स्वास्थ्य विभाग के गलियारे से अच्छी खबर आयी है. सरकार ने 31 चिकित्सकों का पदस्थापन खगड़िया जिले में किया है. पूर्व से कार्यरत 25 चिकित्सकों के अलावा 31 और चिकित्सकों की तैनाती के बाद अस्पतालों में मरीजों को काफी हद तक परेशानी से मुक्ति मिलने की उम्मीद है. हालांकि अब तक 12 चिकित्सकों ने जिला में योगदान दे दिया है.
खगड़िया : चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग के गलियारे से अच्छी खबर आयी है. सरकार ने 31 चिकित्सकों का पदस्थापन खगड़िया जिले में किया है. पूर्व से कार्यरत 25 चिकित्सकों के अलावा 31 और चिकित्सकों की तैनाती के बाद अस्पतालों में मरीजों को काफी हद तक परेशानी से मुक्ति मिलने की उम्मीद है. हालांकि अब तक 12 चिकित्सकों ने जिला में योगदान दे दिया है. जिन्हें विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात किया गया है.
इलाज के लिए भटकने से मिलेगी निजात
अब मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. इलाज के नाम पर खानापूर्ति कर रेफर की बनी परम्परा अब समाप्त होने वाली है.
अब स्वास्थ्य प्रशासन चिकित्सक की कमी का बहाना नहीं बना पायेंगे. सभी प्रखंड के मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. जिले के लोगों को स्वस्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने 31 चिकित्सक खगड़िया में तैनात किया है. जिसमें से गुरूवार को 12 चिकित्सकों ने योगदान किया है. शेष बचे चिकित्सक एक माह के अन्दर योगदान करेंगे. हालांकि जिले में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की गई है जिसके कारण विशेष प्रकार की चिकित्सा उपलब्ध नहीं हो सकेगी. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आने वाले समय में इस समस्या के निदान की बात कह रहे हैं.
16 लाख की आबादी पर थे मात्र 25 चिकित्सक
उल्लेखनीय है कि जिले के 16 लाख की आबादी को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 25 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 193 स्वास्थ्य उपकेंद्र की व्यवस्था की गई है. सरकार द्वारा सुसज्जित अस्पताल बनाया गया है. अत्याधुनिक उपकरण की व्यवस्था कर दी गयी है. लेकिन चिकित्सक की कमी के कारण सर्वाधिक परेशानी हो रही थी.
चिकित्सकों की नई तैनाती के बाद अस्पतालों की दशा सुधरने की संभावना जतायी जा रही है. मालूम हो कि जिले में सिविल सर्जन सहित 109 चिकित्सक के पद स्वीकृत हैं. जिसमें से जिले में मात्र 25 चिकित्सक के सहारे ही 16 लाख की आबादी का इलाज किया जा रहा था.
पदस्थापित चिकित्सकों में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक की नहीं
हुई तैनाती
चिकित्सकों की तैनाती के बाद अस्पतालों में इलाज व्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद
जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवा का ब्योरा
एक सदर अस्पताल
एक रेफरल अस्पताल
7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
25 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
193 स्वास्थ्य उपकेन्द्र
1. डाॅ जनमेयजय प्रसाद सिंह एपीएचसी, पीरनगरा
2. डाॅ मंजू कुमारी पीएचसी, गोगरी
3. डाॅ राजीव रंजन कुमार पीएचसी, मानसी
4. डाॅ ऋचा कुमारी पीएचसी, चौथम
5. डाॅ शोभा रानी प्रसाद पीएचसी गोगरी
6. डाॅ पायल कुमारी सदर अस्पताल, खगड़िया
7. डाॅ सुभाष चंद्र बैठा सुमन एपीएचसी पसराहा फांड़ी
8. डाॅ संध्या कुमारी पीएचसी, अलौली
9. डाॅ अनिल कुमार एपीएचसी सोनवर्षा घाट
10.डाॅ मनीष कुमार पीएचसी मानसी
11.डाॅ अरविन्द कुमार पीएचसी खगड़िया
12.डाॅ गणेश कुमार रेफरल अस्पताल गोगरी
1. नयागांव
2. डुमरिया बुजुर्ग
3. भरतखंड
4. माधवपुर
5. कोलवारा
1. हरिपुर
2. बहादुरपुर
3. मेघौना
4. मोहराघाट
5. मारणडीह
6. शुंभा
किस प्रखंड में कितने उपस्वास्थ्य केंद्र
खगड़िया प्रखंड- 37, गोगरी प्रखंड- 34, अलौली प्रखंड- 37, परबत्ता प्रखंड- 25, मानसी प्रखंड- 11
चौथम प्रखंड- 24,बेलदौर प्रखंड- 25
महिला समाख्या के कार्यालय में लगेगा ताला
मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के आदेशानुसार बिहार महिला समाख्या सोसाइटी को बंद करने का लिया गया फैसला
विभिन्न जिलों में कार्यरत महिला समाख्या के सारे कार्यक्रम बंद होने से ग्रामीण महिलाओं के बीच छायी मायूसी
खगड़िया. बिहार के विभिन्न जिलों में संचालित महिला समाख्या के कार्यालय में ताला लगने वाला है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार ने महिला समाख्या के कार्यक्रम को बंद करने का फैसला लेते हुए संबंधित राज्यों को इससे अवगत करा दिया है. मंत्रालय से मिले आदेश के आलोक में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के निदेशक ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेज कर महिला समाख्या कार्यालय को बंद करने का आदेश दिया है. पत्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है
कि बिहार महिला समाख्या सोसाइटी का संचालन बंद किया जाता है. मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा इस सोसाइटी को मिलने वाला सहयोग बंद किये जाने के बाद सोसाइटी को बनाये रखना संभव नहीं है. ऐसे में बिहार महिला समाख्या सोसाइटी को विघटित करने का निर्णय लिया गया है.
सभी डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान को महिला समाख्या कार्यालय से संपर्क कर सभी अचल संपत्तियों को अपने कार्यालय के अंदर लेने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि महिला समाख्या सोसाइटी को विघटित करने के आदेश से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में मायूसी छा गयी है. इस सोसाइटी द्वारा किये जा रहे महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यों में बड़ी संख्या में महिलाएं की हिस्सेदारी निभा रही थीं.