्याज को खरीदने में परहेज करने लगे हैं.
इसका असर दुकानदारों पर भी पड़ रहा है. विगत एक माह पहले प्याज के दुकान पर ग्राहकों की भीड़ रहती थी पर अब दुकानदारों को ढूंढे से भी ग्राहक नहीं मिल रहा है.
इन दिनों प्याज की कीमत में उछाल ने लोगों को रुला दिया है. लोगों की थाली से प्याज गायब हो रही है. अच्छे दिन के आस में लोगों को महंगाई ने परेशान कर रखी है. बाजार में मंदी का आलम है, लोग प्याज खरीदने से परहेज कर रहे हैं.
बाजार में फिलहाल प्याज 60 रुपये प्रति किलो बाजार में बिक रहा है. महंगी प्याज होने से लोग सरकार को कोस रहे हैं. लोगों का कहना है कि मोदी के सत्ता में आने से कीमतें कम होने की उम्मीद थी, पर कीमत में उछाल से निराशा हो रही है.
60 रुपये प्रतिकिलो के भाव से बिक रहा प्याज
बाजार में एक सप्ताह पहले प्याज की कीमत 54 रुपये थी जो अब बढ़कर 60 रुपये हो गयी है. दो महीना पहले बाजार में प्याज 28 रुपये किलो बिक रही थी. प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल ने लोगों को परेशान कर दिया है. गनीमत है कि बड़े शहरों के मुकाबले यहां प्याज की कीमत 20 रुपया कम है. बड़े शहरों में 80 रुपये प्याज इन दिनों बिक रही है.
सरकार कीमत कम करने में हांफ रही है. बड़े शहरों के मुकाबले कम कीमत का कारण स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि बाजार में फिलहाल दरभंगा , पटना व मुजफ्फरपुर की मंडियो से ही ज्यादातर प्याज मंगाया जा रहा है , जो यहां का लोकल किसानों द्वारा उपजाया गया प्याज है. नासिक से आये प्याज भी उपलब्ध हैं.
घर का बजट बिगड़ा, बिक्री हो रही कम
प्याज की दाम में उछाल से लोगों ने प्याज खरीदना कम कर दिया है. प्याज के कारण लोगों के घर का बजट चरमरा गया है. जो लोग 2 किलो प्याज खरीदते थे, आधा किलो से ही काम चला रहे हैं.
कइयों ने तो प्याज खाना ही छोड़ दिया है.गृहणी छाया चौधरी बताती हैं कि मैं हर सब्जियों में प्याज का इस्तेमाल करती हूं, लेकिन दाम बढ़ने के कारण प्याज का इस्तेमाल कम कर दिया है. गृहणी कंचन झा बताती हैं कि वैसे तो हर सब्जियों के दाम उछाल पर हैं ,पर प्याज की बढ़ी कीमत ने घर का बजट को चरमरा दिया है. गिलेशन बाजार में प्याज के दुकानदार विजय कुमार बताते हैं कि पहले भर दिन में 2 बैग प्याज बेज लेते थे ,पर अब एक बैग बेच पाते हैं . लोगों ने प्याज खरीदना कम कर दिया है.
पूरे बाजार में प्याज की बिक्री आधी से कम हो गयी है. वहीं दुकान दार राजू साह बताते हैं कि बाजार में फिलहाल 55 से 60 रुपये किलो प्याज बाजार में बिक रहा है. फिलहाल लोकल प्याज के चलते प्याज का दाम बड़े शहरों के मुकाबले कम है.एक अनुमान के अनुसार मधुबनी गिलेशन बाजार में फिलहाल प्रतिदिन 100 बैग ही प्याज बिक रहे हैं.
यानि कि 50 क्विंटल प्याज की बिक्री प्रतिदिन हो रही है. प्याज की बढ़ती कीमतों का यह आलम है कि दुकानदार समोसे के साथ प्याज देने से साफ मना कर रहे हैं . इस कारण कई बार दुकानदार व ग्राहक के साथ तकरार भी हो जाती है.

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