एक सप्ताह पहले ही उसने अपनी मां की पिटाई कर उसकी एक टांग तोड़ दी थी. मिथिलेश की मां प्रेमा देवी अभी भी इलाजरत है. कुछ देर बाद मिथिलेश के पिता की आंखें नम हो जाती है.
कोई भी चीज की आवश्यकता हो तो भैया जी जान लगा कर भी पूरा कर देते थे. मिथिलेश की हत्या के बाद पूरा परिवार गहरे सदमे में हैं. मिथिलेश के परिजनों का कहना है कि उन लोगों का अपराध और अपराधियों से दूर-दूर तक वास्ता नहीं है. सभी मुख्य धारा में रहने वाले लोग हैं. मिथिलेश के हत्यारों से उन लोगों को जान माल का भय है. मिथिलेश की बहनों का कहना है कि हत्या के बाद भी हत्यारा खुले आम गांव में घूम रहा है. उन लोगों ने मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी है, इसलिए उन लोगों को जान माल का डर है.