कटिहार : कटिहार रेल मंडल सूबे व देश में अपना एक अलग स्थान रखता है. इतना ही नहीं देश में अगर आमद की बात की जाये तो कटिहार रेल मंडल का पायदान कई मैट्रो सिटी रेलवे स्टेशनों को पीछे छोड़ देगा. आखिर रेल प्रबंधक इन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस पहल क्यों नहीं करती है.
कटिहार मालदा ट्रेन से एक साथ 14 बम बरामद होना स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. बीते 2011 वर्ष से 200 सौ करोड़ से लेकर दो हजार करोड़ की राशि का मुनाफा कटिहार रेल मंडल कमा चुका है. कमाई के मामले में यह रेल मंडल निरंतर आगे ही बढ़ रहा है.
इसके बावजूद यात्रियों के सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर या तो खानापूर्ति हो रही है या लापरवाही बरती जा रही है. -रेलवे स्टेशन पर आवागमन के कई मार्गकटिहार रेलवे स्टेशन की बात की जाये तो कटिहार स्टेशन के दो छोड़ जीआरपी चौक व ड्राइवर टोला की ओर से मॉडल स्टेशन है. उस ओर से यात्री कटिहार प्लेटफाॅर्म पर आवागमन करते है. जीआरपी चौक की ओर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम रहता है,
लेकिन ड्राइवर टोला सहित कई रास्ते जैसे फुट ओवर ब्रिज से एक नंबर सहित अन्य प्लेटफाॅर्म पर जाने के रास्ते, वीआइपी गेट, फलपट्टी की ओर व ड्राइवर टोला की ओर से जाने के रास्ते है. जहां से स्टेशन पर आसानी से प्रवेश कर या फिर स्टेशन से यात्री आ जा सकते है. -ओवर ब्रिज से फुट ओवर ब्रिज एक नंबर प्लेटफाॅर्म परओवर ब्रिज से खासकर एक नंबर प्लेटफाॅर्म पर सीधे जाने वाले फुट ओवर ब्रिज पर आसानी से यात्री एक नंबर प्लेटफार्म पर प्रवेश कर ट्रेन पर सवार हो सकते है.
जहां सुरक्षा की तो बात दूर एक रेलवे की सुरक्षा गार्ड भी खड़ा नहीं रहता है जो, कि आने वालों पर नजरे रख सके. -स्टेशन से निकलने के हैं कई रास्तेइन रास्तों के अलावा भी कई अन्य रास्ते हैं. जिस होकर रेल यात्री बिना किसी रोक टोक के स्टेशन के महत्वपूर्ण स्टेशन तक पहुंंचा जा सकता है. जिन्हें चोर रास्ते भी कहा जा सकता है.
अतिरिक्त भी कई चोर रास्ते प्लेटफाॅर्म में प्रवेश करने के लिए है जो सीधे रेलवे ट्रेक को पार कर प्लेटफाॅर्म तक पहुंचते है. सिर्फ यात्री ही नहीं बल्कि उनका सामान भी इस चोर रास्ते के माध्यम से ही पार होता है जहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. आखिर इन्हीं सुरक्षा व्यवस्था का दम रेल प्रशासन भरती है. क्या यह यात्रियों के जिदंगी के साथ खिलवाड़ नहीं तो क्या है.