मधुबनी : 10 वर्ष पहले नगर परिषद बोर्ड द्वारा पारित शहर सौंदर्यीकरण की योजना विभागीय उदासीनता के चलते फाइलों में ही धूल फांक रही है. नप बोर्ड द्वारा पारित योजना का क्रियान्वयन नहीं होने से शहर की स्थिति बदतर हो गयी. चहुंओर गंदगी का साम्राज्य कायम हो गया है. शहर की अधिकांश सड़कों पर नाले का पानी फैल जाने से शहर के लोगों को नारकीय स्थिति में जीने को विवश होना पड़ रहा है. शहर में दो पल सुकून के साथ बिताने के लिए कोई पार्क है और न ही अतिक्रमण मुक्त सड़कें.
नतीजतन शहर के लोग एक तरफ सड़क जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ दो पल सुकून से बिताने के लिए कोई मुफीद जगह मिल रही है. विदित हो कि नगर परिषद बोर्ड ने जब शहर सौंदर्यीकरण योजना को पारित किया था तो नप क्षेत्र में लोगों में आस जगी थी कि अब शीघ्र ही शहर की नारकीय स्थिति से निजात मिलेगी. लेकिन योजना पर धरातल पर नहीं उतरने से लोगों की उम्मीद पर पानी फिर गया. जिसके लिए शहर के लोग नगर परिषद प्रशासन व यहां के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेवार मान रहे हैं.
भेजा गया था प्रस्ताव. नगर परिषद बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव शहर सौंदर्यीकरण योजना की स्वीकृति व राशि के लिए नगर विकास व आवास विभाग को भेजा गया था. लेकिन अभी तक प्रस्ताव का क्या हस्र हुआ यह बताने के लिए फिलहाल कोई तैयार नहीं है. जिसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
सौंदर्यीकरण योजना में शहर था शामिल. नगर परिषद बोर्ड द्वारा पारित शहर सौंदर्यीकरण की योजना में शहर की सभी मुख्य सड़कों को टू लेन बनाने का निर्णय लिया गया था. ताकि शहर के लोगों को नासूर बनकर चुभ रही सड़क जाम की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी. योजना के तहत शहर के हर वार्ड में ढक्कन युक्त नाले का निर्माण कर जल निकासी के लिए बने किंग्स, राज व वाट्सन कैनाल की उड़ाही कर जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने का निर्णय लिया गया था. शहर के सबसे पुराने गांधी गुदरी बाजार का जीर्णोद्धार कर एक बहुआयामी मॉल निर्माण की सब्जबाग दिखाया गया था.
शहर के लोगों को रोशनी की सुविधा मुहैया कराने के लिए नप क्षेत्र के 30 वार्ड में वैपर व स्ट्रीट लाईट लगाने व जर्जर हो चुके शहर के मुख्य पार्कों का सौंदर्यीकरण भी योजना में शामिल किया गया था. लेकिन शहर के लोगों के लिए यह योजना ख्वाब बनकर रह गया जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने कहा है कि योजना के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उपलब्ध संसाधनों से शहर के विकास व लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.