नहीं मानी हार, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
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कैंसर से पीड़ित थी मां . दो वर्षों से घर में ही करा रहा था इलाज, पास में नहीं थे पैसे, लेकिन
नहीं मानी हार, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र मां की ममता और बेटा का फर्ज को लेकर कई उदाहरण देखने व सुनने को मिलते हैं. कहते हैं कि इस धरती पर इनसान ने अपने कर्म की बदौलत कई कामयाबियों को हासिल किया. लेकिन ममता सिर्फ एक मां ही दे सकती है. उस ममता रूपी मां की […]
मां की ममता और बेटा का फर्ज को लेकर कई उदाहरण देखने व सुनने को मिलते हैं. कहते हैं कि इस धरती पर इनसान ने अपने कर्म की बदौलत कई कामयाबियों को हासिल किया. लेकिन ममता सिर्फ एक मां ही दे सकती है. उस ममता रूपी मां की जीवन रक्षा के लिए एक पुत्र लगातार प्रयासरत है.
कटिहार : गरीबी व लाचारी के कारण अपनी मां के इलाज में असमर्थ उसके पुत्र को जब कहीं भी सहारा नहीं मिला. फिर उसने हार नहीं मानी. अपनी मां के इलाज के लिए उसने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर सहायता की गुहार लगायी. पत्र मिलते ही प्रधानमंत्री सक्रिय हुए.
इसे लेकर पीएमओ कार्यालय से कटिहार चिकित्सा पदाधिकारी को पत्रांक में आदेश मिला कि पीड़ित महिला को अविलंब इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती करायें. कार्यालय से मिले आदेश को लेकर कटिहार सीएस एसएन झा ने उक्त पीड़ित वृद्ध महिला के घर एंबुलेंस भेजा और उसे सदर अस्पताल में भरती कराया, जहां कई चिकित्सकों की देख-रेख में इलाज हो रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार रानी सिंह, पति स्व बैनाथ सिंह जो पिडा कुरेठा की रहने वाली है. वह वर्ष 2004 से ही कैंसर सहित अन्य कई बीमारियों से पीड़ित है. गरीबी के कारण दीपक िसंह अपनी मां का इलाज बड़े हायर सेंटर में करवाने में असमर्थ है. चूंकि दीपक एसआइएस सुरक्षा एजेंसी पूर्णिया में चालक के पद पर कार्य करता है.
वह अपने परिवार के भरण-पोषण किसी प्रकार कर पाता है फिर अपनी मां का इलाज वह किस प्रकार कराता. लेकिन दीपक ने हार नहीं मानी, कटिहार, भागलपुर सहित अन्य कई अस्पताल व निजी चिकित्सालय में इलाज कराया, लेकिन असक्षम होने के कारण पुन: अपनी मां को लेकर घर आ गया.
दो वर्षों से करा था रहा इलाज
दीपक ने बताया कि पूर्व में भी सदर अस्पताल में मां को भरती कराया था. चिकित्सक ने जवाब दे दिया है कि यह अधिक दिनों की मेहमान नहीं है. लेकिन विगत चार-पांच वर्षों से उसका इलाज वह घर पर ही एक निजी चिकित्सक से कराते आ रहे हैं. उसकी मां विस्तर पर पीड़ा से चीखती रहती है और पुत्र उसे पेन किलर व अन्य दवा देकर तत्काल उसकी पीड़ा को खत्म तो कर देते हैं लेकिन जब दवा का असर कम हो जाता है तब पुन: उसकी पीड़ा शुरू हो जाती है.
पीएम को लिखी चिठ्ठी
इस संदर्भ में दीपक ने पीएम को चिठ्ठी लिखी और अपनी मां के इलाज में अपने को असमर्थ बताया. इस आलोक में पीएमओ से नरेंद्र मोदी की हस्ताक्षरित चिट्ठी कटिहार सीएस को सोमवार को प्राप्त हुई.
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