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डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में जयनगर शीर्ष पर, 240 मरीजों की हुई पहचान

मधुबनी : जिले के जयनगर प्रखंड डेंगू के डेंजर जोन में तब्दील हो गया है. यहां डेंगू मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 274 हो गयी है. जिसमें से सबसे अधिक 240 डेंगू के मरीज जयनगर प्रखंड में पाए गये हैं. जबकि जिले के प्रभावित 17 […]

मधुबनी : जिले के जयनगर प्रखंड डेंगू के डेंजर जोन में तब्दील हो गया है. यहां डेंगू मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 274 हो गयी है. जिसमें से सबसे अधिक 240 डेंगू के मरीज जयनगर प्रखंड में पाए गये हैं. जबकि जिले के प्रभावित 17 प्रखंडों में सिर्फ 34 मरीजों की पहचान हुई है. वहीं जिले में तीन लोगों की मौत होने की सूचना है. जिसमें डेगू से मधुबनी के महारागंज निवासी 55 वर्षीय बुदलु ठाकुर की मौत की पुष्टि पीएमसीएच से पुष्टि की गयी.

जबकि जयनगर में हुए दो लोगों की डेंगू से हुई मौत की पुष्टि नहीं हुई है. जयनगर नगर पंचायत के एक से लेकर 14 वार्ड डेंगू से पूर्णतया प्रभावित है. इसके अतिरिक्त आसपास के एसएसबी कैंप इनरवा, जयनगर भेलवा टोल, बलडीहा, बेला, कमलाबारी, क्वाड, इली चट्टी बरही, बैरवा, देवधा, इसराही, इनरवा, कोरहिया, गोव राही व सिंगराही गांव डेंगू से प्रभावित है. जिला सर्वेक्षण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जयनगर में अक्तूबर माह में डेंगू मरीजों की पहचान की गयी. 26 नवंबर तक डेंगू मरीजों की संख्या 240 हो गयी है.
इसके अलावा खुटौना सहित जिले के 17 प्रखंडों के 34 लोग डेंगू से प्रभावित हैं. उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर डा. एसके विश्वकर्मा ने कहा है कि पिछले दिनों जयनगर में हुई दो लोगों की मौत में एक की मौत कारपोरेशन इंटेंसराइन में छेद व दूसरे की मौत क्वाडीपरेशी बीमारी से होने की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि उक्त दोनों मरीजों की जांच भी अस्पताल में नहीं हुई है.
छिड़काव व फॉगिंग कार्य जारी. डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में विभाग द्वारा लार्वी साइडल के तहत टेमीफास का छिड़काव एवं मालाथियान से फॉगिंग किया जा रहा है. इसके अलावे आइडीएसपी द्वारा बीसीएम व आशा के माध्यम से हाउस टू हाउस बुखार से पीड़ित मरीजों का सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया गया है. ताकि डेंगू प्रभावित मरीजों का अनुमंडलीय अस्पताल में रैपिड कीट, एवं सीबीसी मशीन के द्वारा प्लेट लेट्स की जांच नि:शुल्क की जा सके.
जिससे मरीजों को जांच के लिए निजी जांच केंद्रों जाने से मुक्ति मिल जाएगी. अनुमंडलीय अस्पताल में डेंगू प्रभावित मरीजों की भर्ती के लिए आइसोलेट वार्ड भी बनाया गया है. जहां मरीजों को भर्ती कर मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध है. वहीं प्रतिदिन अनुमंडलीय अस्पताल एवं निजी लैब से सेरम सैंपल का उठाव कर आइडीएसपी द्वारा डीएमसीएच के माइक्रोवायोलॉजी लैब में इलायजा कंफर्मेशन के लिए भेजा जा रहा है.
जिसमें 80 सैंपल इलायजा प्रभावित है. नगर पंचायत के सभी वार्डों एवं आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में नगर पंचायत व स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त अभियान के तहत प्रथम चरण में 23 से 26 अक्तूबर, दूसरे चरण में 10 से 13 नवंबर तथा तीसरे चरण में 27 नवंबर से छिड़काव कार्य किया जा रहा है. वहीं प्रथम चरण में 14 से 16 नवंबर तक फागिंग कार्य किया गया. जबकि दूसरे चरण में 29 नवंबर से फागिंग कार्य किया जायेगा.
जिला के विभिन्न 17 प्रभावित प्रखंडों में फागिंग कार्य 17 सितंबर से 6 नवंबर तक की गई है. विडंबना यह रहा कि डेंगू प्रभावित जयनगर में डीवीडीसीओ कार्यालय द्वारा जागरुकता व अन्य कार्यों का निष्पादन किया गया. वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा विगत दो माह में एक बार भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया गया.
जिसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी की गई. जयनगर में पिछले दिनों वेलवा टोल की 30 वर्षीय नसीमा खातूनकी मौत के मामले में उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल डाॅ एसके विश्वकर्मा ने कहा है कि उनकी मौत डेंगू से होने की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं एक अन्य व्यक्ति की हुई मौत के संदर्भ में यही बात कही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

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