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खुश मजदूरों ने जताया आभार
मधेपुरा : नगर परिषद द्वारा अस्थायी सफाई कर्मियों के पक्ष में बोर्ड की बैठक में फैसला लेने की खबर से परिसर में उपस्थित सफाई मजदूर झूम उठे. सबों ने एक स्वर से कहा लंबे समय के बाद उनकी बात सुनी गयी है. बिंदेश्वरी मल्लिक, अशोक मल्लिक ने मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलू का माला […]
मधेपुरा : नगर परिषद द्वारा अस्थायी सफाई कर्मियों के पक्ष में बोर्ड की बैठक में फैसला लेने की खबर से परिसर में उपस्थित सफाई मजदूर झूम उठे. सबों ने एक स्वर से कहा लंबे समय के बाद उनकी बात सुनी गयी है. बिंदेश्वरी मल्लिक, अशोक मल्लिक ने मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलू का माला पहना कर अभिनंदन किया. सफाई मजदूरों ने कहा समाज के निचले पायदान पर होने के कारण वे इतने वर्षों से न्याय से वंचित रहे.
लेकिन वर्तमान वार्ड पार्षदों तथा मुख्य पार्षद ने उनके साथ न्याय किया है. उन्होंने कहा नप में वर्तमान में महज 30 पद ही खाली है. जबकि सफाई के लिए अधिक कर्मियों की आवश्यकता है. मुख्य पार्षद ने कहा सभी सफाई मजदूर को आवश्यकता अनुसार पद भरने के बाद संविदा पर भी रखा जायेगा. उन्होंने स्पष्ट किया शहर में नागरिक सुविधाओं का अभाव न हो. साफ सफाई कार्य की गति तेज हो. तभी वे मानेंगे कि सफाई मजदूर भी नगर परिषद के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है. डा बबलू ने कहा नगर परिषद ने अपनी जिम्मेदारी निभायी है.
वर्षों पद रिक्त रहने के बाद भी नहीं हुई थी नियुक्ति . नगर परिषद में लंबे समय से पद रिक्त रहने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया नहीं चलायी गयी. जबकि कायदे से यह प्रक्रिया दस, ग्यारह वर्ष पूर्व ही शुरू कर मजदूरों को उनका अधिकार देना था. नप ने जब नियुक्ति प्रक्रिया नहीं चलायी तो मजदूर उच्च न्यायालय भी गये. लेकिन वहां से भी अब तक कोई फैसला नहीं आया है. मजदूरों का कहना है कि सफाई मजदूर नगर परिषद की प्राथमिकता में नहीं रहा. इसलिए वे वंचित रहे. वर्तमान मामला भी तब शुरू हुआ जब डोर टू डोर कचरा संग्रह के लिए एनजीओ को कार्य आवंटित किया गया.
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