लखीसराय : शहर के एक सौ शय्या वाले सदर अस्पताल में रोगी दवा व जांच के लिए बेहाल हैं, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग संवेदनशील नहीं है. इस अस्पताल में प्रत्येक माह लगभग नौ हजार रोगियों व तीन सौ रोगियों का इमरजेंसी में चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है. बावजूद इसके अस्पताल में न पर्याप्त चिकित्सक है और न ही दवा की पर्याप्त व्यवस्था है.
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दवा के लिए रोगी बेहाल
लखीसराय : शहर के एक सौ शय्या वाले सदर अस्पताल में रोगी दवा व जांच के लिए बेहाल हैं, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग संवेदनशील नहीं है. इस अस्पताल में प्रत्येक माह लगभग नौ हजार रोगियों व तीन सौ रोगियों का इमरजेंसी में चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है. बावजूद इसके अस्पताल में न पर्याप्त चिकित्सक […]
दवा व चिकित्सकों का अभाव
अस्पताल में सरकार द्वारा दी जानेवाली 33 प्रकार की दवा की जगह मात्र 22 प्रकार व आइपीडी में 117 की जगह मात्र 50 दवा उपलब्ध है. मरीजों को दवा बाजार से खरीदना पड़ता है. सदर अस्पताल में 35 सृजित चिकित्सक पद पर मात्र 11 चिकित्सक कार्यरत हैं. जिससे रोगियों को विभिन्न रोगों की इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. आइएसयू रूम के अभाव में इमरजेंसी में आये रोगियों को प्राथमिक उपचार कर पटना भेज जाता है. जिससे आये दिन कई रोगियों की रास्ते में ही मौत हो जाती है. यहां लगभग दो माह से अल्ट्रासांउड की सुविधा बंद है. यह जांच रोगियों को बाहर जाकर करानी पड़ती है.
क्या कहते हैं मरीज
अस्पताल में भरती मुन्नी देवी, सोहन मांझी समेत अन्य ने बताया कि यहां रोगियों काे कोई सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है. अल्ट्रासांउड भी बंद है. गंभीर बीमारी की कोई दवा उपलब्ध नहीं है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत अस्पताल प्रबंधक नंद किशोर भारती ने बताया कि अल्ट्रासांउड को जल्द से जल्द चालू किया जायेगा. आसीयू की व्यवस्था में लगे हुए हैं. उपाधीक्षक डाॅ मुकेश कुमार ने बताया कि रोगियों की सुविधा उपलब्ध होती है, उनको दिया जाता है. अन्य सुविधा के लिए लिखा जाता है.
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