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47 मामलों का किया गया निष्पादन

लखीसराय: शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामश्रेष्ठ राय की देख रेख में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. लखीसराय सिविल कोर्ट परिसर में तीन बेंच के माध्यम से श्रम अधिनियम एवं परिवार वाद के लिए समझौते के आधार पर मामलों को निबटाने के लिए नेशनल लोक अदालत लगाया गया […]

लखीसराय: शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामश्रेष्ठ राय की देख रेख में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. लखीसराय सिविल कोर्ट परिसर में तीन बेंच के माध्यम से श्रम अधिनियम एवं परिवार वाद के लिए समझौते के आधार पर मामलों को निबटाने के लिए नेशनल लोक अदालत लगाया गया था. इसका उद्घाटन जिला जज रामश्रेष्ठ राय ने दीप प्रज्वलित कर किया.

उद्घाटन मौके पर श्री राय ने अपने संबोधन में नेशनल लोक अदालत के महत्व को बताते हुए कहा कि इसमें बड़ी सुगमता एवं आपसी समझौते के आधार पर मामले को निबटाया जाता है जिससे दोनों पक्षों को किसी तरह की शिकायत नहीं रहती है तथा उन्हें मानसिक शांति भी मिलती है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने के द्वितीय शनिवार को लोक अदालत का आयोजन किया जाता है. इसके लिए कोर्ट परिसर में एक अलग से लोक अदालत कार्यालय का भी गठन किया गया है जहां लोग इसके संबंध में जानकारी ले सकते हैं.

शनिवार को लगे लोक अदालत के तीन बेंच में से प्रथम पर परिवार वाद के निबटारे के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमर ज्योति श्रीवास्तव, अधिवक्ता प्रजापति झा एवं कुमारी बबीता मौजूद थी. जहां एक भी वादी व प्रतिवादी हाजिर नहीं हुए, वहीं श्रम अधिनियम के लिए दो बेंच बनाये गये थे, जिसमें एक पर एडीजे पंचम केके अग्रवाल, अधिवक्ता हरेराम शर्मा एवं कृष्ण कुमार भार्गव ने कुल 46 मामलों का निबटारा आपसी समझौते के आधार पर किया वहीं तीसरे बेंच पर बैठे एसडीजेएम मनीष कुमार द्विवेदी, अधिवक्ता विपिन कुमार एवं कन्हैया कुमार ने एक मामले का आपसी समझौते के आधार पर मामले का निबटारा किया. लोक अदालत की समाप्ति पर अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव महेश प्रसाद सिंह ने बताया कि शनिवार को संपन्न हुए नेशनल लोक अदालत में कुल 47 वादों का निबटारा हुआ जिसमें सभी श्रम अधिनियम से थे. जिनसे 01 लाख 25 हजार समझौता राशि पर फैसला हुआ. वहीं परिवार वाद के लिए लगाये गये बेंच पर कोई भी वादी व प्रतिवादी के नहीं पहुंचा.

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