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घने कुहासे व ठंड के आगोश में कटिहार
कटिहार: घने कुहासे के साथ पड़ रही ठंड से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कुहासा पड़ने का सबसे अधिक असर ट्रेन के परिचालन पर पड़ रहा है. जबकि सड़क परिवहन भी इसका बूरा प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है. इसके साथ ही गरीब गुरबों व फुटपाथ पर रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ […]
कटिहार: घने कुहासे के साथ पड़ रही ठंड से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कुहासा पड़ने का सबसे अधिक असर ट्रेन के परिचालन पर पड़ रहा है. जबकि सड़क परिवहन भी इसका बूरा प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है. इसके साथ ही गरीब गुरबों व फुटपाथ पर रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. जबकि स्कूली बच्चों को सुबह में स्कूल जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल इस वर्ष ठंड अचानक ही अपना रूप दिखाने लगा है. ठंड को लेकर पहले से लोगों की तैयारी नहीं थी. जिसके कारण परेशानी बढ़ गयी है. प्रभात खबर ने ठंड की स्थिति पर गुरुवार को नजर डाली है.
कुहासे की चपेट में सड़क परिवहन : शाम होते ही कुहासा शुरू हो जा रहा है. जैसे-जैसे रात बढ़ते जाता है कुहासा अपनी चादर बढ़ाते जाता है. हाल यह हो जा रहा है कि सुनसान क्षेत्र में अधिक कुहासा के कारण लोगों को वाहन चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क पर आगे कुछ दिखायी ही नहीं पड़ता है. जबकि शहर में रोशनी की व्यवस्था होने की वजह से यह स्थिति कम होती है. कुहासे का सबसे अधिक असर सुबह में देखने को मिल रही है.
एनएच पर कुहासे का दिख रहा असर : एनएच 31 व 81 पर शाम होने के साथ वाहनों के परिचालन में कमी आ रही है. सुबह में भी कुहासा कम होने के बाद ही वाहन चल रहे हैं. वाहन चालक कुहासा से बचने के लिए लाइन होटल, ढाबा सहित अन्य स्थानों पर अपने वाहनों को खड़ी कर कुहासा कम होने का इंतजार करते देखे जा रहे हैं. यह स्थिति दिसंबर माह में ही है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी एक सप्ताह के बाद ठंड व कुहासा में और अधिक बढ़ोतरी होगी. ऐसे में सड़क पर वाहनों के चलने में क्या परेशानी होगी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इससे व्यवसाय पर भी असर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है.
सड़क हादसे में वृद्धि होने की संभावना : जिस तरह कुहासे की मार सड़क परिवहन पर पड़ रहा है. उसे देखते हुए सड़क दुर्घटना के मामले बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे मामले में खासकर दो पहिया, चार पहिया व बड़ी वाहनों के परिचालन में सावधानी बरतनी की आवश्यकता है. थोड़ी सी असावधानी दुर्घटना को आमंत्रण देने के लिए काफी है. चूंकि सड़क पर कुहासा में वाहन चलाने पर आगे से आने वाले वाहनों को देखा नहीं जा सकता है. एका-एक सामने जब वाहन आ जाता है उस समय उसकी लाइट दिखती है. ऐसे में वाहनों की टक्कर आम बात है.
गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ी : घने कुहासे के साथ ठंड में तेजी आने की वजह से गर्म कपड़ों की डिमांड एका-एक बढ़ गयी है. जिस तरह इस वर्ष पहले ठंड प्रवेश कर कहर बरपाना शुरू कर दिया है, उसे देखते हुए लगता है कि इस वर्ष गर्म कपड़ों की बिक्री जमकर होगी. अभी स्थिति यह है कि शहर में जितने भी गर्म कपड़ों की छोटी-बड़ी दुकानें हैं. उसमें खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ने लगी है.
स्कूल जाने में बच्चों को हो रही परेशानी : शहर में जितने भी निजी स्कूल है. उसका खुलने का समय सुबह आठ से नौ बजे के बीच है. ऐसे में समय पर स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को इस ठंड में छह बजे ही उठना पड़ रहा है. छह बजे तक कुहासा की वजह से अंधेरा ही छाया रहता है.
फुटपाथी जीवन जीने वालों की बढ़ी परेशानी : फुटपाथ पर जीवन गुजर बसर करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. इन्हें न रहने की जगह है न ही पहने के लिए बेहतर गर्म कपड़े, रात में सोने के लिए रजाई, कंबल भी उपलब्ध नहीं होने की वजह से वैसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. ऐसे वक्त में जिला प्रशासन, समाज सेवी, स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर इनका ध्यान रहता है कि वे गर्म कपड़े, कंबल दे तो ठंड से राहत मिलेगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई आगे नहीं आया है.
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