विद्यालय में एक सप्ताह से तालाबंदी के कारण पढ़ाई बाधित, विभाग नहीं दे रहा है ध्यान
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लापरवाही से देश के भविष्य पर लग रहा ग्रहण
विद्यालय में एक सप्ताह से तालाबंदी के कारण पढ़ाई बाधित, विभाग नहीं दे रहा है ध्यान विद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था व भ्रष्टाचार से उग्र होकर अभिभावकों ने जड़ा था ताला राज्यपाल से लेकर जिला व प्रखंड स्तर के अधिकारियों से ग्रामीण कर चुके हैं शिकायत पुरैनी : खंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय अंबोबासा के […]
विद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था व भ्रष्टाचार से उग्र होकर अभिभावकों ने जड़ा था ताला
राज्यपाल से लेकर जिला व प्रखंड स्तर के अधिकारियों से ग्रामीण कर चुके हैं शिकायत
पुरैनी : खंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय अंबोबासा के प्रधान शिक्षक के मनमाने रवैये व लूट-खसोट की नीति के कारण विद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था व गबन से उग्र होकर अभिभावकों ने 10 जनवरी को विद्यालय में ताला जड़ दिया है. विद्यालय में तालाबंदी के एक सप्ताह बीतने के बाद भी विभागीय अधिकारी के लापरवाही से क्षुब्ध होकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करने का मन बना रहे हैं. विद्यालय की शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव, व सभी सदस्यों के अलावा दर्जनों अभिभावकों का कहना है कि उक्त विद्यालय के प्रधान शिक्षक सिकंदर प्रसाद यादव के मनमाने रवैये से जहां विद्यालय में पठन-पाठन व मध्याह्न
भोजन की स्थिति दयनीय हो चुकी है. वही प्रधान शिक्षक अधिकांश समय विद्यालय से लापता रहते है और विभागीय सांठगांठ से उपस्थिति दर्ज करा लेते है. इतना ही नही वर्षो पूर्व आवंटित विद्यालय भवन निर्माण की संपूर्ण राशि का उठाव करने के बावजूद दो वर्ष बीतने के बाद भी अबतक खिड़की व किवाड़ नहीं लगाया गया है और न ही जमीन का पक्कीकरण किया गया है. इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 व 2014-15 का पोशाक योजना एवं छात्रवृत्ति राशि का आधा अधूरा वितरण कर अधिकांश राशि का गबन कर लिया गया और वितरण के संदर्भ में पूछे जाने पर विद्यालय शिक्षा समिति को कहा जाता है कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र का है. विद्यालय शिक्षा समिति कौन होता है हिसाब लेने वाला. अभिभावक गोपाल दास, मंटू सिंह अजय कुमार, पींटू कुमार, बाधो सिंह, बेचन सिंह, मनोज राम, धनंजय कुमार आदि का कहना है कि बीईओ से लेकर बीडीओ और जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी कई बार मामले को लेकर आवेदन के माध्यम से शिकायत की गयी. लेकिन कभी भी विभागीय अधिकारी के द्वारा आवश्यक कदम व कार्रवाई नहीं की गयी. जिससे क्षुब्ध होकर हमलोगों को विद्यालय में तालाबंदी करना पड़ा. लेकिन विभाग इस कदर मैनेज है की अबतक कोई पदाधिकारी एक सप्ताह बितने को है विद्यालय नहीं पहुंचे है. अगर यही रवैया रहा तो हमसभी ग्रामीण सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य हो जायेंगे. वही इस बाबत वरीय बीआरपी सहित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मामले को लेकर कुछ भी कहने से अपनी असमर्थता जताई. तो विद्यालय के प्रधान शिक्षक ने आरोप को बेबुनियाद बताया. अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब आरोप बेबुनियाद है तो अभिभावकों मे इतना रोष क्यो व्याप्त है और विद्यालय में आज भी तालाबंदी है और न ही विद्यालय मे खिड़की व किवाड़ लगी है और न ही जमीन का ही पक्कीकरण हुआ है.
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