बाढ़ पीड़ितों तक राहत पहुंचाने को प्राथमिकता
लखीसराय : जिले में बाढ़ पीड़ितों की मानवीय खिदमत करने के लिए सरकार एवं प्रशासन कटिबद्ध है. सबकी राय से आपदा पीड़ित तक राहत एवं बचाव कार्य चलाने को प्राथमिकता दिया जायेगा. आपदा पर सियासत मुनासिब नहीं है. उपरोक्त बातें बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य एवं संसदीय विभाग सह जिला प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को परिसदन में जिले में बाढ़ से उत्पन्न हुई हालतों को लेकर जिला आपदा प्रबंधन की जिलास्तरीय अनुश्रवण समिति की समीक्षा बैठक करने से पूर्व प्रेसवार्ता के दौरान व्यक्त की. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिले में बाढ़ जैसी त्रासदी से कुल लगभग डेढ़ लाख आबादी प्रभावित है.
उन्होंने कहा कि सोमवार की शाम तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 24 राहत शिविर खोले गये हैं. इन राहत केंद्रों पर फिलहाल 13 सौ बाढ़ पीडि़त परिवार अपना-अपना शरण ले रखे हैं. बाढ़ पीडि़तों की बचाव के लिए 80 बड़ी नाव, चार मोटर वोट तथा दो मोटर चालित नावों का संचालन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जिले में 19 ग्राम पंचायतों के 63 गांव बाढ़ की चपेट में है. उनमें नौ पंचायतों पर बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिले स्थित संबंधित प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालयों के अलावे आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन, किसान भवन एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पीडि़तों की भावनाओं के अनुरूप बाढ़ राहत शिविर खोले जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की मेडिकल चेकअप के लिए पर्याप्त मोबाइल मेडिकल टीम को जिंक एवं हेलोजेन टेबलेट के साथ सभी राहत केंद्रों पर ड्यूटी में लगाये गये हैं. उन्होंने कहा कि राहत शिविर में सुबह-शाम मुफत चावल, दाल, सब्जी, रोटी एवं नौनिहाल बच्चों के लिए दूध एवं दवा भी मुहैया करवाये गये हैं. उन्होंने कहा कि शिविर में प्रवास करने वाले लोगों का पंजीयन भी किया जायेगा. बीमार व्यक्तियों के लिए अलग से मेडिकल इलाज के साथ मुफत में भोजन एवं दवा मुहैया करवाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि बाढ़ सहायता राहत शिविर में दरी, चटाई, प्रकाश, पेयजल अस्थायी शौचालय, चिकित्सक दल, सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग, संचार व्यवस्था सुनिश्चित किये जायेंगे.
अलग से बांटी जायेगी क्षतिपूर्ति आकलन राहत
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप बाढ़ में क्षति हुए घरेलू समानों, मकान, मवेशियों, अन्न, जलस्त्रोत, फसल सहित दुर्घटना में मौत होने वालों के लिए अंचलवार आकलन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सरकारी प्रावधानों के अनुरूप सरकारी अनुदान एवं अपेक्षित सहायता राशि लाभुकों के बैंक खाता में मुहैया करवाये जायेंगे लेकिन सर्वप्रथम लगभग एक पखवारा तक पीडि़तों को राहत शिविर में ही भोजन एवं दवा के अलावे मानव जीवन रक्षक एवं हर संभव सहायता प्रदान किये जायेंगे. जलस्तर में गिरावट के बाद ही बाढ़ से मची तबाही के दौरान पूर्ण क्षतिपूर्ति का पूर्ण रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगा. इन कार्यों के लिए जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त कर्मियों को सर्वेक्षण ड्यूटी पर लगाये जायेंगे.