डीआरएम साहेब! जरा इधर भी ध्यान दीजिये आईओडब्लू कार्यालय के सामने रेलवे की जमीन पर धड़ल्ले से चल रहा अवैध ऑटो स्टैंड रेलवे की जमीन पर अवैध ऑटो स्टैंड हटाने के सवाल पर आईओडब्लू की चुप्पी रहस्यमय कार्यालय के सामने स्टैंड के नाम पर हो रहे अवैध कारोबार में नजराना का हो रहा खेल एक- दूसरे पर कार्रवाई का बोझ डाल कर पल्ला झाड़ रहे रेल अधिकारी ————खगडि़या रेलवे स्टेशन के पश्चिमी रेलवे ढाला के समीप रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में आईओडब्लू कार्रवाई करेंगे : एसएस आरपीएफ को मेमो मिलते ही रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया जायेगा. लेकिन स्थानीय रेल अधिकारी मेमो देने में आनाकानी करते हैं : लालजी दास, सीनियर कमांडेंट, आरपीएफ, सोनपुर —————–आईओडब्लू कार्यालय के सामने संचालित अवैध ऑटो स्टैंड से रोजाना 100 से 150 ऑटो खुलती है. बताया जाता है कि ऑटो स्टैंड के नाम पर प्रत्येक महीने लाखों रुपये की उगाही होती है. इधर, रेल अधिकारी के आंखों के सामने धड़ल्ले से जारी अवैध कारोबार से सवाल उठना लाजिमी है. ———————खगडि़या. रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के खेल रोकने में रेल अधिकारियों की चुप्पी से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. यूं तो रेलवे की अधिकांश खाली जमीन पर अतिक्रमण का बोलबाला है. लेकिन पश्चिमी रेलवे ढाला के समीप आईओडब्लू कार्यालय के सामने धड़ल्ले से संचालित अवैध ऑटो स्टैंड रेल अधिकारियों की कार्यशैली की पोल खोलने के लिये काफी है. अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने के पीछे नजराना के खेल से इंकार नहीं किया जा सकता है. अधिकारी के लौटते ही शुरू हो जाता है अतिक्रमण रेलवे अधिकारी के लौटते ही अतिक्रमण का दौर फिर से शुरु हो जाता है. तभी तो रेलवे लाइन से लेकर अधिकांश खाली जमीन पर ऑटो स्टैंड के अलावा और भी कई अवैध कारोबार चल रहा है. मेमो मिलने व नहीं मिलने के खेल के बीच प्रति महीने अवैध वसूली का खेल जारी है. इस बीच आईओडब्लू की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. अवैध ऑटो स्टैंड को हटाने के नाम पर उनकी चुप्पी कुछ और इशारा कर रही है. बताया जाता है कि इस ऑटो स्टैंड से प्रति महीने लाखों की उगाही की जाती है. आईओडब्लू पर उठ रही अंगुली रेलवे की जमीन पर संचालित अवैध ऑटो स्टैंड पर प्रतिदिन सैकड़ों ऑटो को यहां पर जगह देने के नाम पर लाखों का खेल जारी है. सबसे ताज्जुब की बात है कि यह सब खेल आईओडब्लू कार्यालय के सामने हो रहा है. जबकि पश्चिमी रेलवे ढाला के समीप चल रहे इस अवैध कारोबार को रोकने का जिम्मा भी उन्हीं का है. इस चुप्पी के पीछे जो भी वजह हो लेकिन चर्चा कुछ और है. एसएस प्रवीण कुमार ने भी साफतौर पर कहा कि पश्चिमी रेलवे ढाला की जमीन पर अतिक्रमण हटाना आईओडब्लू का काम है. इधर, आईओडब्लू ने कहा कि वह इस मामले मंे कुछ नहीं बोलना चाहते हैं.——————चुप्पी के पीछे गोलमाल की आशंका रेलवे अधिकारी के आंखों के सामने अवैध धंधे संचालित होने से रेल प्रशासन सवालों के घेरे में है. यूं तो रेलवे की अधिकांश खाली जमीन पर अतिक्रमण का जाल फैला है. खगडि़या रेलवे स्टेशन से पश्चिम भगत टोला गांव के समीप रेलवे की खाली जमीन पर महीनों से खुलेआम अवैध ऑटो स्टैंड का संचालन के पीछे रेलवे अधिकारी की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है. कहा जाता है कि लाखों रुपये मंे बाबू तक का हिस्सा फिक्स है. लेकिन यह सब परदे के पीछे हो रहा है. सूत्रों की मानें तो स्टैंड के संचालित होने के पीछे नजराना का खेल की बड़ी भूमिका है. हालांकि रेल अधिकारी ऐसी किसी भी अवैध वसूली से इंकार करते हैं.
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डीआरएम साहेब! जरा इधर भी ध्यान दीजिये
डीआरएम साहेब! जरा इधर भी ध्यान दीजिये आईओडब्लू कार्यालय के सामने रेलवे की जमीन पर धड़ल्ले से चल रहा अवैध ऑटो स्टैंड रेलवे की जमीन पर अवैध ऑटो स्टैंड हटाने के सवाल पर आईओडब्लू की चुप्पी रहस्यमय कार्यालय के सामने स्टैंड के नाम पर हो रहे अवैध कारोबार में नजराना का हो रहा खेल एक- […]
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