गोलमाल. मामला आर्य कन्या उच्च विद्यालय के कर्मचारियों के वेतन भुगतान को निर्गत चेक का
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डीइओ-डीपीओ की भूमिका सवालों के घेरे में
गोलमाल. मामला आर्य कन्या उच्च विद्यालय के कर्मचारियों के वेतन भुगतान को निर्गत चेक का आर्य कन्या उच्च विद्यालय में बहाली पर मचे हंगामा के बीच पिछले दरवाजे से बिना जांच पड़ताल किये वेतन भुगतान मद में 37 लाख रुपये फूंके जाने के मामले में डीइओ से लेकर डीपीओ स्थापना तक की कार्यशैली सवालों के […]
आर्य कन्या उच्च विद्यालय में बहाली पर मचे हंगामा के बीच पिछले दरवाजे से बिना जांच पड़ताल किये वेतन भुगतान मद में 37 लाख रुपये फूंके जाने के मामले में डीइओ से लेकर डीपीओ स्थापना तक की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वेतन भुगतान विपत्र पर शिक्षा विभाग के अधिकारी आंख मूंद कर हस्ताक्षर कर रहे थे क्या.
खगड़िया : नियम कायदे को ताक पर रख कर आर्य कन्या उच्च विद्यालय में बहाल कर्मियों के वेतन/मानदेय भुगतान में जल्दबाजी डीइओ व डीपीओ स्थापना को भारी पड़ सकता है. मामला बिना जांच पड़ताल किये ही विद्यालय के कर्मियों के वेतन/मानदेय भुगतान के लिये काटे गये करीब 37 लाख रुपये के चेक में फर्जीवाड़ा से जुड़ा हुआ है. अब मामला फंसने के बाद बचने के लिये तरह तरह का तिकड़म आजमाया जा रहा है. डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह कहते हैं वह इस मामले में कुछ नहीं बोलेंगे. वहीं डीपीओ स्थापना सुरेश कुमार साहू कहते हैं कि वेतन भुगतान मामले में डीइओ ही सर्वेसर्वा हैं. उनके आदेश से ही उन्होंने 37 लाख रुपये का चेक काटा था.
वे कहतें हैं कि पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार ही उन्होंने डीइओ के आदेश से चेक काटा है. जब उनसे कहा गया कि पूर्व की गड़बड़ियों को सुधार करना किसकी जिम्मेदारी है तो वह जवाब देने से कन्नी काट गये. जबकि इस पूरे मामले में डीपीओ स्थापना की बातें गले से नीचे नहीं उतर रहे हैं. सवाल उठता है कि डीपीओ स्थापना ने चेक काटने से पहले एकाउंट किसके नाम से है? विपत्र सही है या नहीं ? जब नियमानुसार स्पष्ट आदेश है कि ऐसे विद्यालयों में किसी भी तरह की राशि का भुगतान प्रधानाध्यापक व सचिव के संयुक्त खाते में ही होगा तो डीपीओ स्थापना ने प्रभारी प्रधानाध्यापक, आर्य कन्या उच्च विद्यालय के नाम से संचालित बैंक खाता के नाम से चेक क्यों काट दिया?
प्रभारी प्रधानाध्यापक के नाम से काटा 37 लाख का चेक: आर्य कन्या उच्च विद्यालय के बैंक खाता का संचालन सचिव व प्रधानाध्यापक के संयुक्त रुप से होना चाहिये. लेकिन नियम कायदे को ताक पर रख कर शिक्षा विभाग के अधिकारी व विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक, पूर्व प्रबंध समिति की मिलीभगत से धांधली होती रही. बताया जाता है कि मार्च 2015 से विद्यालय के कर्मियों के वेतन भुगतान के लिये 37 लाख 12 हजार 363 रुपये का चेक काटा गया. नियमत : सचिव व प्रधानाध्यापक के संयुक्त खाता के नाम से चेक निर्गत होना चाहिये. लेकिन यहां भी अधिकारियों ने आंख मूंद कर विद्यालय के इंचार्ज, हेडमास्टर आर्य कन्या उच्च विद्यालय के नाम से चेक काट दिया.
डीइओ ने क्यों की जल्दबाजी
वेतन/मानदेय भुगतान में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद डीइओ की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. पूरे प्रकरण में पांच दिनों के अंतराल में डीइओ कार्यालय से निर्गत पत्र से धांधली के राज खोलने के लिये काफी हैं. छह मई 2015 को डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह द्वारा आर्य कन्या उच्च विद्यालय के सचिव/प्रभारी प्रधानाध्यापक को पत्र भेजा गया. जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा विभिन्न पदों पर बहाली की सूचना कार्यालय को नहीं है. विद्यालय में नियोजन संबंधी शिक्षक व अन्य कर्मियों की सूची डीइओ कार्यालय को उपलब्ध करवाया जाये. इसके ठीक पांच दिन बाद 11 मई 2015 को डीइओ डॉ सिंह ने डीपीओ स्थापना कार्यालय से निर्गत पत्र का हवाला देते हुए विद्यालय के कर्मचारियों के वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया.
ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी जल्दबाजी किस बात की थी? पांच दिन पहले विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के बारे में कोई जानकारी नहीं रहने, पांच दिन के अंतराल पर सब कुछ ठीक होने और वेतन भुगतान के आदेश के पीछे कौन सी खिचड़ी पकायी गयी? आखिर डीइओ द्वारा विद्यालय द्वारा भेजी गयी सूची की जांच नहीं करना, डीपीओ स्थापना ने भी आंख मूंद कर वेतन भुगतान के अनुपालन में कोई देरी नहीं करना आदि जैसे कई सवाल हैं जो गोलमाल की ओर इशारा कर रहे हैं.
कहते हैं विद्यालय के सचिव
नियमानुसार आर्य कन्या उच्च विद्यालय में सचिव व प्रधानाध्यापक के नाम से संयुक्त बैंक खाता होना चाहिये. लेकिन स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक के नाम से खोले गये बैंक खाता से स्कूल के कामकाज का संचालन होने से संबंधित कागजात की जांच किये बिना ही डीइओ व डीपीओ स्थापना की मिलीभगत से विद्यालय के कर्मियों के वेतन मद में 37 लाख रुपये का चेक इंचार्ज हेडमास्टर, आर्य कन्या उच्च विद्यालय के नाम से काटे दिये गये.
नील कमल दिवाकर, सचिव, विद्यालय प्रबंधन समिति
कहते हैं डीपीओ स्थापना
मैंने आर्य कन्या उच्च विद्यालय के शिक्षक सहित अन्य कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिये करीब 37 लाख रुपये का चेक काटा था. इस मामले में डीइओ ही सर्वेसर्वा हैं. प्रधानाध्यापक के बैंक खाता में चेक निर्गत करने से पहले जांच पड़ताल नहीं करने के बारे में पूछने पर उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया.
सुरेश कुमार साहू, डीपीओ स्थापना
कहते हैं डीएम
आर्य कन्या उच्च विद्यालय में नियम को दरकिनार कर प्रभारी प्रधानाध्यापक के नाम से संचालित बैंक खाता संचालन में गड़बड़ी की शिकायत को देखते हुए स्कूल के सभी बैंक खाता के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया गया है. स्कूल को टेकओवर करने के लिये सरकार को पत्र भेजा गया है. विद्यालय में वित्तीय गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए जिला कोषागार पदाधिकारी को इस स्कूल से संबंधित कोई भी विपत्र पारित नहीं करने का निर्देश दिया गया है. गड़बड़ी करने वाले अधिकारी हो या कर्मचारी…किसी को बख्शा नहीं जायेगा.
जय सिंह, डीएम, खगड़िया
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