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सुविधा नदारद,भरना पड़ता है टैक्स

नगर परिषद क्षेत्र में रहने वाले लोगों से नप प्रशासन बेहतर सुविधा मुहैया कराने के नाम पर विभिन्न प्रकार का कर वसूलता है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शौच कर सहित अन्य कर शामिल है. पर आज तक इसके विरुद्ध लोगों को सुविधा नहीं मिल सकी है. आज भी अंग्रेजों द्वारा वसूल किये जा रहे होल्डिंग […]

नगर परिषद क्षेत्र में रहने वाले लोगों से नप प्रशासन बेहतर सुविधा मुहैया कराने के नाम पर विभिन्न प्रकार का कर वसूलता है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शौच कर सहित अन्य कर शामिल है. पर आज तक इसके विरुद्ध लोगों को सुविधा नहीं मिल सकी है. आज भी अंग्रेजों द्वारा वसूल किये जा रहे होल्डिंग टैक्स लिए जा रहे हैं.
बावजूद इसके नप सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहा है. बदहाल शिक्षा व्यवस्था, पेयजल संकट व चरमरायी स्वास्थ्य नगर प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है. अब सवाल यह भी उठने लगा कि होल्डिंग टैक्स दिए जा रहे हैं तो सुविधाएं भी मिले. साथ ही कर प्रणाली में व्यापक संशोधन की भी मांग होने लगी.
मधुबनी : नगर परिषद शहर वासियों से होल्डिंग टैक्स तो लेती है, लेकिन सुविधा धरातल पर नहीं दिख रही. दरअसल शहर वासियों से नागरिक सुविधा प्रदान करने के लिए टैक्स लेती है. इससे वसूल की गयी राशि से शहर में सफाई, पेयजल सुविधा, शौचालय, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सुविधाएं मुहैया कराना है.
1876 में शहर में नगर पालिका की स्थापना का मूल उद्देश्य आज भटकता नजर आ रहा है. स्थापना के बाद होल्डिंग टैक्स वसूल कर यहां के नागरिकों को सुविधा देनी शुरू हुई. हालांकि होल्डिंग टैक्स में पांच तरह के कर शामिल है. जिसमें मकान कर, शौचालय कर, पानी कर, स्वास्थ्य कर व शिक्षा कर शामिल है. पानी कर, स्वास्थ्य कर, शिक्षा कर व शौचालय कर लिया जाता है लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं.
43 लाख कर की हुई वसूली
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2014-15 में 43 लाख 61 हजार कर लोगों से वसूल किये गये. जबकि सरकारी विभागों पर एक मोटी रकम बकाया है. अब सवाल ये भी उठने लगे हैं कि जब सुविधा नहीं मिल रही है तो टैक्स क्यों? अब कर संशोधन की मांगे उठने लगी है.
पानी कर: प्यासा है जलमीनार
पानी कर की स्थिति यह है कि इस कर के बदले लोगों को पानी उपलब्ध कराना था. पर शहर में जलमीनार व चापाकल ही प्यासा है तो फिर लोगों की प्यास कैसे बुङोगी. नगर वासियों से होल्डिंग टैक्स का 15 प्रतिशत पानी कर लिया जाता है. लेकिन यहां की 77 हजार आबादी सिर्फ 300 चापाकल पर निर्भर है.
जिसमें अधिकांश बंद पड़े हैं. कहने को तो शहर में तीन जल मीनार है, लेकिन खुद यह जलमीनार पानी के लिए तरस रही है.आंकड़े बता रहे हैं कि शहर की जनसंख्या के हिसाब से 2500 लोगों पर एक चापाकल नप द्वारा मुहैया करायी गयी है. जबकि नगर वासियों ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में 8. 72 लाख पानी कर के रूप में जमा किये.
शौचालय कर: खुले में कर रहे शौच
जहां सरकार हर घर में शौचालय की बात कर रही है. वहीं इस शहर में अभी भी लोग खुले आसमान में शौच कर रहे हैं. जो महिलाओं के लिए समस्या बन रही है.
नगर पालिका स्थापना के साथ शौचालय की व्यवस्था हुई थी, लेकिन विभाग के आंकड़ा में चार सार्वजनिक शौचालय कार्य कर रही है. लेकिन यह सिर्फ आंकड़ा ही है. जबकि शौचालय कर के लिए विभाग को वित्तीय वर्ष 2014-15 में 8.72 लाख प्राप्त हुए.
स्वास्थ्य कर: औषधालय का मिटा वजूद
नगर पालिका के स्थापना के साथ शहर में औषधालय की व्यवस्था थी. जहां डॉक्टर, नर्स, ड्रेसर, कंपाउंडर व दवा की व्यवस्था थी. जहां हर मर्ज की दवा उपलब्ध रहती थी. पर आज इस औषधालय का नामों निशान तक मिट गया है. इस औषधालय में दोनों पद्धति से इलाज किया जाता था. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वास्थ्य कर के नाम पर 6.54 लाख कर वसूल किये गये. अब सवाल यह उठता है कि यदि नप स्वास्थ्य सुविधा नहीं देती है तो लोग कर किस आधार पर दें.
शिक्षा कर: एक कमरे में चल रही आठ कक्षाओं की क्लास
शहर में कहने को तो तीन उच्चत्तर माध्यमिक, नौ मध्य व 27 प्राथमिक विद्यालय है. विद्यालय में आलम यह है कि छात्रों को बैठने के लिए जगह नहीं है. महराजगंज मध्य विद्यालय में आठवीं तक की पढ़ाई एक कमरा में चल रहा है. यही नहीं इसमें एक साथ तीन विद्यालय संचालित हो रही है. वहीं वार्ड नंबर 17 के सूरतगंज मुहल्ला स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरा में पढ़ाई, कार्यालय का काम व मध्याह्न् भोजन बनता है. लेकिन स्थानीय नगर प्रशासन सुविधा दिलाने में विफल रही है.
ऐसे में अभिभावकों का इस व्यवस्था के प्रति गुस्सा लाजमी है. जबकि नगर परिषद शिक्षा कर लेती है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में शिक्षा कर के रूप में 6.50 लाख की वसूल की.
नगर परिषद को होल्डिंग टैक्स में वित्तीय वर्ष 2014-15 में 43 लाख 61 हजार की प्राप्ति हुई. जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 24 लाख 99 हजार की वसूल की गयी थी.
क्या कहते हैं मुख्य पार्षद
नगर परिषद के मुख्य पार्षद खालिद अनवर ने बताया कि नप नागरिक सुविधा प्रदान करने के लिए गंभीर है. शहर का विकास तीव्र गति से जारी है. प्राथमिकता के आधार पर सड़कों व नालों का निर्माण कराया जा रहा है.
वहीं पेयजल के लिए 300 से अधिक चापाकल लगाये गये हैं. सड़कों की सफाई प्रतिदिन करायी जा रही. समय-समय पर डीडीटी का छिड़काव तथा फॉगिंग मशीन का उपयोग हो रहा है. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए व्यापक रूप से कार्य चल रहे है. स्कूलों में भवन निर्माण के लिए भूमि चिह्न्ति किये जा रहे हैं. जमीन मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.

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