स्पष्टीकरण की आड़ में लाखों का खेल! मामला करोड़ों के गबन के मामले में 111 प्रधान शिक्षकों पर कार्रवाई का तत्कालीन डीएम ने दोषी पर प्राथमिकी/निलंबन का दिया था आदेश डीएम के आदेश देने के एक महीने बाद डीइओ ने पूछा था स्पष्टीकरण 58 शिक्षकों से स्पष्टीकरण की आड़ में मामले को किया गया रफा-दफा डीएम के आदेश को ताक पर रख डीइओ के स्पष्टीकरण पूछे जाने के पीछे का राज क्या?—————-प्रखंडवार ब्यौराखगडि़या – 16 अलौली -28मानसी – 07चौथम – 21गोगरी – 15परबत्ता – 15बेलदौर -09———-कुल : 111 पूरे घटनाक्रम पर एक नजर 03-01-2015 : बैठक पर दोषी प्रधान शिक्षकों पर कार्रवाई पर बनी सहमति 09-01-2015 : विभिन्न टेबल से गुजरते हुए डीइओ ने दिया निलंबन/प्राथमिकी का आदेश 18-01-2015 : तत्कालीन डीएम ने कार्रवाई का आदेश देते हुए एक सप्ताह के अंदर मांगा अनुपालन प्रतिवेदन 18-02-2015 : डीएम के आदेश के एक महीने बाद डीइओ ने दागी प्रधान शिक्षकों से पूछा स्पष्टीकरण (नियमत: डीएम के आदेश के बाद डीइओ द्वारा स्पष्टीकरण पूछे जाने का कोई औचित्य नहीं है. पर, डीइओ ने डीएम के आदेश को दरकिनार कर स्पष्टीकरण कर मामले को रफा-दफा कर दिया.)——————–इंट्रोआये दिन हो रहे खुलासे से शिक्षा विभाग कटघरे में है. खासकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में चल रहे कारनामे की बात ही निराली है. यहां डीएम के आदेश भी रद्दी की टोकरी में डाल दिये जाते हैं. तभी तो करोड़ों के गबन के मामले में डीएम द्वारा दिये गये प्राथमिकी व निलंबन के आदेश को ताक पर रख कर डीइओ फिर से स्पष्टीकरण पूछ कर मामले को रफा-दफा कर देते हैं. प्रतिनिधि, खगड़ियाशिक्षा विभाग में डीएम के आदेश भी मायने नहीं रखते हैं. हाल के दिनों में लगातार हो रहे खुलासे से शिक्षा विभाग कटघरे में हैं. खासकर डीइओ कार्यालय में नियम को ताक पर रख कर पिछले दरवाजे से कई गड़बड़ियों को अंजाम दे दिया जाता है और किसी को कानोंकान भनक तक नहीं लगती है. ऐसे एक दो नहीं, बल्कि दर्जनों मामले हैं, जिसमें परदे के पीछे खेल कर दोषी को सजा की बजाय बचाने का काम किया गया है. बताया जाता है कि स्पष्टीकरण की आड़ में यहां नजराने का खेल होता है. पूरी जांच हो तो अधिकारी के साथ-साथ कई कर्मचारियों की गरदन लपेटे में आ सकती है. हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ब्रज किशोर सिंह किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से साफ तौर पर इनकार करते हैं. पर, परदे से बाहर आ रही सच्चाई कुछ और ही इशारा कर रही है. स्पष्टीकरण की आड़ में दबाया मामला 18 जनवरी, 2015 को तत्कालीन डीएम राजीव रोशन ने सरकारी स्कूल के भवन निर्माण की करोड़ों की राशि गबन के मामले में जिले के 111 प्रधान शिक्षकों पर प्राथमिकी/निलंबन का आदेश देते हुए सात दिनों के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया था. इसमें से काफी मशक्कत के बाद करीब तीन दर्जन से अधिक शिक्षकाें पर कार्रवाई भी हुई. इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ब्रज किशोर सिंह डीएम के आदेश के अनुपालन की बजाय एक महीने बाद 58 दागी शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछते हैं. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नियमत: डीएम के आदेश के बाद डीइओ के स्पष्टीकरण पूछने का कोई औचित्य नहीं है. सूत्रों की मानें, तो 58 शिक्षकों से पूछे गये स्पष्टीकरण की आड़ में लाखों का खेल किया गया. इसके बाद मामले को रफा-दफा कर दिया गया. कोट——–जनवरी 2015 में हुई जांच में सरकारी विद्यालयों में कई गड़बड़ियों के खुलासे के बाद 111 प्रधान व शिक्षकों पर प्राथमिकी/निलंबन की कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. तत्कालीन डीएम ने एक सप्ताह के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन सौंपने को कहा था. पर, अब तक कार्रवाई पूरी नहीं हो पायी है. अनिल कुमार सिंह, डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान कहते हैं डीइओ जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. ब्रज किशोर सिंह ने कहा कि पुराना मामला होने के कारण पूरे मामले के अध्ययन बाद ही वह कुछ बता पायेंगे. डीएम द्वारा गबन के आरोपी प्रधान शिक्षकों पर प्राथमिकी व निलंबन के आदेश के एक महीने बाद बाद स्पष्टीकरण पूछे जाने के औचित्य डीइओ कन्नी काट गये.
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स्पष्टीकरण की आड़ में लाखों का खेल!
स्पष्टीकरण की आड़ में लाखों का खेल! मामला करोड़ों के गबन के मामले में 111 प्रधान शिक्षकों पर कार्रवाई का तत्कालीन डीएम ने दोषी पर प्राथमिकी/निलंबन का दिया था आदेश डीएम के आदेश देने के एक महीने बाद डीइओ ने पूछा था स्पष्टीकरण 58 शिक्षकों से स्पष्टीकरण की आड़ में मामले को किया गया रफा-दफा […]
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