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58 लाख रुपये का हुआ घोटाला

शौचालय निर्माण . पीएचइडी के तत्कालीन जेइ ने अग्रिम राशि उठा कर की गड़बड़ी सदर थाना में पीएचइडी के सेवानिवृत्त जेइ के खिलाफ बुधवार को कार्यपालक अभियंता ने वित्तीय अनियमितता के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन, उनमें से ही एक जेइ रवींद्र नाथ चौरसिया के खिलाफ विद्यालयों में शौचालय बनाये बगैर 58 लाख […]

शौचालय निर्माण . पीएचइडी के तत्कालीन जेइ ने अग्रिम राशि उठा कर की गड़बड़ी

सदर थाना में पीएचइडी के सेवानिवृत्त जेइ के खिलाफ बुधवार को कार्यपालक अभियंता ने वित्तीय अनियमितता के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन, उनमें से ही एक जेइ रवींद्र नाथ चौरसिया के खिलाफ विद्यालयों में शौचालय बनाये बगैर 58 लाख की हेराफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है. सामाजिक भ्रष्टाचार निवारण संस्थान के अध्यक्ष सह अधिवक्ता राजीव जोशी ने आइटीआइ के तहत सूचना मांगी थी, जिसकी सुनावाई के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ. अगली सुनवाई की तिथि 23 अगस्त मुकर्रर की गयी है.
मधेपुरा : सूचना के आधिकार के तहत सूचना आयुक्त पटना में हुई सुनवायी एवं जांच के क्रम में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव अंशुली आर्या ने जेई पर वित्तीय अनियमतता का मामला सत्य पाते हुए मधेपुरा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को संबंधित तत्कालीन जेइ रवींद्र नाथ चौरसिया को 15 दिन के भीतर उक्त राशि जमा करायें.
वहीं इस आदेश के आलोक में कार्यपालक अभियंता ने कार्यालय आदेश जारी करते हुए रवींद्र नाथ चौरसिया को संपूर्ण स्वच्छता अभियान एवं यूनीसेफ मद में प्राप्त राशि का गलत एवं भ्रामक लेखा समर्पित करने का दोषी पाते हुए 58 लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये असमायोजित रखने से संबंध में आरोप प्रमाणित होने के कारण इस राशि के विरुद्ध अव्यवहृत उपार्जित अवकाश के समतुल्य अनुमान्य पांच लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये की वसूली करने का आदेश दिया है.
जेइ की रिपोर्ट काल्पनिक . जांच के दौरान आरोप के जवाब में भी रवींद्र नाथ चौरसिया ने अपनी रिपोर्ट में 09 फरवरी 2012 तक की अद्यतन स्थिति के अनुसार निर्मित शौचालय की संख्या 131, अर्धनिर्मित शौचालय की संख्या 09 एवं अनिर्मित शौचालय की संख्या 41 बतायी है. वहीं ऐसे शौचालय िजसका निर्माण विभिन्न स्तरों पर छोड़ दिया गया, उसकी संख्या 23 बताया. जबकि वरीय अधिकारी की स्थलीय जांच में पाया गया कि निर्मित शौचालय की संख्या 131,
अर्धनिर्मित शौचालय की संख्या 09 एवं अनिर्मित शौचालय की संख्या 41, ऐसे शौचालय जिसका भुगतान रवींद्रनाथ चौरसिया ने पहले ही प्राप्त किया था, की संख्या 42, कुमारखंड, मुरलीगंज, चौसा, एवं आलमनगर प्रखंड में ऐसे विद्यालय का नाम जिस नाम से कोई विद्यालय नहीं पाया गया, की संख्या 14, बाढ़ से ग्रस्त शौचालय की संख्या 08 और मधेपुरा प्रखंड में ऐसे विद्यालय में निर्मित शौचालय जो दूसरे वार्ड में संचालित है की संख्या 01 है. रवींद्र नाथ चौरसिया ने जो सूची समर्पित की है वह काल्पनिक, झूठा और त्रुटिपूर्ण है.
क्या है मामला
वर्ष 2007-08 में जिले के विभिन्न प्रखंड में विद्यालयों में शौचालय बनाया जाना था. तत्कालीन जेइ रवींद्रनाथ चौरसिया ने इन शौचालयों के निर्माण के लिए एक करोड़ दस लाख छह हजार व यूनीसेफ मद से 98 हजार चार सौ चालीस रुपये का अग्रिम उठाव किया था. लेकिन अधिकतर विद्यालय में शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ तो कहीं अधूरा ही रह गया. सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगे जाने के बाद राश के समायोजन की प्रक्रिया की गयी. लेकिन 58 लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये असमायोजित ही रहा.
की जा रही है कार्रवाई
विभाग के प्रधान सचिव ने लिखा है कि तत्कालीन कनीय अभियंता रवींद्र नाथ चौरसिया के खिलाफ राशि वसूली की कार्रवाई करते हुए बिहार पेंशन नियमावली के नियम – 43 (बी) सह पठित नियम – 139 (सी) के तहत उनके पचास फीसदी पेंशन पर रोक लगायी जाती है. वहीं 58 लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये के विरुद्ध अनुमान्य पांच लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये समायोजित करने एवं शेष राशि की वसूली के लिए नीलामपत्रवाद दायर किया जाये या सक्षम न्यायालय में मुद्रावाद दायर किया जाये.
मुद्रावाद होगा दायर
रवींद्रनाथ चौरसिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सदर थाना में आवेदन दे दिया गया है. वहीं 58 लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये के विरुद्ध अव्यवहृत उपार्जित अवकाश के समतुल्य अनुमान्य पांच लाख तिरपन हजार एक सौ चौसठ रुपये समायोजित किया गया है. शेष राशि की वसूली के लिए शुक्रवार को सक्षम मुद्रावाद दायर किया जायेगा.
– संजय कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, मधेपुरा

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