मधुबनी : जिले के 15 प्रखंडों में आई बाढ़ में जान माल की भारी क्षति हुई है. जहां एक तरफ हजारों एकड़ में लगी फसल नष्ट हो गया है. वहीं इस प्रलंयकारी बाढ़ में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 23 लोगों की मौत बाढ़ में डूबने से हुई है. जबकि 3 लोगों की मौत बाढ़ में सर्पदंश से हुआ है. बाढ़ में हुए मौत के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो
जिला प्रशासन के आंकड़ज्ञ के अनुसार बाढ़ में बेनीपट्टी प्रखंड में सबसे अधिक 7 लोगों के डूबने से मौत हुई है. इसके बाद लौकही प्रखंड में 4 लोगों की मौत हुई है. इनमें 3 लोगों की मौत डूबने से एवं एक व्यक्ति की मौत सांप काटने से हुई है. इसके बाद मधेपुर में दो, बिस्फी में दो, बासोपट्टी में दो, मधवापुर में दो, लदिया, बासोपट्टी में दो- दो राजनगर, बाबूबरही, कलुआही, जयनगर, अंधराठाढी में एक- एक में एक एक लोगों की मौत हुई है.
122 सामुदायिक रसोई में बन रहा खाना : बाढ़ पीड़ितों के लिए 122 सामुदायिक रसोई घरों में जिले के विभिन्न प्रखंडों में खाना की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. इनमें सबसे अधिक बिस्फी प्रखंड में 43 सामुदायिक रसोईघर विभिन्न पंचायतों में चलाए जा रहे हैं. बेनीपट्टी में 30, लौकही में 17, मधवापुर में 15, मधेपुर में 15, अंधराठाढी में 2 सामुदायिक रसोई में बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने का इंतजाम किया जा रहा है.
15 राहत शिविरों में है बाढ़ पीड़ित : जिले के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर बनाए गए है. 15 राहत शिविर में 7 राहत शिविर मधेपुर में, 3 झंझारपुर में, 3 लौकही में, 3 झंझारपुर में, मधेपुर एवं लखनौर में एक राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.
बिस्फी में सबसे अधिक जनसंख्या : जिला प्रशासन की मानें तो सबसे बाढ़ पीड़ित जनसंख्या बिस्फी प्रखंड में है. इस प्रखंड में 137885 जनसंख्या सबसे अधिक प्रभावित है. मधवापुर में 124632, मधेपुर में 121456, बेनीपट्टी में 115760, लौकही में 105567, झंझारपुर में 63523, घोघरडीहा में 22010, हरलाखी में 19282, फुलपरास में 15775, अंधराठाढी में 14576, लखनौर में 8539, बासोपट्टी में 7568, बाबूबरही में 6020, खजौली में 2555 जनसंख्या मिलाकर कुल 465168 लोग बाढ़ से प्रभावित है.
मौत के आंकड़ों में प्रशासनिक हेर फेर: बाढ़ को लेकर जिला आपदा प्रबंधन द्वारा बनाए गए आंकड़ा त्रृटिपूर्ण प्रतीत होता है. 20 अगस्त को जिला प्रशासन का आंकड़ा यह दर्शाता है कि बाढ़ में मरने वालों की संख्या 26 है जिसमें 23 बाढ़ के पानी में डूबने से जबकि तीन सर्प दंश से मौत हुई है. पर 21 अगस्त को जिला प्रशासन जो बाढ़ प्रतिवेदन आंकड़ बना है उसमें बाढ़ से 22 मौत बताया गया है इसमें 19 मौत डूबने से व 3 मौत सर्प दंश से दिखाया गया है.