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योजनाओं में मनमानी करते हैं मुख्य पार्षद
चौदह पार्षदों के समर्थन से असंतुष्ट पार्षदों ने की प्रेसवार्ता कहा, सशक्त स्थायी समिति में पांच सदस्य, पर महज तीन लोग ही लेते थे निर्णय मधेपुरा : नगर परिषद के मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद के खिलाफ असंतुष्ट पार्षदों ने शहर के एक स्थानीय होटल में सोमवार को प्रेसवार्ता आयोजित की. प्रेसवार्ता के दौरान उपस्थति […]
चौदह पार्षदों के समर्थन से असंतुष्ट पार्षदों ने की प्रेसवार्ता
कहा, सशक्त स्थायी समिति में पांच सदस्य, पर महज तीन लोग ही लेते थे निर्णय
मधेपुरा : नगर परिषद के मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद के खिलाफ असंतुष्ट पार्षदों ने शहर के एक स्थानीय होटल में सोमवार को प्रेसवार्ता आयोजित की. प्रेसवार्ता के दौरान उपस्थति पार्षदों ने समय पर बैठक नहीं करने, प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही बरतने, 15 अगस्त व 26 जनवरी के कार्यक्रम में पार्षदों की उपेक्षा करने, नगर परिषद क्षेत्र में सफाई कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. पार्षदों का कहना था कि नगर परिषद क्षेत्र में सड़क के किनारे लगायी गयी एलइडी योजना में भी गड़बड़ी की गयी है.
चालीस प्रतिशत एलइडी लाइट बंद पड़े हैं. सबके लिये आवास योजना तथा राजीव आवास योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गयी. उपस्थित पार्षदों ने 14 पार्षदों के समर्थन का दावा किया. लेकिन प्रेस वार्ता में बारह पार्षद उपस्थित थे.
वार्ड पार्षद निर्मला देवी, आशा श्रीवास्तव, अभिलाषा कुमारी, मीरा देवी, नुजहत परवीन, रेशन परवीन, विनीता भारती, रूबी कुमारी, रीता कुमारी, अनीता श्रीवास्तव, रविशंकर यादव, दुखा महतो ने कहा कहा सशक्त स्थायी समिति में पांच सदस्य होने के बाद भी महज तीन लोग ही निर्णय लेते थे. रेशमा परवीन ने उनका घर घेरने तथा समाज के लोगों द्वारा आ कर मुख्य पार्षद का समर्थन करने की धमकी देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुख्य पार्षद का घर उनके घर के पास है. वहां आसपास के लोग आकर उन्हें परेशान कर रहे हैं. वहीं वार्ड पार्षद अनीता श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि वार्ड संख्या बीस की सारी विकास योजनाओं पर मुख्य पार्षद हावी हैं. वह महज नाम के लिए पार्षद हैं.
असंतुष्ट गुट के मुख्य पार्षद का फिलवक्त निर्धारण नहीं. वार्ड पार्षदों ने कहा कि अभी केवल अविश्वास प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया है. उनके गुट से मुख्य पार्षद का उम्मीदवार कौन होगा, फिलवक्त इसका निर्धारण नहीं किया गया है. अविश्वास प्रस्ताव में विजय के बाद इस बात का फैसला होगा कि नया मुख्य पार्षद कौन बनेगा. प्रेस वार्ता में मौजूद महिला पार्षद महिला सशक्तिकरण की बात करती दिखी. उनका कहना था कि नगर परिषद में 17 महिला पार्षद हैं. इसलिये इस बार महिला उम्मीदवार पर विचार किया जा सकता है.
हर दो साल पर लगता है अविश्वास प्रस्ताव. नगर परिषद के मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद के खिलाफ असंतुष्ट पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक की नोटिस के साथ ही शहर में चर्चा का दौर चल पड़ा है. वर्ष 2007 में मधेपुरा में नगरपंचायत नगर परिषद में परिणत हुआ.
इसके बाद से ही मुख्य पार्षद के खिलाफ हर दो साल पर अविश्वास प्रस्ताव लगाने की परंपरा भी चल पड़ी. 2007 में विजय कुमार विमल मुख्य पार्षद बने. उनके खिलाफ 2009 तथा 2011 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया लेकिन पारित नहीं हो सका. पुन: 2012 में चुनाव के बाद विजय कुमार विमल लॉटरी से मुख्य पार्षद बने. उनके खिलाफ 2014 में जब अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी गयी तो खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
और फिर मुख्य पार्षद के चुनाव में वोट गिराने के अलावा विगत दो साल से कभी नगर परिषद की बैठक में भाग नहीं लिया. 2014 के चुनाव में विशाल कुमार बबलू मुख्य पार्षद बने. उनका दो साल का कार्यकाल 22 जुलाई को पूरा हो गया. इसके तुरंत बाद सोमवार को उनके विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी गयी. आखिरकार पार्षदों की निष्ठा क्यों बदलती है और हर अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस पर लगभग एक जैसा आरोप क्यों रहता है, यह सवाल शहरवासियों के मन में उपज रहा है.
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