कटिहार : शहर के चौक चौराहों पर यात्रियों को बैठाने के लिए ऑटो को सड़क के दोनों ओर खड़ी करने से शहर में जाम की समस्या आम बन गयी है. प्रतिदिन लगने वाले जाम से लोग परेशान हो रहे है. स्थानीय जन प्रतिनिधियों से लेकर आमलोगों ने कई बार प्रशासनिक पदाधिकारियों से जाम नहीं लगे इसके लिए शहर में ऑटो पड़ाव व पार्किंग की व्यवस्था कराने की मांग नगर निगम के पदाधिकारियों से की है.
लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जिससे लोग जाम में फंसकर प्रतिदिन परेशान होने के लिए विवश हो रहे हैं. शहर में लगने वाले जाम की समस्या को लेकर गुरुवार को प्रभात खबर की टीम ने चौक-चौराहों का जायजा लिया है. जहां की स्थिति यह थी कि ऑटो, बस, छोटे वाहन आदि बेतरीके से सड़कों के किनारे लगाये गये थे.
यही नहीं ऑटो व बस पड़ाव जहां नहीं है वहां भी इन वाहनों को खड़ी कर यात्रियों को वाहन पर बैठाया जा रहा था. जिसके कारण उन चौक-चौराहों पर जाम की स्थिति बन रही थी. ऐेसी ही कुछ स्थिति शहर के मिरचाईबाड़ी अंबेदकर चौक पर देखने को प्रतिदिन मिलती है. यहां छोटे व बड़े वाहनों को रोकर यात्रियों को चढ़ाया व उतारा जाता है.
इस चौक पर वाहनों के पार्क करने की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण पूर्णिया जाने वाली व पूर्णिया से कटिहार को लौटने वाले बड़े व छोटे वाहन बेतरीके से खड़ी की जाती है. जिससे यहां सुबह से शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है.
उसी प्रकार मिरचाईबाड़ी के ही बजरंग बली चौक के निकट भी छोटे, बड़े वाहनों को रोकर यात्रियों को उतारा व चढ़ाया जाता है. जिससे परेशानी होती है. इसके बाद सबसे खराब स्थिति रेलवे स्टेशन के निकट जीआरपी चौक की है.
यहां की स्थिति यह है कि खासकर ऑटो यहां सुबह से रात तक सड़क के दोनों किनारे लगी रहती है. उपर से दोनों ओर दुकानदारों के द्वारा सड़क के किनारे पर दुकान लगाने से आने- जाने का रास्ता नहीं बचता है. उपर से बड़े वाहन काफी देर तक यात्रियों को लोड़ करने के चक्कर में सड़क सकरी हो जाती है और जाम की स्थिति बन जाती है. यह किसी एक दिन की बात नहीं है
प्रतिदिन यही स्थिति यहां बनी रहती है. ट्रैफिक पुलिस वाहनों को यहां खड़ी करने के नाम पर नजराना वसूली कर वाहनों को खड़ी करने का इजाजत देते हैं.
इसी तरह जीआरपी चौक से कुछ आगे निकलने पर सिढी वाले ओवर ब्रिज के निकट भी सड़क के दोनों ओर रेल से उतरने वाले यात्रियों को ऑटो पर सवार कराने के लिए मारामारी बनी रहती है. यहां भी पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है. वही शहीद चौक की हालत तो सबसे खराब है.
यहां तो कहां ऑटो व रिक्शा खड़ा कर दी जायेगी यह कोई नहीं जानता है. सड़क के एक छोर पर तो हमेशा ऑटो व रिक्शा खड़ी ही रहती है. ट्रैफिक पुलिस सब कुछ देख कर भी चुप रहती है.
जिम्मेवार कौन ट्रैफिक पुलिस की जवाबदेही है कि सड़क किनारे लगने वाले वाहनों को खड़ी होने से रोका जाय. लेकिन इस कार्य में ट्रेफिक पुलिस पूरी तरह से फेल साबित हो रही है. इसका खामियाजा शहर व आने वाले लोगों को भुगतान पड़ रहा है.
कैसे मिलेगी इससे निजात नगर निगम प्रशासन को शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर ऑटो पड़ाव की व्यवस्था करने से इस समस्या से निजात मिल सकता है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण कई बार ऑटो चालकों को पुलिस के द्वारा झिड़की सुननी पड़ती है.