लखीसराय : बिहार के जेलों में मोबाइल पहुंचाना आम बात हो गया है. दबंग कैदी जेल के अंदर अन्य कैदियों से उन्हें घर बात कराने के एवज में मोटी रकम वसूलते हैं. इसी की आड़ में जेल से अपराधियों के द्वारा कई प्रकार की घटानाओं को अंजाम दिया जाता है. इस समस्या को काफी हद तक दूर करने हेतु जेल आइजी प्रेम सिंह मीणा ने राज्य सरकार की सहमति से जेलों में बूथ लगाने की योजना की तैयार की. उन्होंने कारधीक्षकों को अनुशंसा पत्र भेज दिया है.
इसकी जानकारी मंडल कारा के उपाधीक्षक शिवशंकर चौधरी ने दी. उन्होंने बताया कि कैदियों को एसटीडी से बात करने के लिए मामूली शुल्क पर सुविधा दी जायेगी. बूथ पर लाइन में खड़े होकर कैदी अपने परिजनों से बात कर सकेंगे. इससे जेल में मुलाकातियों की संख्या भी काफी कम आयेगी. कैदियों द्वारा एसटीडी बूथ से बात करने वाले परिजनों की पूरी जानकारी बूथ पर रखे गये रजिस्टर में दर्ज होगी. इसके बाद ही कैदी अपने परिजनों से बात कर सकेंगे.
बिना परिजनों की पहचान के बात नहीं करने दिया जायेगा. इससे जेल में रह कर होने वाली रंगदारी सहित अन्य गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लगेगी. ज्ञात हो कि स्थानीय मंडल कारा से परिजनों से बात करने की योजना पर जेल आइजी प्रेम सिंह मीणा ने मुहर लगा दी है. इसके लिये उन्होंने राशि का आवंटन कर दिया है. कारा सूत्रों के अनुसार पूरे बिहार में 8 केंद्रीय कारा, 32 मंडल कारा व 17 उपकारा हैं. उक्त कार्य के लिए 9 करोड़ 11 लाख 28 हजार 40 रुपये आवंटित किया गया है.