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शून्य रिजल्ट वाले विषय के शिक्षक की जायेगी नौकरी
इंटर परीक्षा रिजल्ट की दुर्दशा सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस दिशा में अनुपालन का दिया आदेश खगड़िया : इंटर परीक्षा में शून्य रिजल्ट वाले स्कूलों के संबंधित विषय के शिक्षक की भी नौकरी जाएगी. शिक्षा विभाग ने अधिकारियों ने स्कूल प्राचार्य […]
इंटर परीक्षा रिजल्ट की दुर्दशा सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस दिशा में अनुपालन का दिया आदेश
खगड़िया : इंटर परीक्षा में शून्य रिजल्ट वाले स्कूलों के संबंधित विषय के शिक्षक की भी नौकरी जाएगी. शिक्षा विभाग ने अधिकारियों ने स्कूल प्राचार्य के साथ ही शिक्षकों की भी जिम्मेदारी तय कर दी है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा कि शून्य रिजल्ट वाले स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ ही संबंधित विषयों के शिक्षक से स्पष्टीकरण लेकर 10 अगस्त तक कार्रवाई करें.
हाईस्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए शार्ट, मिड और लॉग टर्म प्लान लागू करने की विभाग की योजना है. शिक्षा निदेशक के आदेश के आलोक में डीइओ ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. खराब रिजल्ट वाले स्कूलों व कॉलेजों का आकलन किया जा रहा है.
राज्य के शिक्षा विभाग की लगातार हो रही फजीहत को ध्यान में रखते हुए मुख्यालय स्तर से इस दिशा में ठोस पहल की तैयारी है. अब प्रत्येक माह द्वितीय और चतुर्थ शनिवार को माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ बैठक करेंगे.
इसमें पाठ्यक्रम, समय तालिका शिक्षक वार कार्ययोजना पर चर्चा कर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित किया जायेगा. प्रखंड और जिला स्तरीय अधिकारियों को स्कूल निरीक्षण, अनुश्रवण के लिए कहा गया है. बैठक की कार्यवाही की जानकारी अगले दिन निदेशालय को ईमेल से भेजने का निर्देश दिया गया.
उल्लेखनीय है कि कई विद्यालयों में घर बैठे ही शिक्षकों की हाजिरी सहित वेतन निकासी का मामला आये दिन सामने आते रहता है. कुछ में कार्रवाई होती है तो कई मामले फाइलों में दब जाते हैं. स्थिति यह है कि जिस स्कूल में अधिकारी हाथ डालते हैं वहीं कुछ ना कुछ गड़बड़ी सामने आ जाती है. ऐसे में शिक्षा विभाग की पहल शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने में मददगार साबित हो सकती है.
विद्यालय की व्यवस्था में सुधार के लिये सतत प्रयत्न किया जा रहा है. चाहे निरीक्षण हो या कार्रवाई इसमें कोई भी कोताही बरदाश्त नहीं जायेगा. स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक सुधर जायें वरना नौकरी भी जा सकती है. शिक्षा निदेशक के आदेशानुसार इंटर परीक्षा में शून्य रिजल्ट वाले स्कूलों के संबंधित विषयों के शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.
सुरेश कुमार साहु, डीइओ.
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