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मर्यादा जीवन का मूल मंत्र : राज्यपाल

किशनगंज : 152वां मर्यादा महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल रामनाथ कोविंद इस कार्यक्रम में भाग लेने किशनगंज पहुंचे. स्थानीय दिगंबर जैन भवन के पास स्थित प्रस्तावित अग्रसेन भवन परिसर स्थित महोत्सव स्थल पर पहुंच कर उन्होंने आचार्य महाश्रमण जी को जैन विश्व भारती द्वारा प्रकाशित आचार्य तुलसी रचित पुस्तक […]

किशनगंज : 152वां मर्यादा महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल रामनाथ कोविंद इस कार्यक्रम में भाग लेने किशनगंज पहुंचे. स्थानीय दिगंबर जैन भवन के पास स्थित प्रस्तावित अग्रसेन भवन परिसर स्थित महोत्सव स्थल पर पहुंच कर उन्होंने आचार्य महाश्रमण जी को जैन विश्व भारती द्वारा प्रकाशित आचार्य तुलसी रचित पुस्तक भेंट की व उनका आशीर्वाद लिया. महोत्सव को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल श्री कोविंद ने मर्यादा महोत्सव के औचित्य व इसकी उपादेयता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मर्यादा का जीवन में
मर्यादा जीवन का…
सर्वाधिक महत्व है. मर्यादा का अनुपालन परिवार, समाज से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाना नितांत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल की हैसियत से मैं भी अपनी संवैधानिक मर्यादा का अनुपालन सदैव करता हूं.
अहिंसा से मानव कल्याण संभव : उन्होंने कहा कि आचार्य स्वयं त्याग, सादगी व मर्यादा की जीती जागती प्रतिमूर्ति है. सभी अहिंसा और मर्यादा का पाठ पढ़ाते है. उन्होंने कहा कि संसार की परिस्थिति नित बदल रही है. एक ओर जहां तकनीकी क्षेत्र में काफी कल्याणकारी परिवर्तन हुए हैं, तो दूसरी ओर विध्वंसक प्रवृत्ति भी बढ़ी है.
हिंसा का शमन हिंसा से संभव नहीं है. हिंसा को अहिंसा से ही पराजित किया जाता है. हमारा स्वतंत्रता संग्राम इस बात की गवाही देता है. उन्होंने कहा कि अहिंसा से मानव कल्याण संभव है. अहिंसा के द्वारा बड़ी से बड़ी जंग जीती जा सकती है तथा अहिंसा से न केवल प्राणी का कल्याण होता वरन् कई समस्याओं का निदान संभव है. इसी को कहा कहा गया है
‘अहिंसा परमो धरम:’ आप तो अहिंसा के परम पुजारी है. इस महोत्सव के लिए आप हजारों किमी की पदयात्रा कर नेपाल के विराट नगर होते हुए मेरे संवैधानिक कार्य क्षेत्र भगवान महावीर की धरती बिहार के सीमांत जिला किशनगंज में पधारे हैं. उन्होंने कहा कि मर्यादा महोत्सव के दौरान शिक्षण, प्रशिक्षण, अतीत के अवलोकन के अवसर पर भविष्य की रूप रेखा तैयार की जाती है. आप सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति के पवित्र उद्देश्य को लेकर निकले हैं,
जिसका व्यापक असर अवश्य ही आम जनों के मानस पटल पर पड़ेगा. मैं भगवान महावीर से यह प्रार्थना करता हूं कि आपका सद्प्रयास काफी सफल हो. मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति एवं जैन श्वेतांबर महासभा के पदाधिकरियों ने महामहिम राज्यपाल को पुस्तक व प्रतीक चिह्न भेंट कर उन्हें सम्मानित किया. इससे पूर्व मर्यादा महोत्सव में राज्यपाल के पहुंचते ही राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ.

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