खगड़ियाः वोटरों को प्रभावित करने के लिए आमतौर पर राजनीतिक दलों के द्वारा शराब का इस्तेमाल किया जाता रहा है. ऐसा करना आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में माना जाता है. वोट के लिए शराब के इस्तेमाल पर रोक/पाबंदी लगाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा शराब की बिक्री पर नजर रखने के निर्देश दिये गये हैं. उसके बाद लोक सभा चुनाव के मद्देनजर जिला स्तर पर गठित विधि व्यवस्था कोषांग के द्वारा उत्पाद विभाग से प्रतिदिन दैनिक जांच प्रतिवेदन मांगा गया है, जिसे राज्य स्तर पर भेजा जायेगा.
इधर विधि व्यवस्था कोषांग के नोडल पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि आयोग के द्वारा अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के अलावे शराब की बिक्री की रिपोर्ट मांगी गयी है, जिससे यह स्पष्ट हो पाये कि चुनाव के इस माहौल में कहीं शराब की बिक्री बढ़ी तो नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इस माह/दिन कितनी शराब की बिक्री हुई थी तथा इस वर्ष उस माह/दिन कितनी शराब की बिक्री हो रही है. अगर शराब की बिक्री में 30 प्रतिशत अथवा इससे अधिक बिक्री होती हैं तो इसकी रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को भेजी जायेगी तथा इस बात की जांच होगी कि औसतन बिक्री से अधिक शराब की बिक्री क्यों हुई/हो रही है. उन्होंने बताया कि जिले में अवस्थित सभी लाइसेंसी शराब की दुकानों की जांच रिपोर्ट उत्पाद विभाग से मांगी जा रही है.