कटिहार : जिले में मातृ व शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने व कुपोषण से बचाव के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गयी है. इन्हीं में से एक गर्भवती महिलाओं का एएनसी व टीकाकरण है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एएनसी के तहत गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य जांच तथा आयरन फोलिक एसिड की गोली दिया जाता है.
गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन एक गोली का सेवन करती है. सरकार के द्वारा इसका मुफ्त वितरण किया जाता है, लेकिन पिछले सात-आठ महीने से कटिहार जिले में आयरन फोलिक एसिड की गोली गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा है. जबकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 87 फीसदी से अधिक महिलाएं खून की कमी यानी एनिमिया की शिकार है.
इस बीच स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की माने तो पिछले सात-आठ महीने से आयरन फोलिक एसिड गोली की आपूर्ति नहीं हुई. 7-8 माह से नहीं मिल रहा आयरन की गोलीगर्भावस्था में महिलाओं की बेहतर देखभाल व उनके भीतर खून की कमी को पूरा करने तथा उन्हें स्वस्थ रखने के लिए सरकार द्वारा कई सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है.
गर्भवती महिलाओं को पिछले सात-आठ महीना से आयरन फोलिक एसिड की गोली नहीं मिल रही है. कुपोषण को दूर करने व मातृ शिशु-दर में कमी लाने में गर्भावस्था के दौरान आयरन फोलिक एसिड का नियमित सेवन से संभव होता है. यही वजह है कि विभाग ने गर्भवती महिलाओं व बच्चों को चिह्नित करने के लिए न केवल आशा, एएनएम के द्वारा पंजीकरण किया जाता है बल्कि मदर-चाइल्ड का ट्रेकिंग भी किया जाता है.
इसका मुख्य उद्देश्य जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखना है, जिसमें आयरन फोलिक एसिड का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. लेकिन कटिहार जिले के गर्भवती महिलाओं को 7-8 माह से बगैर आयरन फोलिक एसिड के ही काम चल रहा है.
कुपोषण मुक्त बिहार के लक्ष्य से लग सकता है झटकागर्भवती माताओं का नियमित एएनसी यानी स्वास्थ्य जांच टीकाकरण व आयरन फोलिक एसिड का सेवन कराने के पीछे सरकार का उद्देश्य से यही है कि बिहार को कुपोषण मुक्त बनाना है.
सरकार ने 2014-2018 में कुपोषण मुक्त बिहार का लक्ष्य निर्धारित है. आयरन फोलिक एसिड गोली की वजह से सरकार के कुपोषण मुक्त बिहार के लक्ष्य को झटका लग सकता है.
हर दिन 128 महिलाओं का होता है प्रसवस्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 70362 प्रसव का लक्ष्य रखा है. वित्तीय वर्ष के अप्रैल 15 से अक्तूबर 15 तक कुल 27444 महिलाओं का प्रसव हुआ. सिर्फ अक्तूबर 15 में 5779 महिलाओं का संस्थागत प्रसव हुआ. औसतन 128 महिलाओं का प्रसव हर दिन हो रहा है.
87 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से जूझ रहीस्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले में 87 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से जूझ रही है. खून की कमी को पूरा करने व पोषण को लेकर ही सरकार द्वारा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मुफ्त आयरन व फोलिकऐसिड की गोली दिये जाने का प्रावधान है.
जिले में आयरन फोलिकऐसिड की गोली नहीं रहने की वजह से सामान्य तरीके से प्रसव कराने के लिए विवश हो रही है. जानकार बताते हैं कि शरीर में खून की कमी होने के दौरान महिलाएं प्रसव होना कुपोषण को आमंत्रण देने के साथ-साथ जच्चा-बच्चा के जान भी खतरा बना रहता है.
कहते हैं डीपीएमजिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक निलेश कुमार ने बताया कि आयरन फोलिक एसिड गोली आवंटन के अभाव में वितरण नहीं किया जा रहा है. राज्य सरकार को आयरन फोलिक एसिड की गोली की आपूर्ति के लिए पत्र लिखा गया है. एक सप्ताह के भीतर इस गोली की आपूर्ति होने के बाद वितरण किया जायेगा.