मधुबनी : उमस भरी गरमी में रविवार की रात 12 बजे में मुख्यालय के कई मोहल्ला में बिजली गुल हो गया. रातभर बिजली गुल रहने के कारण सोमवार की सुबह पानी के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लोग रातभर जागकर बिताये. आलम यह रहा कि करीब बारह घंटे तक लाइन गुल रहा. शहर में विभाग के लाख प्रयास के बाद भी पूरी तरह से जर्जर व पुराने तार को बदला नहीं जा सका है. ऐसे में कई बार तार टूट जाने के कारण लाइन बाधित रहती है.
मधुबनी में बिजली व्यवस्था को सही रखने के लिए विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में चार फीडर बनाया गया है. कोशी फीडर, ओल्ड फीडर, न्यू फीडर व इमरजेंसी फीडर पर लोड के हिसाब से आपूर्ति की व्यवस्था है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की रात न्यू फीडर में शंकर चौक एवं थाना मोड़ के नजदीक तार टूट गया. तार टूटने के कारण रात 12 बजे से न्यू फीडर में विद्युत सेवा बंद रहा. सुबह तार सही करने के बाद 8:30 बजे जैसे ही आपूर्ति शुरू की गयी लाइन ट्रीप कर गयी. विभाग द्वारा जब सर्वे किया गया, तो पता चला की स्टेशन के नजदीक लगे इंस्युलेटर पंक्चर हो गया.
इंस्युलेटर मरम्मत के बाद सोमवार को 9:30 बजे लाइन चालू किया गया. लगातार 10 घंटे तक बिजली बंद रहने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों, कार्यालय जाने वालों को बिना काम ही कार्यालय जाना पड़ा.
एक सेक्शन मिस्त्री की मांग : कार्यपालक अभियंता ने बताया कि डिवीजन द्वारा एक सेक्शन मिस्त्री की मांग पावर कंपनी से किया गया है. एक सेक्शन मिस्त्री और मिल जाने के बाद रात्रि सेवा में परेशानी नहीं होगी. उनका कहना था कि दो माह में एक सेक्शन मिस्त्री बढ़ा दिया जायेगा.
पानी को परेशान रहे लोग बिना नहाये स्कूल गये बच्चे
न्यू फीडर में शंकर चौक व थाना मोड़ के समीप टूटा तार
रात में काम करने के लिए मात्र चार मिस्त्री उपलब्ध, कर्मियों की कमी से जूझ रहा विभाग
इन मोहल्लों का बाधित रही आपूर्ति
बीएन झा कॉलोनी
लाल निकुंज
वीणा कुंज
आदर्श नगर
पोस्ट ऑफिस कॉलोनी
संकट मोचन कॉलोनी
चार मिस्त्रियों के सहारे रात में चलता है फीडर
बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 22 हजार उपभोक्ता को रात्रि में बिजली सेवा के लिए सिर्फ चार मिस्त्री ही उपलब्ध रहते हैं. विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि अभी सिर्फ एक जेई व 11 मिस्त्री शहरी क्षेत्रों के लिए है. इसमें सात मिस्त्री दिन से काम लिया जाता है और चार मिस्त्री से रात में काम लिया जाता है. श्री कुमार ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार मिस्त्री की संख्या कम है. शहरी क्षेत्र में दो सेक्शन मिस्त्री की जरूरत है. लेकिन, अभी एक ही सेक्शन मिस्त्री है. श्री कुमार ने बताया कि एक सेक्शन में एक जेइ व 11 मिस्त्री होते हैं.