लखीसराय : जिले भर में लगातार शीतलहर का प्रकोप जारी रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बुधवार को सुबह में कुहासा तो कम था, लेकिन पछुआ हवा लोगों को कंपकंपी का अहसास करा रहा था. वैसे दोपहर बाद थोड़ी देर के लिए धूप भी खिली, लेकिन लगातार जारी शीतलहर में कोई कमी […]
लखीसराय : जिले भर में लगातार शीतलहर का प्रकोप जारी रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बुधवार को सुबह में कुहासा तो कम था, लेकिन पछुआ हवा लोगों को कंपकंपी का अहसास करा रहा था. वैसे दोपहर बाद थोड़ी देर के लिए धूप भी खिली, लेकिन लगातार जारी शीतलहर में कोई कमी नहीं दिख रही है. शाम होते होते पुन: लोगों को ठंड ने परेशान करना प्रारंभ कर दिया था. बुधवार को लखीसराय का अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया.
लोगों को दस बजे दिन के बाद जारी ठंड से परेशानी हो रही है.
ठंड के कारण लोगों ने अपने अपने घरों में रहना ही बेहतर समझा. वैसे दैनिक मजदूरी करने वाले लोग इस शीतलहर में भी अपने काम में लगे हुए थे. ठंड के कारण अलाव जलाने की मांग सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है.
पिपरिया प्रतिनि के अनुसार, प्रखंड में पछुआ हवा के साथ शीतलहर जारी है. क्षेत्र के लोग अपने स्तर से अलाव की व्यवस्था कर रहे हैं. पशुपालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पशुपालक पशुओं को ठंड से बचाने में लगे हैं. ठंड के कारण पशुओं ने दूध देना भी कम कर दिया है.
वहीं पशुपालकों को अधिक दाम में चारा खरीदना पड़ रहा है. पिपरिय दियारा, डीह पिपरिया,करारी पिपरिया, बसौना ,कन्हरपुर, पथुआ, वलीपुर, मुड़वरिया, मोहनपुर, रामचंद्रपुर, रहाटपुर , रामनगर, तड़ी पर तथा हसनपुर के पशुपालक बताते हैं कि हरुहर नदी एवं गंगा के बीच होने के कारण शीतलहर जारी है. पशुओं को रखने के अलावे उनके चारा के लिए लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय प्रशासन ने कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की है.
सूर्यगढ़ा प्रतिनिधि के अनुसार, बुधवार दोपहर बाद धूप निकलने से ठंड से कंपकपा रहे लोगों ने राहत की सांस ली. इधर ठंड के परवान चढ़ने के बाद भी गरीबों के बीच कंबल एवं गरम कपड़ा आदि का वितरण नहीं हो पाया है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर सिंह ने बताया की पूस की सर्द रात में गरीब परिवार की मुश्किलें बढ़ गयी है. कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें छत भी नसीब नहीं है और वे सर्द रात में किसी तरह समय काटते हैं. अलाव आदि की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. कचरा, कूट आदि जलाकर लोग ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं.