खगड़िया : होली को लेकर डीएम एवं एसपी द्वारी जारी संयुक्त आदेश का अगर उनके अधिनस्थों के द्वारा शत प्रतिशत अनुपालन किया जाता तो शायद चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र के 19 वर्षीय गोविंद तथा 22 वर्षीय बमबम कुमार की जान बच सकती थी. अधीनस्थ अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन दोनो युवकों की डुबने से मौत हुई थी. ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए डीएम तथा एसपी ने होली के पूर्व ही निर्देश दिये गए थे.
17 मार्च को डीएम व एसपी ने संयुक्त आदेश जारी कर 24 बिंदुओं का अनुपालन करने का निर्देश अधिनस्थ पदाधिकारियों को दिया था ताकि होली के दौरान जिले में विधि व्यवस्था बनी रहे तथा किसी अप्रिये घटना को रोका जा सके. डीएम एवं एसपी के इसी संयुक्त आदेश में जिले के सभी नदी तलावों का सर्वेक्षण कर वहां निगरानी रखने तथा आवश्यकतानुसार ऐसे जगहों पर बेरिकेटिंग कराने एवं गोताखोरों को प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया था.
प्रत्यक्षदर्शी बताते है कि होली के दिन इस पोखर में सुरक्षा के मद्देनजर न तो वेरीकेटिंग की व्यवस्था की गई और न ही गोताखोंरों को तैनात किया गया था. आखिर किस स्तर पर लापरवाही बरती गई, जिस कारण राजेन्द्र सरोवर पोखर पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई. ऐसे लापरवाह पदाधिकारियों के विरूद्ध वरीय अधिकारी के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है
यह तो समय बतायेगा. लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि अगर डीएम व एसपी के आदेश का अनुपालन किया जाता तो शायद गोविंद व बमबम की जान बच सकती थी. यहां बताते चले कि डीएम व एसपी ने नदी तालाबों में वेरीकेटिंग तथा गोताखोरों की तैनाती करने की जिम्मेवारी अपने अपने क्षेत्रों के नगर परिषद व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को तथा सभी सीओ को दिया था तथा इसके अनुश्रवण की जिम्मेवारी एसडीओ तथा एसडीपीओ को दिया था.