खगड़िया : किसी बैंक के लिए डिपोजिट काफी महत्वपूर्ण है. बैंक के जानकार बताते हैं कि ऋण वितरण किसी भी बैंक के लिए जितना जरूरी है उससे अधिक महत्वपूर्ण डिपोजिट प्राप्त करना है. क्योंकि डिपोजिट पर ही बैंक का सारा सिस्टम टिका हुआ है. सरकार की नोटबंदी के फरमान ने सभी बैंकों के शाखा प्रबंधकों की फिलहाल मुश्किलें कम नहीं,
बल्कि समाप्त कर दी है. सभी शाखाओं में इतने रुपये जमा हो गये हैं कि फिलहाल न तो उन्हें कारोबारियों के यहां जाने की जरूरत है और न ही सरकारी बाबूओं के दफ्तरों डिपोजिट मांगने के लिए जाने की आवश्यकता है. पांच दिनों में सभी शाखाओं में पुराने हजार व पांच सौ रुपये के व्यापक पैमाने पर नोट जमा हुए हैं.
इससे बैंकों में डिपोजिट का अंबार लग गया है. सभी बैंकों में एक बड़ी राशि जमा हुई है. कुछ शाखाओं में चार दिनों में ही चार माह के डिपोजिट का लक्ष्य पूरा हो गया है. जबकि कुछ बैंक 31 मार्च 2017 के डिपोजिट के लक्ष्य के करीब पहुंच गये हैं. ऐसे बैंकों के शाखा प्रबंधक भी आश्वस्त हैं. उन्हें विश्वास है कि बैठे-बैठे ही उनकी शाखा डिपोजिट के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी.