कुरसेला लिंक बांध कटा . गंगा का पानी तेजी से कई गांवों में घुसा
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भागो-भागो चिल्लाने लगे लोग
कुरसेला लिंक बांध कटा . गंगा का पानी तेजी से कई गांवों में घुसा नदियों के उफान व स्थिरता के बीच बरारी, मनिहारी में स्पर व तटबंध पर पानी का लगातार दबाब बना हुआ है. पानी की अत्यधिक दबाब की वजह से कुरसेला प्रखंड के मधेली स्थित रिंग बांध शनिवार को टूट गया. जिससे दर्जनभर […]
नदियों के उफान व स्थिरता के बीच बरारी, मनिहारी में स्पर व तटबंध पर पानी का लगातार दबाब बना हुआ है. पानी की अत्यधिक दबाब की वजह से कुरसेला प्रखंड के मधेली स्थित रिंग बांध शनिवार को टूट गया. जिससे दर्जनभर गांव में बाढ़ का पानी फैल गया. जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है. हालांकि शनिवार को गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी का जलस्तर स्थिर रहा. जलस्तर में स्थिरता के बावजूद बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है. खासकर कुरसेला, बरारी, मनिहारी, अमदाबाद, मनसाही व कोढ़ा प्रखंड के दर्जनों पंचायत बाढ़ से जूझ रहे हैं.
कुरसेला/कटिहार : कुरसेला के अखोरा बहियार पुराना बघौरा रेल लाइन के समीप गुमटी टोला लिंक बांध शनिवार लगभग 2.30 बजे गंगा के बाढ़ के पानी के भीषण दबाव से कट गया. बांध करीब 200 फीट से अधिक कट चुका है. इसके कारण करीब दो लाख की आबादी पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. तेजी से आबादी वाले क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रेवश कर रहा है. बांध कटने के साथ ही दर्जन भर गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
दहशत से लोग गांव खाली कर माल-मवेशियों व सामान के साथ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं. बांध कटने की सूचना मिलते ही डीएम ललन जी, एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन सहित तमाम पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और वहां कैंप कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में जुटी है. बांध कटने से करीब दो लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गयी है. इधर, जिला प्रशासन की ओर से आसपास के दर्जन भर गांवों में ध्वनि विस्तारक यंत्र से ग्रामीणों से शीघ्र गांव खाली करने का अनुरोध किया जा रहा है.
गंगा का पानी जिस रफ्तार से आबादी वाले क्षेत्र में घुस रहा है, उसे देखते हुए त्राहिमाम की स्थिति है. लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब क्या करें. बांध कटने के बाद हजारों एकड़ में लगी धान, मक्का, पाट की खेती पूरी तरह से बरबाद हो गयी है. इससे करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. गुमटी टोला लिंक बांध पर पूर्व से ही बाढ़ के पानी का भीषण दबाव बना हुआ था. अधिकारियों द्वारा बांध को कटने से बचाने के लिए किसी तरह का कोई उपाय नहीं किये जाने की वजह से ही शनिवार की दोपहर करीब 2.30 बजे बांध पानी के भीषण दबाव को झेल नहीं पाया और कट गया.
बांध कटने की सूचना क्षेत्र में फैलते ही चारों ओर अफरा-तफरी मच गयी. भागो-भागो बांध कट गया है, तेजी से बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है का शोर क्षेत्र में गूंजने लगा. बांध कटने के बाद काफी तेजी से गंगा का पानी गर्जना के साथ गांवों में प्रवेश कर रहा है.
बांध कटने से दो लाख की आबादी हुई प्रभावित : गुमटी टोला लिंक बांध कटने के साथ ही बड़ी आबादी के साथ फसलों को भी व्याप्क पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. जानकारों का कहना है कि करीब दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है.
दर्जन भर गांवों में मची अफरातफरी
गुमटी टोला लिंक बांध कटने के साथ ही तीन प्रखंड के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का भीषण खतरा उत्पन्न हो गया है. इनमें कुरसेला, समेली व बरारी प्रखंड के गांव शामिल हैं. पानी के दर्जन भर गांवों में घुसने की बात कही जा रही है. बांध कटने से प्रभावित होने वाले गांवों में मघेली, बरारी प्रखंड के मरघीया, बखरी, मलहरिया, डुम्मर पंचायत का छोटा गांव, बेदीपुर, समेली प्रखंड का नवाबगंज, बल्थी महेशपुर, खैरा व कालमपुर मुख्य रूप से शामिल हैं.
इन गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के डर से गांव छोड़कर लोग पलायन कर रहे हैं. सबसे ज्यादा बाढ़ का खतरा मधेली, गुमटी टोला, मोकना टोला, मरगिया, बखरी सहित अन्य गांवों को है. अभी तक मधेली, मरघीया, बखरी गांव में पानी घुस चुका है. देर रात तक सभी गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर सकता है.
एनएच व रेलवे भी हो सकता है प्रभावित
गुमटी टोला में अवस्थित लिंक बांध कटने से जिस तेजी से गंगा का पानी प्रवेश कर रहा है, उसे देखते हुए आशंका है कि एनएच 31 व रेल लाइन पर बाढ़ के पानी का दबाव बन सकता है. इससे रेल परिचालन व एनएच 31 पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो सकता है. इससे पूर्वोत्तर भारत का संपर्क भंग हो सकता है. सबसे अधिक खतरा बखरी रेलवे स्टेशन को हो सकता है.
सिग्नल टोला के पास पानी का बना है दबाव : बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, मनिहारी के सिग्नल टोला के पास रेलवे ट्रैक पर पानी का अत्यधिक दबाब बना हुआ है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधिकारी रेलवे ट्रैक को बचाने के लिये डॉवेल आदि की जरिये बचाव कार्य में जुटे हैं. इधर काढ़ागोला प्रमंडल अंतर्गत सभी स्पर व तटबंध पर भी पानी का अत्यधिक दबाब बना हुआ है.
स्पर संख्या 2, 3, 12 में तेज हवा की वजह से क्रमश: 40 मीटर, 180 मीटर व 600 मीटर की लंबाई में क्षतिग्रस्त हो चुका है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार कुरसेला में कोसी नदी 2.03 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि काढ़ागोला में गंगा नदी हाई लेवल से 13 सेंमी ऊपर बह रही है. कारी कोसी व बरंडी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
एनडीआरएफ की टीम ने मोरचा संभाला : लिंक बांध कटने की सूचना मिलते ही जिला डीएम ललन जी के निर्देश पर एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गयी है.
लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम शुरू हो चुका है. डीएम लगातार लोगों को गांव खाली करने का अहवान कर रहे हैं. कारण पानी तेज गति से आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है.
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