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सात लाख की आबादी है प्रभावित

बाढ़ की विभीषिका. गंभीर बनी है बाढ़ की स्थिति, राहत सामग्री का अभाव जिले के करीब सात प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर बन गयी है. महानंदा, गंगा, कारी कोसी आदि नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही कमी के बावजूद रविवार को कई नये क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने […]

बाढ़ की विभीषिका. गंभीर बनी है बाढ़ की स्थिति, राहत सामग्री का अभाव

जिले के करीब सात प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर बन गयी है. महानंदा, गंगा, कारी कोसी आदि नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही कमी के बावजूद रविवार को कई नये क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से स्थिति और भी गंभीर बन गयी है. खासकर बाढ़ में फंसे लोगों के बीच पर्याप्त राहत सामग्री उपलब्ध नहीं होने की वजह से उनके बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
कटिहार : जिले में करीब सात लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की विभिषिका से परेशान हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर तेज कर दिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही है. प्रशासनिक दावें के अनुरूप बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत व बचाव कार्य नहीं चला रहा है. जिले में करीब 115 पंचायत के करीब 700 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. सूत्रों की मानें, तो करीब 2.5 लाख की आबादी अभी भी बाढ़ से घिरी हुई है.
जिला व प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो चुका है. कई सड़कों पर पानी बह रहा है. बाढ़ से पशुओं की स्थिति गंभीर हो गयी है. करीब 25 हजार से अधिक पशु बाढ़ से प्रभावित हैं,
जबकि बाढ़ से अबतक सात लोगों की मौत भी हो चुकी है. अब तक करीब 90 राहत शिविर खोले जाने का दावा जिला प्रशासन ने किया है. साथ ही जिला प्रशासन ने सूखा राशन भी वितरण किये जाने का दावा किया है. इस बीच विधायक व सांसद ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रशासनिक स्तर पर चलाये जा रहे राहत व बचाव कार्य को नाकाफी बताया है. हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार से कृषि विभाग के प्रधान सचिव व प्रमंडलीय आयुक्त सुधीर कुमार यहां कैंप कर रहे हैं. श्री कुमार ने जिला पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बाढ़ राहत को लेकर लगातार समीक्षा बैठक व प्रभावी क्षेत्रों का दौरा भी कर रहे हैं.
बंबू पाइलिंग का काम जारी: इस बीच बाढ़ नियंत्रण के मुख्य अभियंता, अभियंता प्रमुख, अधीक्षण अभियंता की टीम ने रविवार को बेलगच्छी-झौआ-महानंदा तटबंध के बिंदाबाड़ी स्थित कटान स्थल का निरीक्षण किया. इस बीच मंडलीय आयुक्त के निर्देश पर बेलगच्छी-झौआ-महानंदा के दायां तटबंध के कटाव स्थल पर कटाव को बांधने के लिए बंबू पाइलिंग का कार्य रविवार को भी जारी रखा गया. वहीं सेना के जवान बाढ़ में फंसे लोगों को आज भी निकालते रहे.
हालांकि महानंदा व गंगा नदी के जलस्तर में लगातार कमी होने से थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन बाढ़ व कटाव की स्थिति भयावह बन गयी है. महानंदा नदी के जलस्तर में कमी होने के बावजूद लाभा-चौकिया पहाड़पुर-महानंदा दायां तटबंध के चैन संख्या 684 के वेडवार नंबर एक के डाउन स्ट्रीम में कटाव होने से मदरसा के पास 50 मीटर तक लूप बन गया है. कटाव को रोकने के लिये यहां बंबू रोल व एनसी से कार्य रविवार को भी जारी रहा.
नये इलाके में घुसा बाढ़ का पानी : यूं तो रविवार को भी महानंदा गंगा व कारी कोसी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है. इसके बावजूद बाढ़ का पानी नये इलाके में फैल रही है. अब तक 115 से अधिक पंचायतों को बाढ़ का पानी अपनी चपेट में ले लिया है. नये इलाके में बाढ़‍ का पानी घुसने से सड़क संपर्क भी भंग हो गया है. डंडखोरा, प्राणपुर, कदवा, बलरामपुर, आजमनगर आदि प्रखंडों के नये इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है.
अब तक सर्वदलीय बैठक नहीं : जिले में आयी बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन ने न तो सर्वदलीय बैठक ही की है और न ही बाढ़ राहत को लेकर की जा रही तैयारी के बारे में औपचारिक रूप से पत्रकारों को ही बताया है. जबकि बाढ़ की विभिषिका से जिले के करीब सात लाख की आबादी प्रभावित है. बाढ़ राहत व बचाव को लेकर जिला प्रशासन किस-किस स्तर पर तैयारी की है. बाढ़ से प्रभावित परिवारों को किस तरह राहत व्यवस्था पहुंचायी जा रही है. इस मुद्दे पर जिला प्रशासन ने औपचारिक रूप से मीडिया को जानकारी देनी चाहिये. साथ ही प्रलयकारी बाढ़ के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक कर स्थिति को साफ किया जाना चाहिये. जो अब तक जिला प्रशासन की ओर से नहीं हुआ है.
महानंदा का जलस्तर हो रहा कम : अमदाबाद. प्रखंड के महानंदा एवं गंगा नदी के जलस्तर में गिरावट हुई है. ज्ञात हो कि शनिवार एवं रविवार से गंगा नदी द्वारा खट्टी किसनपुर, खट्टी पार दियारा गांव के सामने कटाव हो रहा है. उधर, महानंदा नदी से भोलामारी गांव के समीप महानंदा तटबंध के किनारे भीषण कटाव लग गया है. हालांकि कटाव स्थल पर कनीय अभियंता शंभु शरण एवं विजय कुमार द्वारा कटाव रोधी कार्य कराया जा रहा है.
बाढ़ पीड़ितों की स्थिति दयनीय
जिले में रविवार को भी कई नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है. 2.5 लाख आबादी अब भी बाढ़ से घिरी हुई है. करीब 700 गांव बाढ़ की चपेट में है. लेकिन बाढ़ प्रभावितों के बीच राहत सामग्री का वितरण नहीं होने से उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है. राहत व बचाव कार्य प्रशासनिक दावों की पोल खोल रही है. प्रशासन ने राहत शिविर खोले जाने का दावा जरूर किया है. लेकिन जमीनी स्तर पर इसका अत्यधिक लाभ बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राहत व बचाव कार्य के निगरानी के लिये यहां कैंप कर रहे हैं कृषि विभाग के प्रधान सचिव व प्रभारी प्रमंडलीय आयुक्त सुधीर कुमार ने रविवार को भी डीएम, एसपी, डीडीसी व अन्य अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया.

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