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अप्रैल से रेलवे ओवरब्रिज पर दौड़ेंगे वाहन

राहत की उम्मीद. 95 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा वाइ आकार का आरओबी खगड़िया : अगले वर्ष मार्च तक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है. उम्मीद जतायी जा रही है कि मार्च के बाद ओवरब्रिज पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जायेगा. इधर करीब पांच वर्षों से चल रहे […]

राहत की उम्मीद. 95 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा वाइ आकार का आरओबी

खगड़िया : अगले वर्ष मार्च तक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है. उम्मीद जतायी जा रही है कि मार्च के बाद ओवरब्रिज पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जायेगा. इधर करीब पांच वर्षों से चल रहे पुल निर्माण कार्य के अबतक पूरा नहीं होने से लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही. जानकारी के मुताबिक जमीन अधिग्रहण में पेच के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई है. हालांकि वर्तमान में युद्धस्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है. करीब 95 करोड़ की लागत से वाइ आकार के इस ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है.

16 मीटर है पुल की चौड़ाई

करीब पांच वर्षों से रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण से शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का आवागमन बाधित है. चार चक्का तथा दो पहिया वाहन चालकों को लगभग छह किलो मीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर सरकारी कार्यालय से लेकर कोर्ट कचहरी जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को हो रही है. ओवर ब्रिज निर्माण में पटेल चौक के पास जमीन को लेकर बाधा उत्पन्न हुई था. पुल की चौड़ाई लगभग 16 मीटर है. इसके अलावा 6-6 फीट का पैदलपथ निर्माण किया जाना है.

शहर में आये दिन जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर जिले के राजनीति दल, गैर राजनीति दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. यहां तक कि जनप्रतिनिधियों को शहर में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की गयी थी. काफी जद्दोजहद के बाद बिहार सरकार व केंद्र सरकार के सहमति पर वर्ष 2012 दिसंबर में शिलान्यास किया गया. भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण प्रथम चरण के कार्य में इरकॉन कम्पनी द्वारा ब्रह्मपुत्र कंस्ट्रक्शन द्वारा निर्माण कार्य आरंभ किया गया. भूमि अधिग्रहण की समस्या को सुलझाते नहीं देख उक्त कंपनी ने पुल निर्माण कार्य को छोड़ दिया. इसके बाद हरि कंस्ट्रक्शन द्वारा कार्य किया जा रहा है.

ओवरब्रिज की खासियत

16 मीटर चौड़ी ओवर ब्रिज पर अप डाउन लोडेड ट्रक की आवाजाही होगी. यह ओवर ब्रिज लगभग 200 टन भार क्षमता का होगा. वाइ आकार के रेलवे ओवरब्रिज राजेंद्र चौक से समाहरणालय तथा गौशाला रोड की ओर जायेगी. जहां से दर्जनों पंचायत के लोगों को सुविधा मिलेगी. इसके अलावा शहरी क्षेत्र के लोगों के आवाजाही में सुविधा होगी.

मक्का व्यवसायी भी प्रभावित

यह जिला मक्का उत्पादन अव्वल है. मक्का व्यवसायी ज्यादातर माड़र, सोनमनकी, अलौली, चौथम, बेलदौर के हैं. मक्का व्यवसायी को रैक प्वाइंट तक माल पहुंचाने में अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. ओवरब्रिज बन जाने से इस समस्या से निजात मिल जायेगी. इसके अलावा शहर के उत्तरी भाग में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक,अपर समाहर्ता, व्यवहार न्यायालय, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, पशुपालन विभाग, एनएच 31 विभाग, नलकूप विभाग, सदर अस्पताल सहित लगभग तीन दर्जन से अधिक मुख्य कार्यालय संचालित हैं. जिले के लोगों को विभिन्न कार्यों से शहर व विभिन्न कार्यालय में आवाजाही होती है. लेकिन ओवरब्रिज निर्माण नहीं होने से आम लोगों को परेशानी होती है.

रेलवे ओवरब्रिज पर एक नजर

एक किलोमीटर है लंबाई

लगभग 200 टन भार क्षमता का है पुल

वाइ आकार है ओवरब्रिज

जमीन अधिग्रहण में पेच के कारण निर्माण में हुई देरी

कहते हैं प्रोजेक्ट मैनेजर

आरओबी निर्माण कर रही हरि कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट मैनेजर नवन किशोर ने बताया कि युद्धस्तर पर ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. संभवत : मार्च 2018 तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

पुल निर्माण से लाखों लोग होंगे लाभान्वित

रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण से खासकर सोनमनकी, खैरी खुटाहा, मोरकाही, सहूरी, उत्तर माड़र, कोयला गांव सहित एक दर्जन से अधिक पंचायत के अलावा शहरी इलाके के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी. लोगों को जाम से निजात मिलने की उम्मीद है.

रास्ते में ही हो जाता है प्रसव

सदर अस्पताल आने में खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है. कभी कभी 6 से 8 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर सदर अस्पताल पहुंचने के पूर्व प्रसव हो जाता है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

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