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उपभोक्ताओं तक पहुंचने में दम तोड़ देती है बिजली

उपभोक्ताओं तक पहुंचने में दम तोड़ देती है बिजली फोटो::::::::::लोगों लागाएं-लापरवाही . गुणवत्ता विहीन है कंपनी की सेवा, नाम नया पर काम पुराना -लो वोल्टेज से परेशान हैं क्षेत्र के बिजली उपभोक्ता प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड में विद्युत व्यवस्था में सुधार होने की प्रक्रिया चल रही है. इसके तहत प्रखंड में झंझरा के बाद करना के निकट […]

उपभोक्ताओं तक पहुंचने में दम तोड़ देती है बिजली फोटो::::::::::लोगों लागाएं-लापरवाही . गुणवत्ता विहीन है कंपनी की सेवा, नाम नया पर काम पुराना -लो वोल्टेज से परेशान हैं क्षेत्र के बिजली उपभोक्ता प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड में विद्युत व्यवस्था में सुधार होने की प्रक्रिया चल रही है. इसके तहत प्रखंड में झंझरा के बाद करना के निकट दूसरा पॉवर सबस्टेशन का निर्माण जोरों से चल रहा है. लेकिन फिलहाल उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की परेशानियों से रोजाना दो चार होना पड़ता है. प्रखंड मुख्यालय में विद्युत उपभोक्ता बीते छह महीनों से लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. जानकारों ने बताया कि यह समस्या पॉवर सब स्टेशन के स्तर से ही आ रहा है. इस लो वोल्टेज के कारण इस भीषण गरमी एवं उमस में पंखा से राहत नहीं मिलता है. आलम यह है कि अब बिजली से मोबाइल भी चार्ज होना मुश्किल हो रहा है. कई गांव के उपभोक्ताओं ने सामूहिक तौर पर निजी वोल्टेज स्टेबलाईजर का उपयोग शुरू कर दिया है. इससे कम वोल्टेज को खींचकर जबरन बढा दिया जाता है. दिन में आमतौर पर सभी गांवों में 60 से 100 के बीच के वोल्ट की बिजली मिलती है. जबकि रात में यह घटकर 40 से 70 वोल्ट तक हो जाता है. भारत में बिजली से चलनेवाले सभी उपकरणों को आमतौर पर 220 से 250 वोल्ट बिजली पर चलाने के लिये बनाया जाता है. ऐसी स्थिति में यह काम नहीं करते हैं. आलम यह है कि अब रात में स्टेबलाईजर ने भी काम करना बंद कर दिया है. लोगों का कहना है कि जब प्रखंड मुख्यालय का यह हाल है तो दूर दराज के गांव का हाल सहज समझा जा सकता है.नहीं है कोई सुनने वालाविद्युत विभाग में उपभोक्ताओं की मांगों व शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है. विभाग के परबत्ता कार्यालय में शिकायत पुस्तिका भी नहीं दिया गया है. यहां तक कि कोई ऐसा फोन नंबर भी उपलब्ध नहीं है जिसपर शिकायत किया जा सके. कार्यालय में बिल संग्रह करने के लिये संविदा पर नियुक्त एकमात्र कर्मी ही कार्यालय में रहते हैं. उपभोक्ताओं को शिकायतें दर्ज कराने के लिये हफ्तों तक दौड़ – धूप करना पड़ता है. नाम नया पर चाल- ढाल वही प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा को बढाने के उद्येश्य से विभाग को अलग – अलग कंपनियों में बांटकर उत्तर बिहार में बिजली के वितरण के लिये नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड बनाया गया. प्रखंड में इसका केवल नाम ही बदल पाया. विभाग का चाल और चरित्र पुराना ही रहा. कंपनी के रुप में गठित होने के बावजूद उपभोक्ताओं को प्रतिदिन उदासीन रवैया व भ्रष्टाचार से दो – चार होना पड़ता है. उपभोक्ता परेशान, मजे में है विभाग विभाग में उपभोक्ताओं की सेवा का यह आलम है कि हजारों उपभोक्ताओं ने महीनों पहले कनेक्शन के लिये आवेदन किया है. जिसका निष्पादन अभी तक नहीं हो पाया है. इन उपभोक्ताओं को कोई यह भी बताने वाला नहीं है कि उनके घर कब तक बिजली लग पायेगी. विभाग द्वारा मीटर के अभाव को इसका कारण बताया जाता है. जबकि लोगों का कहना है कि राशि लेकर गुप – चुप तरीके से कनेक्शन दिया जा रहा है.चोरी पर नहीं लग रहा लगामप्रखंड में बिजली की चोरी पर कोई लगाम नहीं लग पा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार सभी कनीय अभियंताओं को प्रतिमाह बिजली चोरों को पकड़ने का लक्ष्य दिया जाता है. जिसे अमूमन पूरा नहीं किया जाता है. अधिक दबाब पड़ने पर छोटे चोरों पर छापेमारी कर कोरम पूरा किया जाता है. लो वोल्टेज का एक कारण बिजली की चोरी भी है. जिसका खामियाजा वास्तविक उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है. मजबूरी में भी होती है चोरी पूरे प्रखंड में अमूमन अधिकांश गांवों में बिजली का केवल तीन फेज तार ही गुजरा है. ऐसे में उपभोक्ताओं को बिजली जलाने के लिये या तो दो फेज बिजली का इस्तेमाल करना पड़ता है या अपना अस्थायी अथिंर्ग बनवाना पड़ता है. अथिंर्ग के अभाव में दो फेज बिजली जलाकर लोग बिना जानकारी के बिजली चोरी का अपराध करने को विवश हैं. इसके अलावा डबल फेज से उपभोक्ताओं के उपकरणों के जलकर नुकसान होने की आशंका बनी रहती है.पॉवर सबस्टेशन भी हुआ विफलप्रखंड के महदीपुर पंचायत अंतर्गत झंझरा गांव में परबत्ता प्रखंड का अपना पॉवर सबस्टेशन है फिर भी लो वोल्टेज की समस्या बरकरार है. दो वर्ष पूर्व इसके बनने से इलाके में उम्मीद की लहर दौड़ गयी थी. लेकिन यह उम्मीद अब ठंडी पड़ रही है. उपभोक्ता पूरे पैसे देकर एक तिहाई बिजली उपभोग करने को विवश हैं. कहते हैं कनीय अभियंताउपभोक्ताओं के इन समस्याओं के बारे में विभाग का रुख पूछने पर नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कनीय अभियंता दिनेश पासवान ने बताया कि विभाग उपभोक्ताओं की परेशानियों को दूर करने के लिये हमेशा प्रयासरत है. साधन की कमी इसमें बाधक बन जाती है.

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