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फोन पर बात की और मार दी गोली

खगड़िया : मोकामा एनकाउंटर के दूसरे चश्मदीद सैदपुर निवासी चंद्रशेखर कुमार बुधवार को लोगों के सामने आकर एक नया खुलासा किया. उसने बताया कि मोकामा बाइपास पर मौजूद पुलिस की मंशा मारने की नहीं थी. इंस्पेक्टर ने गाड़ी रोकने के बाद दो बार किसी से फोन पर बात की. दूसरी बार जब उसने इंस्पेक्टर को […]

खगड़िया : मोकामा एनकाउंटर के दूसरे चश्मदीद सैदपुर निवासी चंद्रशेखर कुमार बुधवार को लोगों के सामने आकर एक नया खुलासा किया. उसने बताया कि मोकामा बाइपास पर मौजूद पुलिस की मंशा मारने की नहीं थी. इंस्पेक्टर ने गाड़ी रोकने के बाद दो बार किसी से फोन पर बात की.

दूसरी बार जब उसने इंस्पेक्टर को यह कहते सुना कि ठीक है मार देता हूं, वह बगैर कुछ सोचे वहां से भागने लगा. कुछ ही दूर भागा था कि उसने चार गोलियां चलने की आवाज सुनी. एनकाउंटर के चश्मदीद चंद्रशेखर ने यह खुलासा खगड़िया नगर थाना क्षेत्र के एक निजी होटल में बुधवार को किया. उसने बताया कि वे लोग सैदपुर गांव से पहले इचरूआ गये. वहां उन लोगों ने पंचायत के मुखिया नवीन कुमार के यहां नाश्ता किया. इसके बाद वे लोग बखरी होते हुए पटना के लिए रवाना हुए.

पटना जाने का कारण पूछने पर उसने बताया कि सैदपुर के ही राजा को गाड़ी की खरीदारी करनी थी, जिसके लिए वे लोग पटना जा रहे थे. उसने बताया कि बखरी के पास गाड़ी का टय़ूब पंर हो गयी. उन लोगों ने पंर बनवाया व गाड़ी की लाइट ठीक करायी. उसी जगह पर गाड़ी में डीजल भी लिया. फिर वे लोग वहां से बेगूसराय पहुंचे और होटल में खाना खाया. रात बहुत हो चुकी थी. वे लोग पटना के लिए आगे बढ़ रहे थे.

* इंतजार कर रही थी पुलिस : जैसे ही वे लोग मोकामा बाइपास पर पहुंचे, वहां एक बोलेरो गाड़ी बीच सड़क पर लगी थी. गाड़ी छोटू उर्फ राजू चला रहा था. उसने समझा की कोई गाड़ी को बैक करने की कोशिश कर रहा है, इसलिए उसने पूरा दाहिना जाकर गाड़ी को निकालने की कोशिश की. लेकिन गाड़ी कीचड़ में फंस गयी. सभी लोग गाड़ी को धक्का देने के लिए नीचे उतरे, तो देखा की बोलेरो से पुलिस के जवान उतर रहे हैं. पुलिस के जवानों ने पहले गाड़ी निकालने में मदद की. इसके बाद वहां पर इंस्पेक्टर आये और पूछा कि छोटू कौन है. छोटू ने जवाब दिया कि मैं हूं.

इंस्पेक्टर ने किसी से फोन पर बात की. फिर छोटू से सवाल किया कि राजू तुम्हारा ही नाम है. छोटू ने कहा हां. फिर इंस्पेक्टर ने किसी से बात की और कहा कि ठीक है मार देता हूं. इससे पहले तक पुलिस सभी लोगों से ठीक से बात कर रही थी. लेकिन उस फोन के बाद इंस्पेक्टर ने गाली देनी शुरू कर दी. अचानक बदले व्यवहार से भयभीत होकर वह (दूसरा चश्मदीद चंद्रशेखर) भागने लगा. भागते ही उसने चार गोलियां चलने की आवाज सुनी.

* गाड़ी में नहीं था हथियार
चंद्रशेखर ने बताया कि उन लोगों की गाड़ी में कोई हथियार नहीं था. हां उस गाड़ी में लगभग तीन लाख रुपये, जमीन के कागजात, फोटो आदि जरूर थे. वे लोग गाड़ी खरीदने के लिए पटना जा रहे थे. मृतक राजू के पिता व जदयू नेता अशोक सिंह ने कहा कि दोनों चश्मदीद के सामने आ जाने के बाद भी पटना पुलिस दोनों का बयान लेने का प्रयास नहीं कर रही है. इससे जाहिर होता है कि पुलिस डिपार्टमेंट फरजी एनकाउंटर की घटना को अंजाम देने वाले पुलिस पदाधिकारी व सिपाही को बचाने की जुगत में लगा है. उन्होंने सीआइडी की जांच पर पूरा भरोसा होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द इस घटना से जुड़े साजिशकर्ता के नाम का भी खुलासा करेंगे.

* मोकामा एनकाउंटर
* दूसरे चश्मदीद चंद्रशेखर का खुलासा

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