यात्रियों की रोज हो रही फजीहत
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सूरत-ए-हाल . बस व ऑटो चालक दो दिनों से हड़ताल पर
यात्रियों की रोज हो रही फजीहत पूर्णिया, अररिया, किसनगंज, भागलपुर, सहित विभिन्न शहरों की ओर जाने के लिए लोग बस स्टैंड पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. आधा दर्जन से अधिक बसें शहीद चौक स्थित बस स्टैंड पर ही खड़ी रहीं. दूसरी तरफ ऑटो चालकों का आंदोलन भी दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे […]
पूर्णिया, अररिया, किसनगंज, भागलपुर, सहित विभिन्न शहरों की ओर जाने के लिए लोग बस स्टैंड पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. आधा दर्जन से अधिक बसें शहीद चौक स्थित बस स्टैंड पर ही खड़ी रहीं. दूसरी तरफ ऑटो चालकों का आंदोलन भी दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे लोगों की मुसीबत और बढ़ गयी है.
कटिहार : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को दूसरे दिन भी ऑटो व बस नही चलने की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पूर्णिया, अररिया, किसनगंज, भागलपुर, सहित विभिन्न शहरों की ओर जाने के लिए लोग बस स्टैंड पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. आधा दर्जन से अधिक बसें शहीद चौक स्थित बस स्टैंड पर ही खड़ी रहीं. दूसरी तरफ ऑटो चालकों का आंदोलन भी दूसरे दिन भी जारी रहा.
ऑटो परिचालन नही होने से शहरी क्षेत्र के मिरचाई बाड़ी हवाई अड्डा चौक, शरीफ गंज, भेड़िया रहिका, सिरसा, सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बस्तौल, प्राणपुर, मनिहारी, हफला, मनसाही, द्वाश्य, डंडखोरा, सनौली, हसनगंज, कोलाशी, खेड़िया, रौतारा, आदि विभिन्न स्थानों की ओर आने जाने में लोगों को काफी कठिनाई हुई. खासकर ट्रेन व विभिन्न माध्यमों से शहर पहुंचने वाले यात्रियों को ऑटो व बस नहीं चलने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. यात्री दिन भर मारे-मारे फिरते रहे.
ठेला व रिक्शा बना सहारा
शहरी क्षेत्रों में एक मुहल्ले से दूसरे मुहल्ले में जाने के लिए दूसरे शहरों से कटिहार पहुंचे यात्रियों को ठेला व रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है. उधर, अधिसंख्य यात्री पैदल ही अपने गंतव्य को जाने को मजबूर हो रहे हैं. हसनगंज जाने के लिए जोगबनी से कटिहार पहुंचे मोहन प्रसाद दास ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे, तो पता चला कि टैंपो वाले हड़ताल पर हैं. तीन सौ रुपया में एक ठेला गाड़ी से हसनगंज जा रहे हैं. वहीं कोलाशी जाने के लिए मंजू देवी ने रिक्शा चालक को 150 रुपये भाड़ा दिया. कमोवेश पूनिया देवी, राजेंद्र उरांव, सरेंद्र मंडल आदि ने भी अपनी परेशानी कुछ इसी तरह बयां की.
यात्री पैदल पहुंच रहे हैं स्टेशन
ऑटो के लगातार दूसरे दिन भी नहीं चलने की वजह से शनिवार को भी विभिन्न मुहल्ले के यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए पैदल ही स्टेशन पहुंचे. खासकर शहर के मिरचाईबाड़ी, आॅफिसर्स कॉलोनी, भेड़िया रहिका, सिरसा, लौहिया नगर, ललियाही, हवाई अड्डा, शरीफगंज, आदि कई मुहल्ले के यात्री पैदल ही स्टेशन पहुंचे. रिक्शा वाले मनमाना भाड़ा यात्रियों से वसूल रहे हैं. बीस रुपये भाड़ा की जगह रिक्शा चालक यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए 80 से 100 रुपये वसूल रहे हैं.
यात्रियों के पास भी कोई चारा नहीं है , इसलिए वे भी अधिक किराया देकर गंतव्य को जाने को मजबूर हैं. हालत यह है कि जुगाड़ गाड़ी के लिए भी मारामारी मची रहती है. सभी को चिंता रहती है कि बस किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं. कई यात्री तो धूप से परेशान पैदल ही जाते दिखे.
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