कोढ़ा. मानसून प्रवेश के बाद जब इधर बारिश शुरू हुई कि उधर बाजार में विभिन्न प्रकार के सब्जियों की भाव में उछाल आने लगा है. जबकि इससे पूर्व सबसे गर्म माह जून की चिलचिलाती धूप के कारण जब सब्जियों का फलन कम हो गया था. उसे वक्त भी सब्जियों के कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी थी. अब बल्कि पिछले एक सप्ताह से बारिश होना शुरू हुआ तो सब्जियों के कीमतों में हैरत कर देने वाली उछाल आ गया. इस प्रकार देखा जाय तो दोनों ही सूरतों में मौसम का प्रतिकूल असर किसानों पर तो पड़ता ही है. सब्जियों के दाम बढ़ाने के कारण बाजार भी प्रभावित होता है. आमलोगों के जेब भी ढीली होते हैं. गृहणियों के बजट पर भी असर पड़ता है. हालांकि सब्जियों की कीमतों में हर वर्ष बारिश के मौसम के वक्त मूल्य बढ़ जाती है. सब्जियों से जुड़े व्यवसाईयों का मानना है कि विभिन्न प्रकार की सब्जियां जहां से आती है. उस इलाके में बाढ़ पानी व अत्यधिक वर्षा हो जाने के कारण सब्जी फसल को काफी क्षति पहुंचती है. ऐसे में सब्जियों के मूल्य में इजाफा होना स्वाभाविक है. अभी वर्तमान में सबसे ज्यादा तेज मिजाज टमाटर, लहसुन और प्याज का है. अभी फिलवक्त स्थानीय बाजारों में मिर्च 60 रुपया किलो, प्याज 50 रुपया किलो, टमाटर 80 रुपया किलो और लहसुन 140 रुपया किलो बिक रहा है. जबकि शिमला मिर्च का भाव 120 रुपया किलो है. इसके अलावा कद्दू, धनिया पत्ता, झींगली, भिंडी, करेला, बरबटी, बैगन परवल समेत सभी सब्जियों के भाव में इस कदर तेजी आ गयी है. ग्राहकों द्वारा दम पूछने पर दुकानदारों द्वारा जो दाम बताया जाता है. उसे सुनकर ग्राहक अपने जेब टटोलत हुए बगल झांकने लगते हैं.
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