कटिहार : कारी कोसी घाट में नहाने के क्रम में तीन बच्चों की डूबने से मानो डहेरिया व बनियां टोला में मातमी सन्नाटा पसरा रहा. देर शाम जब बच्चे का शव घर पहुंचा तो मां व घर के अन्य सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था.
कारूणिक क्रुं दन से आसपास के लोगों के आंखो में स्वत: आंसू आ गये. लोगों का जमघट मृतक के घर पर जुट गया. सभी के मुंह से अनायास एक ही बात निकल रही थी हाय बच्चा चला गया.
परिजन बार बार मां दुर्गा से यह फरियाद कर रही थी कि मेरे बेटे से क्या गलती हुई कि मां तू उसे पहली पूजा के ही दिन हमसे छिन ली. प्रशांत तिवारी व कृष्णा सिंह के घर पर लोगों की भीड़ मानो हटने का नाम ही नहीं ले रही थी.
वहीं बनियां टोला में भी जयकिशोर राय के घर का यही दृश्य था. आह ….यह क्या हो गया-मंगलवार की दिन के दो बजे कोचिंग में छुट्टी रहने के कारण कारी कोसी घाट पहुंचे व नदी में नहाने की योजना बनायी.
चार छात्र नदी में नहाने कूद पड़े. जिसमें एक छात्र बाहर ही रह गया. उसने नहाने से इंकार कर दिया. संभवत उस बच्चे की किस्मत कही जाये या फिर उसकी जिंदगी के शेष दिन बचे थे.
इसलिए वह नहीं नहाया. कुछ देर उपरांत चारों छात्र डूबने लगे. जिसमें एक को स्थानीय मछुआरा ने बचा लिया तथा तीन बच्चे कोसी में समा गये. घटना की जानकारी मिलते ही तीन बजे से सभी परिजन कारी कोसी घाट पर बच्चे की डूबने की खबर पाकर पहुंच गये. डूबे हुए बच्चे के शव को निकालने का प्रयास जारी था.
स्थानीय लोगों के मदद से गोताखोर लगातार शव को निकालने में लगा था. कुछ घंटे बाद सर्वप्रथम महेश तिवारी का पुत्र प्रशांत का शव उसके बाद आदित्य राज व अंधेरा होने के बाद लाईट का व्यवस्था कर कृष्णा सिंह के पुत्र का गोलू का शव बाहर निकाला गया. सबके मुह से अनायास एक ही शब्द फुट रहे थे आह……यह क्या हो गया.
एक साथ तीन बच्चे डूब गये. परिजनों व स्थानीय लोग का आरोप जिला प्रशासन की लापरवाही में तीनों बच्चों की गयी जान.