कटिहार : गंगा हाइ लेवल से ऊपर तो कोसी हाइ लेवल से एक सेमी नीचे
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बाढ़ हुई विकराल, पलायन को विवश
कटिहार : गंगा हाइ लेवल से ऊपर तो कोसी हाइ लेवल से एक सेमी नीचे कटिहार : जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह बन गयी है. गंगा गुरुवार को हाइ लेवल से ऊपर उठ चुकी है. उधर कोसी नदी देर रात तक हाई लेवल पार कर जायेगी. यह नदी हाई लेवल से मात्र एक सेंटीमीटर […]
कटिहार : जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह बन गयी है. गंगा गुरुवार को हाइ लेवल से ऊपर उठ चुकी है. उधर कोसी नदी देर रात तक हाई लेवल पार कर जायेगी. यह नदी हाई लेवल से मात्र एक सेंटीमीटर नीचे बह रही है. कारी कोसी व बारंडी नदी के जलस्तर में भी लगातार हो रही वृद्धि से दर्जनों नये गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. गुरुवार को कोढ़ा प्रखंड के मधुरा पंचायत के कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जबकि पहले से मनिहारी, अमदाबाद,
बरारी, कुरसेला व मनसाही प्रखंड के सैंकड़ों गांव बाढ़ से घिर चुके है. बाढ़ की स्थिति गंभीर बनने से पंचायत व प्रखंड मुख्यालय का सड़क संपर्क भी भंग हो चुका है. कई गांव तो पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. इस बीच बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने बताया कि काढ़ागोला में गंगा नदी उच्च जल स्तर को पार कर चुका है.
कुरसेला में कोसी नदी देर रात तक उच्च जल स्तर पार कर सकती है. यहां हाइ लेवल से कोसी एक सेंटीमीटर नीचे हैं. महानंदा नदी को छोड़ कर जिले के सभी नदियों के ज लस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. बरारी में सभी स्पर व तटबंध पर पानी का अत्यधिक दबाव है. कई तटबंध से पानी रिसाव भी हो रहा है. महानंदा बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र प्रसाद मेहता काढ़ागोला में कैंप कर रहे हैं.
नहीं मिल रही सुविधाएं
बाढ़ के पानी की वजह से विस्थापित हो चुके लोगों के लिए चलाये जा रहे राहत शिविर महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं. राहत शिविर में प्रभावित परिवारों को मात्र एक समय का भोजन उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही राहत शिविर में कई बुनियादी सुविधा उपलब्ध भी नहीं है. बाढ़ से लोगों के बीच त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार बाढ़ राहत के प्रशासनिक दावे पूरी तरह खोखला साबित हो रहे हैं. बाढ़ प्रभावितों के बीच आज तक पर्याप्त राहत की व्यवस्था नहीं किये जाने से आक्रोश पनप रहा है.
खगड़िया>> गंगा की पुरानी धारा में रिसाव शुरू
गुरुवार को गंगा के जलस्तर में फिर वृद्धि दर्ज की गयी. बुधवार की शाम सियादतपुर अगुवानी पंचायत के खनुआ राका गांव के निकट जीएन बांध में रिसाव होने की खबर आयी तो प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए देर रात तक में इसे बंद किया.
गुरुवार की सुबह पांच बजे देवरी पंचायत के अररिया गांव के ठाकुरबाड़ी के निकट गंगा की पुरानी धारा माने जाने वाले स्थान पर जीएन बांध से करीब तीन सौ फीट दूर धरती से अचानक पानी निकलने लगा. ऐसा माना जाता है कि जीएन बांध के बनने से दशकों पूर्व गंगा नदी अररिया गांव के निकट से प्रवाहित होती थी जो कालांतर में खिसकते हुए अगुवानी तक चली गयी. इस स्थान की भौगोलिक बनावट को देखते हुए भी यह स्पष्ट प्रतीत होता है.
अभी भी यह धारा अररिया, कुढा धार, बिठला, कुल्हरिया तथा सलारपुर होते हुए गंगा में मिल जाती है. इस धारा में रिसाव होने की सूचना पाकर ग्रामीणों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इसे बंद करने का उपक्रम शुरू कर दिया. ग्रामीणों द्वारा करीब डेढ सौ बोरों में मिट्टी भर कर इस छेद में दिया गया. लेकिन जलस्राव बंद होने की बजाय और भी बढ़ गया.
ग्रामीणों के स्तर से किये जा रहे इस बचाव कार्य का कोई सकारात्मक फलाफल नहीं निकलता देख जल संसाधन विभाग को सूचना दी गयी. विभाग के अधिकारियों तथा कर्मियों ने गुरुवार सुबह दस बजे से मोरचा संभाला और कुछ ही घंटों में इस जलस्राव पर काबू करने में सफलता मिल गयी.
मुंगेर>> जिले में बाढ़ पूरी तरह बेकाबू, 58 गांवों का संपर्क भंग
जिले में बाढ़ पूरी तरह बेकाबू हो गया. जिले के 58 गांवों का एनएच से सड़क संपर्क भंग हो गया है.
पानी का विकराल रूप देख कर प्रशासनिक स्तर पर मसजिद मोड़ नौवागढ़ी के समीप बैरियर लगा दिया गया है. भागलपुर की ओर जाने वाले वाहनों को यहीं पर रोक दिया जा रहा है.
वाहनों को मसजिद मोड़ से नक्सल प्रभावित ऋषिकुंड मार्ग से पास कराते हुए लोहची शिवालय के पास निकाला जा रहा है. जहां से वाहन खड़गपुर, तारापुर होते हुए सुलतानगंज जा रहा है. लोहची से सीधे वाहनों को गंगटा जंगल होते हुए जमुई भेजा जा रहा है. गंगटा मोड़ से संग्रामपुर होते हुए देवघर की ओर वाहन का परिचालन हो रहा है.
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