मधेपुरा बस स्टैंड . जिला मुख्यालय स्थित यात्री विश्राम गृह में सुविधाओं का अभाव
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यात्री विश्राम गृह में गंदगी का डेरा
मधेपुरा बस स्टैंड . जिला मुख्यालय स्थित यात्री विश्राम गृह में सुविधाओं का अभाव चिलचिलाती धूप और गरमी के कारण जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड में यात्री विश्राम गृह होने के बावजूद यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं बस स्टैंड में चारों तरफ गंदगी फैली है, तो साफ-साफई का अभाव बना रहता […]
चिलचिलाती धूप और गरमी के कारण जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड में यात्री विश्राम गृह होने के बावजूद यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं बस स्टैंड में चारों तरफ गंदगी फैली है, तो साफ-साफई का अभाव बना रहता है. यात्री विश्राम गृह होने के बावजूद विश्राम गृह का उपयोग यात्री नहीं करते हैं. विश्राम गृह के आसपास कचरे का ढेर लगा रहता है. साथ ही विश्राम गृह के सामने पेड़-पौधे निकल आये हैं. वहीं विश्राम गृह के अंदर काफी गंदगी फैली रहती है, जो यात्रियों के आराम करने के लायक नहीं है.
मधेपुरा : जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड विश्राम गृह सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. वहीं बस स्टैंड में प्रवेश द्वार के पास नाली का पानी जमा रहता है. जिससे यात्रियों सहित आम लोगों को भारी परेशानियों का करना पड़ता है. इस गर्मी के मौसम में यात्री जहां छांव का तलाश करते है. लेकिन बस पड़ाव में गंदगी फैले रहने के कारण वहां कोई नहीं जाता है. विगत दिनों बिहार दिवस के अवसर सफाई अभियान के दौरान जिलाधिकारी ने बस स्टैंड, बस पड़ाव सहित आदि जगहों को साफ सुथरा रखने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया. लेकिन अब भी बस स्टैंड की स्थिति जस की तश बनी हुई है.
यात्री विश्राम गृह है बेकार
बस स्टैंड पर यात्री विश्राम गृह लोगों के लिए शोभा की बस्तु बन कर रह गयी है. साफ सफाई नहीं होने से विश्राम गृह में मुसाफिर जाना नहीं पसंद करते है. विश्राम गृह में धुल व कचरा विखरा पड़ा रहता है. विश्राम के बगल में कूड़े का ढेर लगा हुआ है. आस पास लोग मूत्र भी त्याग करते है. जिससे विश्राम गृह के अगल बगल दुर्गंध फैली रहती है. वहीं विश्राम गृह के अंदर यात्रियों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. अंदर बेंच है, बैंच भी टूटा है. इस गर्मी के मौसम में धूप से बचने के लिए लोग इधर उधर छांव की तालाश करते है. बस के इंतजार में यात्री इधर उधर भटकते रहते है. विशेष कर महिला यात्रियों को बस के इंतजार में घंटों खड़ा रहना पड़मा है. जिससे महिलाओं इस गर्मी के मौसम में धूप के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कहते हैं यात्री
स्थानीय निवासी राम प्रवेश कुमार का कहना है कि वे रोज बस स्टैंड से बस पकड़ सुपौल नौकरी के लिए जाते है. यदि कभी बस मिलने में थोड़ा विलंब होता है. तो यहां कहीं बैठने के लिए जगह नहीं है. विश्राम गृह का भी हाल बुरा है. जिस कारण बस के इंतजार में यात्री को इधर उधर भटकना पड़ता है. खास कर महिला, बच्चे, वृद्ध यात्रियों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं यात्री सरजु ऋषिदेव ने बताया कि चारों तरफ गंदगी फैली रहने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जहां एक तरफ सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है.
वही बस स्टैंड को देख कर ऐसा लगता है यहां महीनों तक साफ सफाई नहीं किया गया है. यात्री संजीव साह, सौरभ कुमार, नूतन देवी, लक्ष्मी देवी, प्रमिला देवी आदि ने बताया कि जब भी मधेपुरा बस स्टैंड आते है चारों तरफ कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है. चारों तरफ गंदगी फैली रहती है. गाड़ियों का इंतजार करने के लिए यदि कभी रूकना पड़े तो मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लोगों ने जिला प्रशासन से बस स्टैंड को स्वच्छ एवं सुंदर बना कर यात्री विश्राम गृह में यात्रियों की सुविधा की मांग की है.
यत्र-तत्र गाड़ी रहती हैं खड़ी
मधेपुरा बस स्टैंड से पटना, भागलपुर, पूर्णियां, सहरसा, सुपौल, बीरपुर आदि जगहों के लिए रोज छोटे बड़े गाड़ियों का आवागमन होते रहता है. साथ ही रोज हजारों यात्रियों का आना जाना लगा रहता है. लेकिन वाहन चालकों की मनमर्जी के कारण गाड़ियों यत्र तत्र खरा कर देते है. जिससे आये दिन जाम की समस्या बनी रहती है. चालकों को कुछ कहने पर उलझ पड़ते है. बस स्टैंड के सामने गाडियों की कतार लगी रहती है. जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होना आम बात हो गयी है. बस स्टैंड के अंदर गाड़ियों को खड़ी करने के लिए कोई लाइन निर्धारित नहीं है और न ही छोटे बड़े वाहनों को खड़ी करने के लिए कोई नाम लिखा बोर्ड निर्देशित है.
फैली रहती है गंदगी
बस स्टैंड के अंधर कूड़ा कचरा बिखरा पड़ा रहता है. जिसकी सफाई शायद ही कभी होती है. वहीं नालियों का भी साफ सफाई नहीं होने के कारण गंदगी फैली रहती है. धूल मिट्टी उड़ने के कारण यात्री परेशान नजर आते है. वहीं बस स्टैंड के अंदर चारों तरफ फैली गंदगी व विकरे पड़े कूरे के कारण यात्रियों सहित आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
नालियों की नहीं होती सफाई
बस स्टैंड में नालियों की सफाई नहीं होने से उसमें पड़े कूड़े कचरे के कारण हमेशा दुर्गंध का वातावरण बना रहता है. लोगों द्वारा नालियों में मूत्र विर्सजन करने से दुर्गंध फैली रहती है. कभी डीडीटी पाउडर का भी झिड़काव नहीं होता है. गंदगी के कारण यात्रियों के साथ – साथ वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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