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संयुक्त सचिव ने डीएस, एसएमओ व प्रबधंक को लगायी फटकार

संयुक्त सचिव ने डीएस, एसएमओ व प्रबधंक को लगायी फटकार फोटो-8 कैप्सन-सदर अस्पताल का निरीक्षण करते अधिकारी प्रतिनिधि, कटिहार, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने शनिवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में कई खामियां पायी गयी है. इनमें गंदगी का अंबार, दवाई की कमी सहित अस्पताल प्रशासन के द्वारा अन्य लापरवाही बरतने […]

संयुक्त सचिव ने डीएस, एसएमओ व प्रबधंक को लगायी फटकार फोटो-8 कैप्सन-सदर अस्पताल का निरीक्षण करते अधिकारी प्रतिनिधि, कटिहार, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने शनिवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में कई खामियां पायी गयी है. इनमें गंदगी का अंबार, दवाई की कमी सहित अस्पताल प्रशासन के द्वारा अन्य लापरवाही बरतने पर अस्पताल प्रशासन को जमकर फटकार लगायी तथा उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहें. स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रभाकर झा सदर अस्पताल पहुंचे व ओपीडी कक्ष, गहन चिकित्सा इकाई सहित अन्य चिकित्सक कक्ष की ओर गये जहां चिकित्सक की अनुपस्थिति पर चिकित्सकों की उपस्थिति पंजी को देखते हुए डीएस डॉ योगेंद्र भगत पर जमकर बरसे तथा उन्हें निर्देश दिया कि चिकित्सक अस्पताल में सही समय पर आते हैं या अनुपस्थित रहते हैं यह सीएस व डीएस की जिम्मेदारी है. चिकित्सकों की उपस्थिति पंजी को देखते हुए कई चिकित्सक जो अनुपस्थित थे उनके आगे के खाली पड़े कॉलम में अनुपस्थित किया. बाथरूम से लेकर सभी कक्ष का निरीक्षण कियासंयुक्त सचिव के अस्पताल में पहुंचने की सूचना मिलते ही जो चिकित्सक व अधिकारी जैसे थे, उस स्थिति में सदर अस्पताल भागे-भागे पहुंचे. इस क्रम में सचिव श्री झा ने चिकित्सकों को एप्रोण (चिकित्सक की पोशाक ) पहनने की हिदायत दी. श्री झा ने अस्पताल परिसर के तमाम बाथरूम का निरीक्षण किया इस दौरान अस्पताल प्रबंधक सहित एएस एमओ बीके मिश्रा, डीएस योगेंद्र भगत, अस्पताल प्रबंधक कनकलता की जमकर क्लास ली. उन्होंने कहा कि जब आउटसोर्सिंग के जरिये सफाई लेनी है तो फिर अस्पताल में गंदगी क्यो है. यह बरदाश्त नहीं की जायेगी. वहीं इस दौरान मेटरनिटी वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे जहां एक मरीज ने कहा कि बीते पांच दिनों से बाथरूम में पानी की सप्लाई बंद है. इस बात को लेकर सचिव ने स्पष्ट तौर पर अस्पताल प्रशासन को वार्निंग देते हुए कहा कि दोबारा चेकिंग के दौरान यह सभी शिकायत बरदाश्त नहीं की जायेगी. दवाई की कमी अस्पताल प्रशासन की लापरवाहीअस्पताल में दवाई की स्टॉक के संबंध में जब डीएस एसएमओ से पूछा गया तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि जिले के सदर अस्पताल में महज आठ प्रकार की ही दवाई का स्टॉक उपलब्ध है. इस पर श्री झा ने कहा कि मरीज को हर हाल में अस्पताल में ही दवाई उपलब्ध करानी है. जिसके लिए चिकित्सा पदाधिकारी बाजार से दवाई खरीदकर मरीजों को उपलब्ध करायेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के पीछे करोड़ों रुपये व्यय करती है तो फिर मरीज बाहर से दवाई क्यों खरीदे. एएसएमओ व डीएस को कहा गया कि रोगी कल्याण में जो भी राशि है उससे बाजार से दवाई खरीद कर अविलंब दवाई उपलब्ध करायी जाये. सदर अस्पताल का कोई भी मरीज अगर बाहर से दवाई नहीं खरीदेगा. अगर मरीज बाहर से दवाई खरीदते है तो उसकी जिम्मेवारी अस्पताल प्रशासन के उपर होगी.

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