मधेपुरा की बेटियों ने मुंगेर में लहराया परचम फटो- कैंपस 1कैप्शन – टाउन हॉल में ट्रॉफी के साथ पायल, रियांशी गुप्ता व शिवम राज—टेबुल टेनिस खिलाड़ी पायल व रियांशी ने राष्ट्रीय फलक पर मधेपुरा का नाम किया रोशन- भूपेंद्र नारायण मंडल अंतर्गत पीएस कॉलेज मधेपुरा के बारहवीं की छात्राएं बनी राष्ट्रीय टेटे खिलाड़ी- पायल व रियांशी के सफलता पर शिक्षाविदों ने व्यक्त किया हर्ष प्रतिनिधि, मधेपुराहौसला बुलंद हो तो सफलता आपकी कदम चुमेंगी. इस पंक्ति को मधेपुरा की बेटी पायल कुमारी व रियांशी गुप्ता ने सिद्ध कर दिखाया है. एक के बाद एक राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय टेबुल टेनिस प्रतियोगिता में परचम लहरा कर दोनों खिलाड़ी ने मधेपुरा का नाम राज्य व देश भर में रोशन किया है. मुंगेर में 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित 64 वें बिहार स्टेट इंटर जिला टेबल टेनिस चैंपियनशिप में पायल व रियांशी ने विजय पताका फहरा कर इस बात को फिर से साबित कर दिखाया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है. चैंपियनशिप जीत कर लौटी दोनों खिलाडि़यों का शहर में जोरदार स्वागत किया गया. पायल व रियांशी ने छोटी सी उम्र से सफलता की कहानी गढ़नी शुरू कर दी थी. पायल ने जहां पहला चैंपियनशिप 2006 में जीत कर जिले को गौरवान्वित की. वहीं रियांशी 2010 में चैंपियनशिप जीत कर सफलता की सिढ़ियां चढ़ना शुरू की. टेबुल टेनिस टीम के मैनेजर व कोच प्रदीप कुमार श्रीवास्तव दोनों की सफलता से अभिभूत है. उन्होंने कहा कि मधेपुरा की ये बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर अमिट छाप छोड़ेगी. विजेता व उप विजेता बनी पायल व रियांशी मुंगेर में संपन्न राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पायल कुमारी ने जहां यूथ गर्ल्स सिंगल और विमेंस सिंगल में विजेता बनी. वहीं पायल विमेंस टीम चैंपियनशिप की उप विजेता घोषित की गयी. रियांशी गुप्ता जूनियर चैंपियन के खिताब पर अपना कब्जा जमाया. इसके अलावा रियांशी यूथ गर्ल्स सिंगल और विमेंस सिंगल की उप विजेता बनने में सफलता हासिल की. इस राज्य स्तरीय चैंपियनशिप के जूनियर ग्रुप का खिताब मधेपुरा का मास्टर शिवम ने जीता. यह जानकारी स्थानीय टाउन हॉल में मधेपुरा टेबुल टेनिस संघ की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में दी गयी. पीएस कॉलेज की छात्रा पर शिक्षाविदों को है नाज भूपेंद्र नारायण मंडल विवि अंतर्गत पीएस कॉलेज मधेपुरा की छात्रा पायल व रियांशी के सफलता पर जिले के शिक्षाविदों को नाज है. पीएस कॉलेज के प्राचार्य डा राजीव रंजन सिन्हा ने दोनों की सफलता पर खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. बिहार राज्य टेबुल टेनिस संघ के उपसचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि टेबुल टेनिस नेशनल चैंपियनशिप का रियांशी और पायल ने कई बार प्रतिनिधित्व किया ह . इन्होंने कई राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय टेबुल टेनिस प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया. हालांकि इन खिलाडि़यों को किसी प्रकार की सरकारी स्तर पर सहायता नहीं मिलने से शिक्षाविदों ने रोष प्रकट किया है. टेबुल टेनिस को मिला राष्ट्रीय स्तर पर पहचानमधेपुरा में अगर टेबुल टेनिस की बात हो तो मधेपुरा टेबुल टेनिस संघ के सचिव प्रदीप श्रीवास्तव के बिना अधूरी मानी जायेगी. इनकी पौधशाला से टेबुल टेनिस के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. वहीं 1993 से ही टेबुल टेनिस की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका अदा करते रहे हैं. वहीं शिक्षाविदों ने कहा कि प्रशासन की ओर से इन खिलाडि़यों की उपेक्षा ठीक नहीं है. यही कारण है कि विगत कई वर्षों से विभिन्न संस्थानों की ओर से खिलाडि़यों को ट्रैक सूट दिया जा रहा है. वहीं प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि मधेपुरा की किसी भी प्रतिभा को अगर उपर उठने में आर्थिक कठिनाइयां आती हैं तो वे हमेशा मदद देंगे.खिलाड़ियों ने बताया फोटो- कैंपस 2कैप्शन- पायल पीएस कॉलेज मधेपुरा में पार्ट वन की छात्रा पायल स्कूली शिक्षा ग्रहण करते हुए खेल के इस विद्या में महारथ हासिल कर ली थी. इन्होंने सबसे पहला चैंपियनशिप 2006 में जीता. इसके बाद पायल ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. एक के बाद एक कई ट्रॉफी अपने नाम किया. जिसमें मुख्य रूप से 2006 कैडैट चैंपियन, 2007 में कैडेट व सब जूनियर चैंपियनशिप, 2008 में सब जूनियर एवं जूनियर चैंपियनशिप, 2009 में सब जूनियर एवं जूनियर चैंपियनशिप, 2012 में जूनियर चैंपियनशिप, 2013 में यूथ चैंपियनशिप एवं जूनियर की उप विजेता बनी, 2014 में सीनियर नेशनल बिहार टीम की तरफ से यूथ चैंपियनशिप की उप विजेता रही. वहीं 2015 मेंे यूथ वूमेंस स्टेट चैंपियन बनी. प्रभात खबर से खास बातचीत करते हुए पायल ने अपने सफलता का सारा श्रेय माता द्रौपती देवी, पिता नरेंद्र नाथ गुप्ता, कोच प्रदीप श्रीवास्तव को देते हुए कहा कि इनके मार्ग दर्शन के बिना यहां तक पहुंचना मुश्किल था. पायल ने कहा कि उनकी इच्छाशक्ति है कि राष्ट्रीय फलक पर मधेपुरा का नाम चमके फोटो- कैंपस 3कैप्शन- रियांशी गुप्ता पीएस कॉलेज मधेपुरा में बारहवीं कक्षा की छात्रा रियांशी गुप्ता छोटी सी उम्र में सफलताओं की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दी थी. सफलता की पहली सीढ़ी रियांशी को 2009 में ही मिल गयी. इसके बाद रियांशी ने अपने खेल के प्रदर्शन से सफलता की लंबी कहानी लिख दी. 2009 के बाद 2010, 2011 में कैडेट व सब जूनियर चैंपियन, 2012 मं कैडेट सब जूनियर चैंपियन बनी. वहीं 2012 में ही यूथ व जूनियर चैंपियनशिप की उप विजेता रही. 2014 एवं 2015 में सब जूनियर चैंपियन, यूथ चैंपियन एवं यूथ व वूमेंस में उप विजेता बन मधेपुरा का गौरव बढ़ायी. प्रभात खबर से खास बातचीत करते हुए रियांशी ने कोच प्रदीप श्रीवास्तव को सारा श्रेय देते हुए कहा कि अगर प्रदीप सर नहीं होते तो सफलता का शिखर तो दूर पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाती. वहीं रियांशी ने कहा कि माता पिता के प्रोत्साहन के बिना यह सब अधूरा था.
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मधेपुरा की बेटियों ने मुंगेर में लहराया परचम
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