कुर्लीकोट(किशनगंज): शिक्षा को लेकर भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हमारे देश को आजाद हुए लगभग 68 वर्ष हो गये फिर भी देश के भविष्य बच्चे वृक्ष के नीचे व सड़क के किनारे पढ़ने को विवश हैं. ठाकुरगंज प्रखंड कार्यालय से 10 किमी दूर बुढ़नई पंचायत लोधाबाड़ी गांव में आदिवासी समाज के लोग रहते हैं.
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ठाकुरगंज प्रखंड बुढ़नई पंचायत के लोधाबाड़ी गांव का हाल, पेड़ के नीचे पढ़ता है देश का भविष्य
कुर्लीकोट(किशनगंज): शिक्षा को लेकर भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हमारे देश को आजाद हुए लगभग 68 वर्ष हो गये फिर भी देश के भविष्य बच्चे वृक्ष के नीचे व सड़क के किनारे पढ़ने को विवश हैं. ठाकुरगंज प्रखंड कार्यालय से 10 किमी दूर […]
इस गांव में एक प्राथमिक विद्यालय तो है, पर विद्यालय भवनहीन है. जिसके कारण वहां के बच्चे आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं. विद्यालय में अभी तक भवन नहीं बन पाया है. वहीं विद्यालय में एक शिक्षक की नियुक्ति की गयी है, जो एक पेड़ के नीचे बैठ कर बच्चों को पढ़ाते हैं. इस बात को लेकर यहां ग्रामीणों ने भी नाराजगी जाहिर की है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण राम हांसदा, कुशेल बासकी, विश्वनाथ मुमरू सहित दर्जनों ग्रामीणों ने कहा है कि आसमान के नीचे बच्चों के पढ़ने के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कभी आंधी तो कभी बरसात और कभी तेज धूप की वजह से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं. वहीं जो बच्चे पढ़ते हैं, उसे मध्याह्न् भोजन तक नहीं दिया जाता है.
क्या कहते हैं बीइओ
बीइओ नंद कुमार ने कहा कि वरीय पदाधिकारी को भवन के लिए लिख कर दे दिया गया है और जमीन की व्यवस्था भी की जा रही है. वहीं मध्याह्न् भोजन के विषय में उन्होंने कहा कि नया विद्यालय होने की वजह से मिड डे मील बंद है. अप्रैल से इसकी शुरुआत की जायेगी.
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