पहली सोमवारी को लेकर जिले के शिवालयों में अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो गयी थी. खासकर महिलाओं में बाबा भोलेनाथ के पूजन को लेकर काफी उत्साह देखा गया.
कटिहार : सावन की पहली सोमवारी को लेकर जिले के शिवालयों में अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो गयी थी. खासकर महिलाओं में बाबा भोलेनाथ के पूजन को लेकर काफी उत्साह देखा गया.
पूजन सामग्री की दुकानों में भी अच्छी खासी भीड़ देखी गयी. मंदिरों की सजावट रविवार की देर शाम तक पूरी कर ली गयी थी और सोमवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसरों में उमड़ने लगा. हर तरफ हर हर महादेव का जयघोष गूंज रहा था. मंदिरों के बाहर दुकानों में भी काफी चहल पहल देखी गयी. बेलपत्र और फूल के अलावे बाबा को चढ़ने वाले भांग व धतुरे का भी जबरदस्त क्रेज देखा गया. श्रद्धालुजन फूल माला के साथ भांग और धतुरे भी बाबा शिवलिंग पर पूरे उत्साह के साथ समर्पित किये. व्रतियों ने सुबह सुबह बाबा दरबार में हाजिरी लगाकर दिनभर विश्राम किया और फलाहार करने के बाद दोबारा शाम को शिव मंदिर में देखे गये.
शिव मंदिर चौक स्थित बाबा भोलेनाथ मंदिर के सेवक श्याम सुंदर पाठक कहते हैं कि सावन मास में बाबा भोलेनाथ का पूजन करने से पुण्य कार्य कुछ और नहीं है. श्री पाठक कहते हैं कि सावन मास का प्रत्येक दिन अपने में खास है लेकिन सोमवारी के दिन बाबा को जलार्पण करना बेहद शुभ और फलदायक माना गया है. साथ ही व्रतियों को पूरी तन्मयता के साथ बाबा भोलेनाथ का सुमिरन करना चाहिये और हो सके तो बाबा के मंत्र का उच्चारण शुद्ध मन से करना चाहिये.
श्रद्धालुओं में उत्साह
सावन की पहली सोमवारी के दिन जिले के बीएमपी स्थित शिव मंदिर, जीआरपी चौक स्थित शिव मंदिर, शिव मंदिर चौक, दौलत राम चौक स्थित शिव मंदिर, बाटा चौक शिव मंदिर समेत कई अन्य जगहों पर मौजूद मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ कतारबद्ध होती दिखी. उत्सवी माहौल में श्रद्धालुजन बाबा भोलेनाथ का पूजन करते दिखे. सुबह सुबह श्रद्धालुओं द्वारा बाबा शिवलिंग को दूध, दही, घी और गंगाजल से नहलाया गया. जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाबा भोलेनाथ की धूम रही और श्रद्धालुओं ने जमकर हर हर महादेव के जयघोष लगाये.
फूल व पूजन सामग्री दुकानदारों की कटी चांदी : सावन मास में महंगाई के बावजूद श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री और फल फूल खरीदने में कोई कोताही नहीं बरती. मंदिर परिसरों में श्रद्धालुओं से पहले दुकानदारों ने मोर्चा संभाल लिया था. फूल विक्रेताओं की मानें तो अबकी बार बाढ़ की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से बेलपत्र और फूल जमा करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बावजूद इसके उनके सदस्य प्रतिदिन फूल व बेलपत्र लाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की खाक छान रहे हैं.