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चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बनती शक्षिा और साक्षरता

चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बनती शिक्षा और साक्षरता विधानसभा चुनाव की गूंज में गुम हुई समस्याएं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की स्थिति और भी बदतर, फिर भी उदासीनता प्रतिनिधि, लखीसरायशिक्षा को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन प्रतिमाह अरबों रुपये खर्च कर भी हालात नहीं बदला. आज भी […]

चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बनती शिक्षा और साक्षरता विधानसभा चुनाव की गूंज में गुम हुई समस्याएं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की स्थिति और भी बदतर, फिर भी उदासीनता प्रतिनिधि, लखीसरायशिक्षा को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन प्रतिमाह अरबों रुपये खर्च कर भी हालात नहीं बदला. आज भी गरीब परिवारों में बच्चे अपने पैरों पर खड़ा होते हैं तो स्कूल जाने की बजाय खेतों की ओर रुख कर देते हैं. यह उनका शौक नहीं बल्कि लाचारी है. लड़कियां घर की रखवाली करती हैं और लड़के परिवार वालों के साथ खेतों में काम या मेहनत-मजदूरी करते हैं. जिले में बेहतर शिक्षा की बात कौन करे, साक्षरता की स्थिति भी ठीक-ठाक नहीं है. सरकारी स्तर पर साक्षरता के लिये कई योजनाएं चली, करोड़ों रुपये खर्च किये गये, फिर भी स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ. विधानसभा चुनाव अपने परवान पर है. बड़े-बड़े दावों के बीच राजनीतिक दलों के दिग्गज घोषणाओं का पिटारा भी खोल रहे हैं. हालांकि यह बात हैरान करती है कि हर बार की तरह इस बार भी चुनावी वायदों में शिक्षा व साक्षरता गायब है. शहर या आसपास के इलाकों में स्थिति कमोबेश ठीक है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी बद से बदतर हालात हैं. इधर साक्षरता के जिला सचिव सुरेश प्रसाद के मुताबिक साक्षरता के लिये जिला में दो तरह का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वर्ष 2011 के नवंबर से साक्षर भारत मिशन अंतर्गत 80 लोक शिक्षा केंद्र प्रत्येक पंचायत के मध्य विद्यालय में स्थित हैं. 26 जनवरी 2013 से महादलित, अल्पसंख्यक व अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना अंतर्गत 201 टोला सेवकों तथा 26 तालीम मरकज शिक्षा स्वयं सेवकों द्वारा प्रत्येक वर्ष उसी समुदाय के 40-40 महिलाओं को साक्षर करने तथा 25-25 बच्चों को स्कूल पहुंचाने व लाने तथा उन्हें उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करने की जवाबदेही दी गयी है. प्रखंड साक्षरता प्रतिशतलखीसराय 73.6सूर्यगढ़ा 62.1हलसी 55चानन 63.1रामगढ़ चौक 52.9पिपरिया 49बड़हिया 61.1सूर्यगढ़ा विधानसभा : मुकाबला सीधा मगर बराबरी का कुल मतदाता-3 लाख 15 हजार 463 महिला-एक लाख 44 हजार 871 पुरूष-एक लाख 70 हजार 590167 – सूर्यगढ़ा विधान सभा क्षेत्र विधानसभा चुनाव – 2010 प्रेम रंजन पटेल (भाजपा) विजेता कुल प्राप्त मत — 49511प्रहृलाद यादव ( राजद ) निकटतम प्रतिद्वंद्वी को कुल प्राप्त मत– 46583फोटो संख्या – 01 – अलीनगर – कजरा की जर्जर सड़क प्रतिनिधि, लखीसरायजिले के सूर्यगढ़ा विधानसभा में राजग व महागंठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. हालांकि वाम दल व निर्दलीय प्रत्याशी मुकाबला को तीसरा कोण देने में लगे हैं. यहां 50 प्रतिशत वोटर कैडर हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में हर चुनाव में जातीय समीकरण जीत हार में निर्णायक रहा है. आरोप-प्रत्यारोप के बीच हर प्रत्याशी जातीय समीकरण के आधार पर ही मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हैं. इन सबों के बीच विकास का मुद्दा चुनावी शोरगुल में दबता नजर आ रहा है. हालांकि भाजपा व जदयू दोनों ने विकास को प्रमुखता के साथ चुनावी मुद्दा बना रखा है. इस विधानसभा क्षेत्र में लालू, नीतीश, सिने स्टार सह भाजपा सांसद हेमा मालिनी, नंद किशोर यादव, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आदि की चुनावी सभा हो चुकी है. विधानसभा क्षेत्र के शहरी इलाके में जहां पार्टी के आधार पर वोट का मूल्यांकन हो रहा है. वहीं ग्रामीण इलाकों में समीकरण एकदम उलटा है. यहां जातीय आधार पर एवं अपने बीच के प्रत्याशी के साथ ही पिछले रिकॉर्ड को देखा जा रहा है.पुराने प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने सूर्यगढ़ा विधानसभा में एक बार फिर राजग व महागंठबंधन के दो पुराने प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं. भाजपा प्रत्याशी वर्तमान विधायक प्रेम रंजन पटेल को मोदी फैक्टर के अलावा अपने विकास कार्यो पर भरोसा है तो महागंठबंधन के उम्मीदवार राजद प्रत्याशी पूर्व विधायक प्रह्लाद यादव को वर्तमान विधायक के खिलाफ एंटी इनकम्बैंसी फैक्टर व नीतीश का चेहरा के अलावे विशेष कुछ नहीं है. जब प्रभात खबर प्रतिनिधि ने इस विधानसभा में मतदाताओं का मिजाज जानने की कोशिश की तो मतदाताओं में चुनाव को लेकर विशेष उत्साह नहीं दिखा. जब सूर्यगढ़ा प्रखंड मुख्यालय के पश्चिम पहाड़ी इलाके कजरा व पीरी बाजार की ओर रुख किया तो ग्रामीण इलाकों में भी चुनाव प्रचार अभियान अपने चरम पर दिखा. वाहन की छत पर भौंपू बांधे प्रचार वाहनों का शोर थमने का नाम नहीं ले रहा था. लखीसराय से 20 किलोमीटर दूर ग्रामीण सड़क होकर हम पीरी बाजार पहुंचे. जर्जर सड़क में कई जगह खतरनाक गड्ढा दुर्घटना को आमंत्रण देता नजर आया. यहां कभी भी हादसा हो सकता है. पीरी बाजार में भी चुनावी फिजा अपने परवान पर था. एक बड़े नेता की चुनावी सभा थी. इसलिए बाजार में काफी गहमा-गहमी थी. युवक अमित कुमार ने बताया कि यहां जातिगत समीकरण के अलावे लोग पार्टी लाइन के आधार पर भी मतदान करेंगे. चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में है. मतदाता भी अपना मूड बना चुके हैं कि उन्हें किस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करना है. रामदेव पंडित ने बताया कि लोगों में लोकतंत्र के इस महापर्व को लेकर विशेष उत्साह नहीं है. जिस दिन मतदान देना होगा, किसी स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशी को अपना मत दे देंगे.चंदन कुमार ने बताया कि कई दशक बाद भी अभयपुर-बसौनी, महेशपुर-देवघरा, पीरी बाजार-लहसोरवा पथ नहीं बना. सड़कें इतनी जर्जर है कि यहां पैदल चलना भी मुश्किल है.आशीष कुमार ने बताया कि यहां का इलाका कृषि प्रधान है. बाजार भी कृषि पर ही निर्भर करता है. यहां सिंचाई सुविधा का घोर अभाव है. एक भी सरकारी नलकूप नहीं है और नहर की व्यवस्था भी नहीं है. खेती पूर्णयता मानसून पर ही निर्भर करता है. संपर्क पथ के खस्ता हाल की वजह से स्थानीय बाजार में व्यापार फल-फूल नहीं रहा. मतदान के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि इस बार विकास के मुद्दे पर ही वोट करेंगे. इस बात से मनीष कुमार व कन्हैया कुमार ने भी सहमति जतायी. राज कुमार लुहारुका ने बताया कि व्यवसायियों के लिए सबसे अधिक आवश्यक है भयमुक्त वातावरण और सुशासन. इसके अलावा आवागमन की सुविधा, अच्छी सड़क, अच्छी बिजली के लिए व्यापारी वर्ग इस बार विकास के मुद्दे पर वोट करेगा. थोड़ी दूर चाय दुकान पर बैठे एक अधेड़ महेंद्र साव ने बताया कि सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र के पहाड़ी इलाके में ग्रामीण पथों की स्थिति काफी जर्जर है. अगर यहां ट्रेन छूट गया तो सड़क मार्ग से होकर जाने में हड्डी हिल जाती है. बिजली की स्थिति नहीं सुधरी. इलाका कृषि प्रधान है. लेकिन किसानों को खाद, बीज, सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रहा है. समीप ही बैठे एक युवा बोल बैठते हैं भैया इस बार भी वोट जाति पर ही होगा. आज तक यहां जाति के आधार पर ही मतदाताओं की गोलबंदी हुई है. अंतिम समय में विकास के तमाम नारों की हवा निकल जाती है.सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में जातिगत आधार पर मतदाताओं की संख्या (अनुमान के आधार पर)कुल वोटर — 3 लाख 15 हजार 463 यादव —- 45 हजारमुसलिम — 15 हजारकुर्मी – कोयरी, धानुक — 75 हजार अत्यंत पिछड़ा —- 30 हजार भूमिहार — 65 हजार ब्राहृमण , कायस्थ तथा राजपूत — 15 हजार वैश्य —- 25 हजारएस सी / एसटी — 25 हजारअन्य — 20 हजार बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में सूर्यगढ़ा विधानसभा से निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवार प्रत्याशी का नाम दल चुनाव चिह्नप्रमोद शर्मा भाकपा बाल और हंसियाप्रहृलाद यादव राजद लालटेनप्रेम रंजन पटेल भाजपा कमलसुनील कुमार राउत बहुजन समाज पार्टी हाथी गिरीश बिंद सर्वजन कल्याण लोक तांत्रिक पार्टी आदमी और पाल युक्त नौकाजितेंद्र शुक्ला अखिल भारत हिंदू महासभा नारियलरामानुज प्र. सिंह समाजवादी पार्टी साइकिलअकलेश्वर भगत निर्दलीय एअर कंडीशनरउचित कुमार निर्दलीय गुब्बाराकमलेश्वरी महतो निर्दलीय अलमीरानित्यानंद कुमार निर्दलीय बाल्टीनिवेदिता कुमारी निर्दलीय ऑटो रिक्शाराजो मांझी निर्दलीय फलों से युक्त टोकरीविक्रमादित्य कु सिंह निर्दलीय बल्लाश्रवण कुमार आनंद निर्दलीय बल्लेबाज

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